Ratlam News: बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार; केबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने की निंदा, 3 लाख लोगों के जुटने की संभावना

प्रशासन की व्यवस्था चाकचौबंद, शहर सहित जिलेभर के लिए वाहन पार्किंग व्यवस्था जारी

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों के विरोध में रतलाम में सकल हिंदू समाज द्वारा 3 दिसंबर को एक विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया जा रहा है। यह रैली दोपहर 2 बजे कालिका माता मंदिर से शुरू होगी।
रैली में रतलाम शहर के साथ-साथ जावरा, सैलाना, आलोट, ताल और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। आयोजकों के अनुसार, रैली में करीब 3 लाख लोगों के जुटने का अनुमान है। रैली को लेकर प्रशासन ने भी व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

बांग्लादेश में अत्याचार की घटनाएं
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों में हत्या, लूटपाट, आगजनी, जबरन धर्मांतरण और महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे पूरे देश में आक्रोश है। रैली का उद्देश्य बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाना और उनकी रक्षा के लिए भारत सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करना है।
रतलाम के लोगों से इस रैली में अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है, ताकि समाज के सामूहिक आक्रोश को एक स्वर दिया जा सके।

मंत्री चेतन्य काश्यप ने किया रैली में शामिल होने का आह्वान
रतलाम शहर विधायक और एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने रतलाम की जनता से इस जन आक्रोश रैली में शामिल होने का आह्वान किया है।
मंत्री काश्यप ने कहा, “रतलाम की जनता रैली में शामिल होकर एकता का परिचय दे। मैं इन घटनाओं की घोर निंदा करता हूं और भारत सरकार से अपील करता हूं कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं।”

पार्किंग व्यवस्था इस प्रकार होगी:
• रतलाम शहर के वाहनों के लिए: गुलाब चक्कर और पुराना कलेक्टोरेट।
• ग्रामीण क्षेत्रों (जावरा, सैलाना, आलोट, बाजना, आदि) से आने वाले वाहनों के लिए: अंबेडकर ग्राउंड के पीछे का गेट।
(इन वाहनों को दो बत्ती चौराहे और फव्वारा चौक से डायवर्ट किया जाएगा।)

Ratlam News: रतलाम मेडिकल कॉलेज में नई शुरुआत; मिलेगा कमर, गर्दन जैसे दर्द का निःशुल्क इलाज

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज रतलाम (GMC Ratlam) ने विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (PMR) विभाग के तहत फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और ऑर्थोटिक्स-प्रोस्थेटिक्स जैसी अत्याधुनिक सेवाओं का शुभारंभ किया। इन सेवाओं के माध्यम से अब मरीजों को कमर दर्द, गर्दन दर्द, बच्चों में विकार और कृत्रिम अंग एवं पट्टे जैसी समस्याओं का नि:शुल्क इलाज मिलेगा। 

विश्व विकलांगता दिवस का महत्व
हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस दिव्यांगों के अधिकारों और उनके प्रति करुणा एवं सम्मान का संदेश देता है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में PMR विभाग ने अत्याधुनिक मशीनों और सेवाओं के माध्यम से मरीजों के इलाज में नए आयाम जोड़े। 

PMR विभाग में निम्नलिखित आधुनिक मशीनें और सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं: 
– लेजर थेरेपी
– ट्रैक्शन मशीन
– आईएफटी मशीन
– हीटिंग थेरेपी

इन सेवाओं का लाभ अस्पताल में भर्ती मरीज (IPD) और बाहरी मरीज (OPD) दोनों उठा सकते हैं। 

सफल इलाज के प्रेरणादायक मामले 
केस 1:
12 महीने की बच्ची, जिसे न्म से दाहिने कूल्हे में दर्द और पैर सीधा न रखने की समस्या थी, PMR विभाग में नियमित थेरेपी से पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। बच्ची अब चलने लगी है और किसी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी। 

केस 2:
दीपक पाटीदार, 35 वर्षीय व्यक्ति, जिन्हें लकवे की शिकायत थी, ने PMR विभाग में फिजियोथेरेपी करवाकर अपनी दैनिक गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं। 

फिजियोथेरेपी के लाभ
– मांसपेशियों और जोड़ों की लचक बनाए रखता है। 
– वजन नियंत्रण और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार। 
– हृदय, फेफड़े और शारीरिक क्षमता में वृद्धि। 
– मानसिक तनाव कम करके सकारात्मकता बढ़ाता है। 

ये रखे सावधानियां:
– उच्च रक्तचाप, सांस फूलने, अस्थिभंग (फ्रैक्चर) की स्थिति में सावधानी बरतें। 
– इंटरनेट से देखी गई एक्सरसाइज से बचें। 
– केंसर के शुरुआती स्टेज में

2000 से अधिक मरीज लाभान्वित
अब तक 2000 से अधिक मरीज (OPD और IPD) इस विभाग की सेवाओं से लाभान्वित हो चुके हैं।  PMR विभाग के विशेषज्ञों ने कहा कि यह पहल न केवल दिव्यांग मरीजों के लिए सहायक सिद्ध होगी, बल्कि उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का नया अध्याय जोड़ेगी।

My Bharat Quiz: “विकसित भारत चैलेंज” में भाग लें और बनें विकसित भारत के युवा लीडर, लाखों के इनाम जितने के साथ देश की हस्तियों से मिलने का मौका

नई – दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। My Bharat Quiz: भारत के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने और देश के विकास में योगदान देने का शानदार मौका “विकसित भारत चैलेंज” के माध्यम से मिल रहा है। इस चार चरणीय प्रतियोगिता के तहत युवा अपने कौशल और विचारों से विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बन सकते हैं। 

चार चरणों में होगी प्रतियोगिता
1. विकसित भारत क्विज – यह प्रतियोगिता का पहला चरण है, जिसमें ज्ञान और समझ का परीक्षण होगा। 
2. निबंध/ब्लॉग लेखन – प्रतिभागी अपने विचारों को लेखन के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे। 
3. विकसित भारत विजन पिच डेक – इस चरण में प्रतिभागी अपनी दृष्टि और योजनाओं को प्रस्तुत करेंगे। 
4. विकसित भारत राष्ट्रीय प्रतियोगिता – राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता का अंतिम चरण होगा। 

पुरस्कार
– प्रथम पुरस्कार: ₹1,00,000 
– द्वितीय पुरस्कार: ₹75,000 
– तृतीय पुरस्कार: ₹50,000 
– अगले 100 प्रतिभागियों को ₹2,000 का सांत्वना पुरस्कार। 
– इसके अतिरिक्त, अगले 200 प्रतिभागियों को ₹1,000 का अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। 

विशेष अवसर
प्रतियोगिता के विजेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत विराट कोहली, अक्षय कुमार, एमएस धोनी और अन्य यूथ आइकन्स से मिलने का अवसर मिलेगा। 

आवेदन की अंतिम तिथि और पात्रता
प्रतियोगिता में 15 से 29 वर्ष के भारत के युवा भाग ले सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2024 है। 

कैसे करें आवेदन
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाकर क्विज में हिस्सा लें: 
[https://quiz2.mygov.in/](https://quiz2.mygov.in/

देशभर के युवाओं से अपील है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

Ratlam News: मेडिकल कॉलेज में कंगारू टेक्नीक से बच्चे को मिला नया जीवन; 3 महीने तक डॉक्टर्स व स्टाफ ने की देखभाल

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: मेडिकल कॉलेज रतलाम के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की टीम ने 600 ग्राम के अत्यंत कमजोर नवजात को नया जीवन देकर एक और मिसाल पेश की है। यह बच्चा, जिसे जन्म के तुरंत बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं, अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुका है। घर जाते वक्त डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए बच्चे की मां संगीता की आंखें भी भर आई। वहीं पिता वीरेंद्र ने भी रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।

गंभीर स्थिति में हुआ था नवजात का जन्म
31 अगस्त 2024 को संगीता पति वीरेंद्र को उच्च रक्तचाप और पैरों में सूजन की शिकायत के चलते मेडिकल कॉलेज रतलाम में भर्ती किया गया। चिकित्सीय आपात स्थिति को देखते हुए समय से पूर्व उनकी डिलीवरी करवाई गई। जन्म के समय नवजात का वजन मात्र 600 ग्राम था और उसे सांस लेने में गंभीर परेशानी हो रही थी। पति वीरेंद्र ने बताया की जब बच्चे का जन्म हुआ तो हमने आशा छोड़ दी थी कि यह जिंदा रहेगा। मगर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के लोगों ने हमसे ज्यादा समय हमारे बच्चे को दिया। उसकी देखभाल की। जिससे आज 3 महीने बाद हमारा बच्चा स्वस्थ है। इसके लिए में डॉक्टरों का जीवनभर आभारी रहूंगा।

अपने स्वस्थ बच्चे के साथ संगीता और वीरेंद्र

एसएनसीयू टीम ने संभाली जिम्मेदारी
नवजात को तुरंत एसएनसीयू में भर्ती किया गया, जहां बच्चे की धीमी धड़कन और सांस की समस्या के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया। जीवनरक्षक दवाओं और विशेषज्ञ देखभाल से नवजात की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हुई। सात दिनों के गहन उपचार के बाद बच्चे को वेंटिलेटर से हटाया गया। हालांकि, इस दौरान उसका वजन घटकर 480 ग्राम हो गया। 

कंगारू मातृ देखभाल से बढ़ाया वजन
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने माता को “कंगारू मातृ देखभाल” के तहत बच्चे को नियमित देखभाल और उचित पोषण दिया। 93 दिनों के सतत प्रयासों और विशेषज्ञ निगरानी से बच्चे का वजन बढ़ाकर 1 किलो 200 ग्राम किया गया। कंगारू मातृ देखभाल में, नवजात बच्चे या विशेष रुप से ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय-पूर्व होता है। उनकी देखरेख की विशेष तकनीक है, जिसमें नवजात शिशु की देखभाल उसके माता-पिता अथवा अभिभावक त्वचा से त्वचा के स्पर्श द्वारा करते हैं।

डिस्चार्ज पर परिवार ने व्यक्त किया आभार
डिस्चार्ज के समय नवजात पूरी तरह स्वस्थ था। बच्चे की मां और परिजनों ने एसएनसीयू की टीम, विशेष रूप से डॉ. देवेंद्र नरगावे, डॉ. आशीष कुमार गुप्ता, डॉ. प्राची मट्टा और नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. एम.एल. बर्मन ने भी समय-समय पर मार्गदर्शन किया। 

एसएनसीयू टीम की सफलता
एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र नरगावे ने बताया कि यह सफलता टीम के अथक प्रयास और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का परिणाम है। मेडिकल कॉलेज रतलाम की एसएनसीयू इकाई नवजात शिशुओं की देखभाल में एक मिसाल बनती जा रही है।