पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। नगर में संचालित हो रहे उद्योगों की मनमानी इस कदर हावी है की उनके आगे नियम कायदे बोने नजर आ रहे है। ऐसा ही मंजर आजकल इंडस्ट्रियल एरिया में देखने को मिल रहा है। जहां बेधड़क नियम विपरीत सड़कों पर उद्योगों का माल उतारा और चढ़ाया जा रहा है। यहां बड़े – बड़े ट्रक नियम विपरीत सड़कों को घेरे खड़े रहते है। जबकी नियमानुसार उद्योगों को अपने परिसर में इनको खड़ा रखना होता है। इसके अलावा नियमों को ताक पर रखते हुए उद्योगों में आने वाले भारी वाहन ट्रक आदि को सड़कों पर लाइन से खड़ा कर दिया जाता है, जो की कई दिनों तक वहीं खड़े रहते है। धनबल व राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती। कई उद्योगों ने तो अपने लाभ के लिए सरकारी रास्तों को फेंसिंग या चद्दर डाल कर बंद कर रखा है।
आमतौर पर रेलवे माल गोदाम, रतलाम वायर्स, कटारिया प्लास्टिक, डीपी वायर्स जैसे उद्योगों के बाहर अक्सर जाम देखा जा सकता है। नागरिक जब इन रास्तों से गुजरते है तो ट्रक घण्टों तक साइड नहीं देते जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे मामले में उद्योग महाप्रबंधक मुकेश शर्मा से पब्लिक वार्ता ने सवाल किया तो उनका कहना था की उद्योगों व उनके मालिक को भारी वाहनों व अन्य की पार्किंग व्यवस्था खुद को करना होती है। राहगीर या आमजन परेशान होते है तो यह गलत है, ट्रैफिक नियमों के अनुसार पुलिस कार्रवाई की जा सकती है। औद्योगिक थाना पुलिस के अनुसार उद्योगों को समझाईश दी जाएगी। अगर फिर भी कोई सुधार नहीं होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।