ऐसी कारिस्तानी : भाजपा पार्षद बलराम भट्ट की थी हरे-भरे पेड़ कटवाने की तैयारी, पर्यावरण प्रेमियों के विरोध के बाद रुके

फायदा पहुंचाने के लिए बगैर अनुमति सड़क निर्माण कार्य की आड़ में उजाड़ दिए फलदार पेड़!,

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिम्मेदार जब अपनी जिम्मेदारी भूल कर अवैधानिक काम करने लगे तो फिर किसे दोष दिया जाए। ऐसा ही एक मामला वार्ड क्रमांक 11 में सामने आया है। वार्ड के भाजपा पार्षद बलराम भट्ट ने हरे – भरे फलदार पेड़ो की कटाई करवा दी। और भी पेड़ काटे जाते उससे पहले सूचना शहर के पर्यावरण प्रेमियों तक पहुंची जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर बाकी बचे पेड़ो की कटाई को रुकवाया। पेड़ो की कटाई सड़क निर्माण की आड़ में अवैध रूप से की जा रही थी। क्षेत्रवासियों का कहना है की पार्षद बलराम भट्ट गिने चुने 2-3 परिवारों को फायदा दिलवाने के लिए पेड़ों की कटाई करवा रहे थे। पर्यावरण प्रेमियों और अन्य लोगों ने वहां जाकर सभी पक्षों से बात की और अधिकारियों को सूचित किया। इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ। जिसके बाद अधिकारियों ने आश्वस्त किया की यहां पेड़ों की कटाई नहीं होगी। सूचना मिलते ही अधिवक्ता एवं समाजसेवी अदिति दवेसर, बबीता नागर, शिल्पा जोशी, हेमा हेमनानी, पत्रकार अदिति मिश्रा आदि मौके पर पंहुचे।

चुने की लाइन से अंदर लगे पेड़

अदिती दवेसर ने बताया डोंगरे नगर में मेन रोड का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। यहां सड़क की चौड़ाई करीब 30 फीट है। इसके लिए चूने की लाईन भी डाली गई है। यहां पीपल, नीम, कल्पवृक्ष जैसे पेड़ हैं जो चूने की लाईन के बाहर हैं। यानी ये सड़क निर्माण में कहीं से भी बाधक नहीं है। इसके बावजूद एक पट्टी से 4 पेड़ काट दिए गए जिनमें आम, जामून और नीम के पेड़ शामिल थे। अब सड़क की दूसरी पट्टी पर भी पेड़ काटने की तैयारी कर ली गई। L तकनीकी जानकारी ली तो पता चला कि पेड़ सड़क निर्माण की अनुमति प्राप्त चौड़ाई में नहीं आ रहे हैं बल्कि सड़क के किनारे हैं। इसके बावजूद दो परिवारों की व्यक्तिगत शिकायत के चलते पेड़ काटने की तैयारी कर ली गई थी। क्षेत्र के अधिकांश रहवासी पेड़ों की कटाई के खिलाफ हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा दबाव बनाए जाने पर पेड़ काटे जा रहे थे।

जुर्माने व सजा का है प्रावधान
वृक्ष अधिनियम के तहत भी बिना अनुमति पेड़ काटना कानूनन जुर्म है जिसके लिए पैनल्टी और सजा भी हो सकती है। अत्यावश्यक होने पर यदि नगर निगम द्वारा पेड़ काटने की अनुमति जारी भी की जाती है तो एक पेड़ काटने के बदले 5 पौधे पहले ही दूसरे स्थान पर लगाए जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं पौधों की पांच साल तक पूरी देखरेख करना भी काटने वाले के लिए अनिवार्य है।