कावड़ की धूमः सुरजमल जैन नगर से बिलपांक और बरबड़ से केदारेश्वर तक निकलेगी पैदल कावड़ यात्रा

पब्लिक वार्ता-रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में सावन माह की शुरुआत होते ही शिव भक्तों की कावड़ के सिलसिले शुरु हो गए है। 5 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार है। सोमवार को नगर में दो स्थानों से कावड़ यात्रा निकलेगी। जिसमें सेकड़ों भक्त शामिल होंगे। नगर के सुरजमल जैन नगर स्थित पिपलेश्वर महादेव और बरबड़ हनुमान मंदिर दोनों स्थानों से सुबह 8 बजे पैदलव कावड़ निकलेगी।

पिपलेश्वर महादेव समिति के जीतु चौधरी ने बताया की तीसरे वर्ष कावड़ का आयोजन किया जा रहा है। उंकाला रोड से कावड़ यात्रा शुरु होगी जिसका समापन बिलपांक विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर किया जाएगा। कावड़ दोपहर 2 बजे तक पहुंचेगी, जहां भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक किया जाएगा।     बरबड़ एकता ग्रुप के राजेश जाट (छरंग) ने बताया की पहली बार बरबड़ हनुमान मंदिर से कावड़ निकाली जाएगी। मंदिर परिसर में गंगाकुई नामक कुआं है। जिसके जल से अडवानिया स्थित केदारेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया जाएगा। कावड़ यात्रा बंजली, पलसोड़ा फंटा, इसरथुनी, गोपालपुरा होते हुए दोपहर तक सैलाना के अडवानिया पहुंचेगी। बरबड़ एकता ग्रुप द्वारा प्रत्येक मंगलवार को रात्रि 8 बजे हनुमान चालिसा का पाठ भी किया जाता है।

कुत्ते की शिवभक्तिः कावड़ियों के साथ 100 किमी चलकर “भोला” पहुंचा उज्जैन महाकाल मंदिर, श्वान की भक्ति देख हर कोई हैरान, देखिए वीडीयो

पब्लिक वार्ता- रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सावन माह में भगवान शिव की भक्ति में कावड़ का विशेष महत्व है। अपने आराध्य भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग कावड़ यात्रा निकालते है। मान्यता है की कावड़ में जल भरकर शिव जी का अभिषेक करने से इच्छाओं की पूर्ति होती है। आमतौर मनुष्य को कावड़ में जल ले जाते हुए हमने देखा है। लेकिन अगर रोड पर विचरण करने वाला कुत्ता या श्वान कावड़ में शामिल हो तो आप क्या कहेंगे? मध्यप्रदेश के रतलाम से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। जहां एक शिव भक्त श्वान कावड़ियों के साथ चल दिया। बकायदा उसने अपने गले में कावड़ का जल कलश भी उठा रखा था। गांव में इस आवारा श्वान को लोग भोला कहकर पुकारते है। 100 किमी की इस यात्रा में हर कोई श्वान भोला को कावड़ ले जाते देख हैरान हो गया। मंदिर परिसर एवं रास्तेभर लोगों ने अपने मोबाईल से विडीयो बनाए, जो अब सोशल मिडीया पर वायरल हो रहे है। शायद ही इस प्रकार से शिव भक्ति का किस्सा आपने पहले सुना या देखा होगा!

वीडियो : कावड़ में शामिल भोला

दरअसल रतलाम के लुनेरा गांव के विश्वेश्वर महादेव मंदिर से उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग तक पैदल कावड़ यात्रा निकाली गई। 29 जुलाई को शुरु हुई जो तिसरे दिन यानी 1 अगस्त को उज्जैन पहुंची। ग्रामीण विक्रम गुर्जर ने बताया की यह श्वान गांव में रहता है और इसका नाम भोला है। जब हम लोग कावड़ लेकर रवाना हुए तो यह हमारे पीछे-पीछे चल पड़ा। इसे भगाने पर भी नहीं गया। एक अन्य गांव में रात्रि विश्राम के दौरान इसे वापस लुनेरा गांव छोड़ा मगर वह वापस आ गया। जिसके बाद हम सभी ने महादेव की इच्छा समझकर भोला को साथ चलने देने की सहमति जताई।

कावड़ियों के साथ खड़ा “भोला”

भोला के गले पर कावड़ जल का कलश बांधा, जिसे बगैर नुकसान पहुंचाए वह उज्जैन तक ले गया। हालांकी सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर परिसर के हॉल के बाहर ही भोला को रोक लिया गया। लेकीन यहां भी भोला भीड़ देखकर या रोक लेने से विचलित नहीं हुआ। और शांति से बाहर बैठकर अपने साथियों के दर्शन कर आ जाने तक इंतजार किया। यह नजारा देखकर सुरक्षाकर्मी भी हैरान रह गए और उसकी वीडियो लेने लगे।