Ratlam News: रोज के झगड़े से परेशान होकर बाप – बेटे ने पड़ोसी भतीजे को उतारा मौत के घाट, पुलिस ने रातो-रात पकड़ा

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: रतलाम जिले के बड़ावदा थाना पुलिस ने एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना का खुलासा तब हुआ जब 15 अक्टूबर 2024 को बड़ावदा वार्ड नंबर 5 में सुनिल चौहान की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत शरीर उसके घर में पाया गया। मृतक के गले पर गला घोंटने के निशान थे, जिससे प्रथम दृष्टया यह मर्डर का मामला प्रतीत हुआ। मृतक के भाई अंकित चौहान द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के आधार पर जांच शुरू की गई। पुलिस ने तत्तपरता दिखाते हुए सूचना मिलने के बाद रातो रात आरोपियों को हिरासत में ले लिया। घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने पहुंचकर तफ्तीश की और जांच अधिकारी को निर्देशित किया। हत्या में शामिल दोनों आरोपी मृतक के रिश्तेदार है। जिनमें एक मृतक का चाचा तो दुसरा उसका चचेरा भाई है।

पलंग पर पड़ा था शव
मृतक सुनिल चौहान का शव उसके घर के कमरे में पलंग पर पड़ा मिला, जिसके गले में गला घोंटने के स्पष्ट निशान थे। घटना स्थल की जांच के दौरान यह पाया गया कि कमरे का दरवाजा सिर्फ हल्का सा अटका हुआ था, जिससे यह साफ हुआ कि कोई बाहरी व्यक्ति कमरे में आ सकता था। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि सुनिल चौहान की मौत गला घोंटने के कारण हुई थी, जिसकी पुष्टि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में भी हुई।


पुलिस जांच और आरोपियों का खुलासा
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने पड़ोसियों और पारिवारिक सदस्यों से पूछताछ की, जिससे यह जानकारी मिली कि मृतक सुनिल शराब पीने का आदि था और आए दिन पड़ोसियों के साथ झगड़ा करता रहता था। मृतक के पड़ोसी रमेश और उसका बेटा रवि पूछताछ के दौरान संदिग्ध पाए गए, जिन्हें हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई।

पूछताछ में रमेश और रवि ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि सुनिल के नशे में झगड़ा करने की आदत से वे परेशान हो गए थे। दिनांक 13 अक्टूबर 2024 की रात को, दोनों ने मिलकर प्लास्टिक पाइप से सुनिल का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

जप्ती और गिरफ्तारी
पुलिस ने हत्या में उपयोग किए गए प्लास्टिक पाइप को जप्त कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं: 
1. रमेश पिता देवीसिंह चौहान, उम्र 46 वर्ष 
2. रवि पिता रमेश चौहान, उम्र 25 वर्ष

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस केस को सुलझाने में थाना प्रभारी टी.एस. डावर, उप निरीक्षक जे.सी. कुमावत, राजेश मालवीय, सउनि एम.एल. दसोरिया, प्र.आर. अलेक्जेण्डर राय, प्र.आर. राजेश पानोला, आरक्षक गोपालसिंह और आरक्षक बालुसिंह की सराहनीय भूमिका रही।

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार (Ips Amit Kumar) ने इस सफल कार्यवाही के लिए टीम की प्रशंसा की और जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समाज में शांति और सुरक्षा बनी रहे

Train Time Table: दिवाली से पहले कई ट्रेनों का मार्ग बदला, पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य नूं,

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Time Table: पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न मंडलों में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के चलते कई महत्वपूर्ण ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं। रेलवे प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, जबलपुर मंडल के कटनी-सिंगरौली खंड में गोंदवाली स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग कार्य और प्रयागराज मंडल के प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ब्लॉक के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। इन ट्रेनों में कई प्रमुख गाड़ियां शामिल हैं, जो अलग-अलग तारीखों पर अपने निर्धारित मार्ग से हटकर नए मार्गों से संचालित होंगी।

पश्चिम मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें
पश्चिम मध्य रेलवे के रतलाम मंडल से गुजरने वाली निम्नलिखित ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलेंगी:

1. गाड़ी संख्या 19608 मदार जंक्शन-कोलकाता एक्सप्रेस 21 एवं 28 अक्टूबर को कटनी मुडवारा-सतना-प्रयागराज छिवकी- पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. होते हुए चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 19607 कोलकाता-मदार एक्सप्रेस 17 एवं 24 अक्टूबर को गढ़वा रोड-सोननगर-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी होते हुए चलेगी। 
3. गाड़ी संख्या 18009 संतरागाछी-अजमेर एक्सप्रेस 18 एवं 25 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी। 
4. गाड़ी संख्या 18010 अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस 20 एवं 27 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
5. गाड़ी संख्या 19413 अहमदाबाद-कोलकाता एक्सप्रेस 23 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
6. गाड़ी संख्या 19414 कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस 19 एवं 26 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी।

उत्तर मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें 
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में भी ब्लॉक के कारण कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं:

1. गाड़ी संख्या 09067 उधना-बरौनी स्पेशल 17 अक्टूबर को इटावा-कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-जंघई-वाराणसी मार्ग से चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 09068 बरौनी-उधना स्पेशल 18 अक्टूबर को वाराणसी-जंघई-लखनऊ-कानपुर सेंट्रल-इटावा मार्ग से संचालित होगी।

विशेष जानकारी:
उक्त ट्रेनें अपने परिवर्तित मार्गों से गुजरते समय कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ठहराव लेंगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे इन परिवर्तनों का ध्यान रखें और यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: खेतों की डिजिटल रजिस्ट्री से किसानों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, जानिए पूरी प्रक्रिया

भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाना है। इस अभियान के अंतर्गत किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है, जिसमें प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट किसान आईडी दी जाएगी। यह आईडी आधार कार्ड की तरह काम करेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से मिल सकेगा।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया
इस डिजिटल पहल में किसान रजिस्ट्री पोर्टल और मोबाइल ऐप की मदद ली जा रही है। किसानों को इस योजना का लाभ देने के लिए किसान रजिस्ट्री एमपी ऐप और स्थानीय युवाओं के लिए किसान सहायक एमपी ऐप बनाया गया है। इन ऐप्स के माध्यम से किसानों की ई-केवाईसी की जाएगी और उनकी भूमि की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

डिजिटल सर्वेक्षण में स्थानीय युवाओं की भागीदारी
राज्य के युवा इस पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो किसानों के खेतों की नाप-जोख करके डेटा इकट्ठा करेंगे। इसके लिए इन युवाओं को बैंक खातों में राशि का भुगतान भी किया जाएगा।

किसान रजिस्ट्री के लाभ
किसान रजिस्ट्री के जरिए किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे:
– सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: रजिस्ट्री के बाद किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकेंगे।
– आसान ऋण प्रक्रिया: किसान रजिस्ट्री होने से किसानों को कृषि ऋण लेने में सहूलियत होगी।
– बाजार की जानकारी: किसान अपने उत्पादों के लिए बाजार की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
– बेहतर मूल्य: कृषि उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया
इस डिजिटल प्रक्रिया में किसानों को ई-केवाईसी करनी होगी, जिसमें उनका आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खसरा खतौनी की जानकारी दर्ज की जाएगी। किसानों की सहमति डिजिटल तरीके से ली जाएगी और उनके सभी खातों को एक साथ जोड़ा जाएगा।

आवश्यक दस्तावेज
किसान रजिस्ट्री के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
– आधार कार्ड
– मोबाइल नंबर
– खसरा खतौनी
– समग्र आईडी

कॉमन सर्विस सेंटर से मदद
किसान रजिस्ट्री के लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर का भी सहारा ले सकते हैं। यहां किसान भू-स्वामी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करके रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

समाप्ति की तारीख
यह अभियान 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा, ताकि दिसंबर से सभी योजनाओं का लाभ किसान आईडी के माध्यम से मिल सके। यह प्रक्रिया किसानों की मदद और उनकी उपज की बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री की इस प्रक्रिया से किसानों के लिए कृषि कार्य और आसान हो जाएगा, और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी।

UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में सांसद और डॉक्टर के बीच तू-तू मैं-मैं, सासंद से कहा- नेतागिरी बाहर करो!, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब घोसी लोकसभा के सपा सांसद राजीव राय और अस्पताल में तैनात डॉ. सौरभ त्रिपाठी के बीच तीखी बहस हो गई। घटना तब हुई जब सांसद राजीव राय मरीजों की शिकायतों पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी अपने कक्ष से बाहर जाने की तैयारी में थे, जबकि मरीजों को उपचार की आवश्यकता थी। जब सांसद ने डॉक्टर को रोकने का प्रयास किया, तो डॉक्टर त्रिपाठी ने आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “नेतागिरी जाओ बाहर करो।”

इस घटना ने सांसद राजीव राय को नाराज कर दिया और दोनों के बीच जमकर बहस हो गई। यह पूरी घटना  कैमरे में कैद हो गई, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

डॉक्टर पर पहले भी लगे हैं बदसलूकी के आरोप
डॉ. सौरभ त्रिपाठी पहले भी अपने बदसलूकी के लिए चर्चा में रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अस्पताल में कवरेज करने आए एक पत्रकार के साथ भी दुर्व्यवहार किया था, जिसमें डॉक्टर ने पत्रकार का मोबाइल तोड़ दिया था और हेलमेट से हमला करने का भी आरोप है। इसके बावजूद, डॉक्टर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सांसद की नाराजगी और जांच के आदेश
घटना के बाद सांसद राजीव राय ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन से इस मामले की जांच की मांग की। अस्पताल के सीएमएस डॉ. धनंजय  ने जानकारी दी कि डॉक्टर सौरभ की रिपोर्ट जिलाधिकारी (डीएम) को भेजी जाएगी, और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि मामला अब हाई प्रोफाइल हो चुका है।

When to celebrate Diwali?: देशभर में इस दिन मनेगी 2024 की दिवाली, जयपुर की धर्मसभा में हुआ निर्णय

धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए, गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली (Diwali 2024) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाने का निर्णय

जयपुर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। कब मनाएं दिवाली?: दीपावली पर्व की तिथि को लेकर देशभर में जारी असमंजस के बीच, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन सभागार में अखिल भारतीय विद्वत परिषद द्वारा एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए। प्रमुख ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री की अध्यक्षता में हुई इस धर्मसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दीपावली (When to celebrate Diwali?) का महापर्व 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। धर्मसभा के अनुसार, यह तिथि शास्त्रसम्मत है और इसी दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का सही समय है।

धर्मसभा का निर्णय: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
धर्मसभा में विद्वानों ने विभिन्न पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय प्रमाणों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित और शुभ है। इस दिन प्रदोषकाल में व्यापिनी कार्तिकी अमावस्या का समय रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि विद्वानों ने पंचांगों की गणनाओं और सूर्य सिद्धांत के आधार पर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा, “31 अक्टूबर की रात को पूरी अमावस्या व्यापिनी रहेगी, और शास्त्रों के अनुसार कर्मकाल में तिथि की प्राप्ति आवश्यक होती है। इस कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए।”

शास्त्रों का समर्थन: प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन को अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। धर्मसभा में इस बात पर जोर दिया गया कि 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय व्यापिनी अमावस्या रहेगी, और उसी समय लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार सबसे उचित होगा। धर्मसभा के अध्यक्ष प्रो. रामपाल शास्त्री ने कहा, “दीपावली का पर्व तब तक सही नहीं माना जा सकता जब तक कि वह प्रदोषकाल में व्यापिनी अमावस्या के समय न हो।”

विरोध के स्वर: 1 नवंबर को भी दिवाली के पक्ष में विद्वानों की राय
हालांकि धर्मसभा में 31 अक्टूबर की तिथि को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, कुछ विद्वानों ने इसका विरोध भी जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य विद्वानों ने तर्क दिया कि 1 नवंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद अमावस्या रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अधिक शुभ मानी जाती है।

शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा, “शास्त्रों में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जब दो दिन अमावस्या का योग हो, तो दूसरे दिन अमावस्या को पर्व मनाना चाहिए। इस वर्ष 1 नवंबर को भी अमावस्या सूर्योदय के बाद तक बनी रहेगी, इसलिए 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत होगा।”

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा ने भी इसी प्रकार का तर्क देते हुए कहा, “दो दिन अमावस्या होने पर शास्त्रों के अनुसार उत्तर वाली अमावस्या (दूसरे दिन) को लक्ष्मी पूजन करना सही होता है। 1 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का भी संयोग रहेगा, जिससे लक्ष्मी पूजन का महत्व और बढ़ जाएगा।”

देशभर में विविधता: अलग-अलग राज्यों में अलग तिथियों पर दीपावली
दीपावली पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग पंचांगों के आधार पर विभिन्न तिथियों का निर्धारण किया गया है। अयोध्या के राममंदिर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, जबकि काशी में सौर पंचांग सिद्धांत के अनुसार 31 अक्टूबर को ही पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली के कुछ पंचांगकर्ता 1 नवंबर को दीपावली मानने के पक्ष में हैं, वहीं राजस्थान के जयविनोदी पंचांग और सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन होगा।

धर्मसभा का उद्देश्य: एकरूपता और धार्मिक अनुशासन की स्थापना
धर्मसभा के निर्णय का उद्देश्य पूरे देश में दीपावली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को समाप्त करना और सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच धार्मिक अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देना है। धर्मसभा के विद्वानों ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वश्रेष्ठ और शुभ है। धर्मसभा का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि सनातन धर्म के अनुयायी सही समय पर दीपावली का महापर्व मना सकें।