Ratlam News: 2624वां महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: भगवान महावीर स्वामी का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव सकल जैन श्रीसंघ रतलाम के तत्वावधान में श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः चैमुखीपुल से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके पश्चात जैन स्कूल परिसर में धर्मसभा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक स्वामी वात्सल्य के साथ हुआ।

कार्यक्रम के दौरान आचार्य प्रवर प्रसन्न चंद्र मसा, साध्वी कीर्तिप्रभा, स्मितदर्शा, सौरभप्रभा, सुयशप्रभा, प्रबलयशा, साध्वी डॉ. कुमुदलता, पद्मकीर्ती व अन्य संतों की निश्रा में मंगलाचरण के साथ आयोजन की शुरुआत हुई।

मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी और कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप उपस्थित रहे। इस अवसर पर कोठारी ने कहा, “भगवान महावीर का ‘जियो और जीने दो’ का संदेश आज की दुनिया की सबसे बड़ी ज़रूरत है। अगर इसे अपनाया जाए तो सारी समस्याओं का हल संभव है।” चेतन्य काश्यप ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत—अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत—आज भी पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक हैं।

कार्यक्रम में सकल जैन श्रीसंघ के ललित कोठारी, राजेन्द्र खाबिया, प्रकाश मूणत, निर्मल लुनिया, जयंत बोहरा, महेन्द्र चाणोदिया, सुशील छाजेड़, अभय पोरवाल, ओम अग्रवाल, राजेश सुराना सहित प्रमुख पदाधिकारी मंचासीन रहे। संचालन प्रकाश मूणत और आभार प्रदर्शन महेन्द्र चाणोदिया ने किया।

आचार्य प्रसन्न चंद्र ने अपने प्रवचन में कहा कि, “देव, धर्म और गुरु की असाधना, परमात्मा की असाधना के समान है। हमें इस दुर्लभ मानव जीवन को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।” महासती कुमुदलता ने सभी जैन संघों के एक साथ जन्म कल्याणक मनाने को सौभाग्य बताया। साध्वी प्रबलयशा ने कहा कि महावीर के सिद्धांतों को मंदिरों से निकालकर मन में उतारना होगा, तभी जीवन सार्थक होगा।

इस अवसर पर देवसुर तपागच्छ, साधुमार्गी जैन संघ, धर्मदास संघ, वर्धमान स्थानकवासी संघ, तेरापंथ महासभा, त्रिस्तुतिक संघ, खरतरगच्छ, ज्ञानगच्छ, शांत कांत संघ, पाश्र्वनाथ मित्र मंडल, सज्जन मिल क्षेत्र संघ, आदिनाथ कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर समिति, दिगम्बर साठ घर गोठ, दिगम्बर स्टेशन संघ, हुम्मड समाज, दिगम्बर नरसिंहपुरा संघ, सुधर्मा सेवा संघ के पदाधिकारी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Ratlam News: बिना अनुमति पेड़ काटने पर घिरा सेंट जोसेफ कान्वेंट, अभाविप ने किया चक्काजाम, महापौर ने दी कड़ी चेतावनी

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम स्थित सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल एक बार फिर विवादों में आ गया है। पर्यावरण संरक्षण कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुए स्कूल प्रबंधन ने स्कूल परिसर में लगे हरे-भरे पेड़ों को बिना अनुमति कटवा दिया। मामले की जानकारी मिलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर चक्काजाम कर दिया। मौके पर पहुँचे महापौर प्रहलाद पटेल ने स्कूल प्राचार्य को जमकर फटकार लगाई और दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।

गुरुवार सुबह स्कूल परिसर में बरगद जैसे घने वृक्षों को काटने का कार्य शुरू हुआ, जिसकी भनक लगते ही अभाविप कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। छात्र सड़क पर बैठ गए और पेड़ काटने को पर्यावरण के खिलाफ अपराध बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की माँग की।

घटना की सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुँचा और यातायात सुचारु कराने की कोशिश की। वहीं, जब रतलाम के महापौर प्रहलाद पटेल को इस मामले की जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुँचे। स्कूल परिसर के पास कटे हुए हरे-भरे बरगद के पेड़ों को देखकर वे बेहद नाराज़ हो गए। उन्होंने स्कूल प्राचार्य को फटकारते हुए कहा कि रतलाम देश के सबसे गर्म शहरों में शामिल है, और ऐसे समय में पेड़ों की कटाई सरासर अपराध है।

महापौर ने स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाने के निर्देश दिए और इस मामले में आपराधिक केस दर्ज करने को कहा। साथ ही, पेड़ों की कटाई को लेकर मौके पर पंचनामा तैयार करने के भी आदेश दिए गए।

वाहनों की अव्यवस्था पर भी जताई नाराज़गी

महापौर पटेल ने स्कूल द्वारा सार्वजनिक सड़कों पर वाहनों को खड़ा करने पर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि आगे से स्कूल के सभी वाहन परिसर के भीतर ही खड़े किए जाएँ, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कानून से ऊपर मानता है खुद को स्कूल प्रबंधन

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल खुद को नियम-कानूनों से ऊपर समझता है। वर्षों से इस स्कूल द्वारा नियमों की अनदेखी की जाती रही है, लेकिन प्रभावशाली लोगों के संरक्षण के चलते प्रशासनिक कार्यवाही नहीं हो पाती थी। यही कारण है कि इस बार भी स्कूल ने बिना किसी अनुमति के पेड़ कटवा दिए।