Ratlam News: स्कूल-कॉलेज के छात्रों तक पहुंचा रहा था ड्रग्स: रतलाम का बड़ा सप्लायर सुनील सूर्या अरेस्ट, 43 आपराधिक मामलों में आरोपी

रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News:
रतलाम में ड्रग्स सप्लाई नेटवर्क के मुख्य आरोपी सुनील सूर्या को पुलिस ने राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। सुनील सूर्या पिछले डेढ़ महीने से फरार चल रहा था और उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 43 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।

200 ग्राम एमडी ड्रग्स के केस में आया था नाम सामने

6 मई 2025 को रतलाम के जावरा क्षेत्र में महू-नीमच फोरलेन पर पटेल होटल के सामने से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान रतलाम के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी कमलेश जैन (51) और साबीर खान (27) के रूप में हुई थी। दोनों एक कार (MP 43 ZA 7047) में सवार होकर 200 ग्राम एमडी ड्रग्स लेकर रतलाम आ रहे थे, जिसकी बाजार कीमत करीब 20 लाख रुपए आंकी गई।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि यह ड्रग्स रतलाम निवासी सुनील सूर्या के लिए लाई जा रही थी। वह शहर में युवाओं को ड्रग्स की लत लगाकर इसे बेचने का काम करता था और एक संगठित रैकेट चला रहा था। उसके नाम सामने आने के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।

उदयपुर से हुई गिरफ्तारी, रैकेट की जांच को गठित होगी एसआईटी

सायबर सेल रतलाम की मदद से पुलिस ने सोमवार को सुनील सूर्या को उदयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया। उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया है, जिससे रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा सके।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि शहर के स्कूल और कॉलेज छात्रों को टारगेट कर ड्रग्स बेची जा रही थी। इस नेटवर्क में कुछ युवतियों की संलिप्तता की भी जानकारी सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जा रहा है, जो एमडी ड्रग्स के नेटवर्क की तह तक जाएगी।

Ratlam News: झूठी “भाभी” की साजिश नाकाम, नाबालिग को फंसाने वाली महिला, पति और ससुर पर FIR

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला, उसके पति और ससुर पर एक नाबालिग लड़के को दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने, धमकी देने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा है। यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय न्यूज पोर्टल “वंदेमातरम् न्यूज” ने इस मामले की तह तक जाकर सच्चाई सामने लाई।

यह कहानी एक गरीब परिवार की है, जिसने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए अथक संघर्ष किया। पिता की मृत्यु के बाद मां मजदूरी कर अपने दो बेटों का पालन-पोषण कर रही थीं। उनके बड़े बेटे को झूठे दुष्कर्म के आरोप में फंसा दिया गया था, लेकिन परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। उनकी दृढ़ता और सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल की मदद से, रतलाम पुलिस ने अब उस महिला, उसके पति और ससुर के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है।

ऐसे रची गई थी झूठी साजिश

यह मामला 17 अप्रैल 2025 को तब शुरू हुआ जब रतलाम के महिला थाना में एक महिला ने 15 वर्षीय बालक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। नाबालिग की मां ने थाना जिम्मेदारों पर लेन-देन कर झूठा और नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का गंभीर आरोप भी लगाया था। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया था।

न्याय की गुहार लगाने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई, तो नाबालिग की परेशान मां ने सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल से संपर्क किया। पांचाल ने मामले की गंभीरता और नियम विरुद्ध कानूनी कार्रवाई को लेकर उच्च स्तरीय शिकायत की, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

मासूमियत बनी निशाना

झूठे प्रकरण का शिकार बना नाबालिग सैलाना बस स्टैंड पर एक दुकान में काम करता था। वह एक महिला के झांसे में आ गया, जिसे वह “भाभी” कहकर बुलाता था। महिला ने पहले उससे दोस्ती की, फिर फोन पर अश्लील बातचीत की, और अंत में उसे अकेले घर बुलाकर शारीरिक शोषण किया। इसके बाद उसने नाबालिग को फंसाने की पूरी साजिश रच डाली। जब 15 वर्षीय बालक ने महिला से दूरी बनाने की कोशिश की, तो उसने धमकाना शुरू कर दिया और अपने पति व ससुर के साथ मिलकर झूठा दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया।

छोटे भाई और मां की हिम्मत ने पलटा केस

घटना के दिन जब महिला ने बालक को रेलवे स्टेशन बुलाया, तो वह अपने दोस्त से मोटरसाइकिल मांगकर वहां गया। वहां उसे फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन वह किसी तरह भाग निकला। महिला के परिजनों ने दोस्त को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट भी की। इस पूरे घटनाक्रम को छोटे भाई ने भी देखा और उसने मां के साथ मिलकर पुलिस से शिकायत की।

बालक की मां ने सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल की सहायता से बाल कल्याण समिति, महिला थाना, एसपी अमित कुमार, डीजीपी कैलाश मकवाना सहित किशोर न्यायालय बोर्ड को मामले में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी। किशोर न्यायालय बोर्ड ने भी पुलिस द्वारा नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने के मामले को संज्ञान में लिया और जांच करवाई।

अब रतलाम पुलिस ने झूठा और नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला, उसके पति और ससुर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराएं 3, 4, 5, 6, 11, 12 और बीएनएस की धाराएं 351, 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया है। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि न्याय के लिए लड़ने वालों की जीत अवश्य होती है।