हिंसा की आड़ में निर्दोष गुर्जर छात्रों व युवाओं पर दर्ज हो रहे झूठे मुकदमे, प्रदेश के गुर्जर नेताओं ने साधी चुप्पी
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। ग्वालियर में विगत दिनों हुई हिंसा के बाद गुर्जर समाज के लोगों पर प्रशासन एक के बाद एक कार्रवाई कर रहा है। इस मामले को लेकर अब रतलाम में भी गुर्जर समाज मुखर हो गया है। यहां समाज ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप सीबीआई जांच की मांग की। समाज ने आरोप लगाया कि युवाओं व छात्रों को जबरन आरोपी बना कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। समाज ने दावा किया है कि उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। वहीं देखने में यह भी आ रहा है कि पूरे मामले से बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के गुर्जर नेताओं ने दूरी बना ली है। चुनाव नजदीक होने से कोई भी इस विवाद में पड़ना नहीं चाहता है। यहां तक कि नामजद आरोपियों ने भी राजनीतिक शरण लेने की कोशिश की मगर नेता साथ देने के मूड में नहीं है।
गौरतलब है कि 25 सितंबर को गुर्जरों द्वारा निकाली जा रही ‘गुर्जर जागरूकता यात्रा’ के समापन के मौके पर ग्वालियर के फूलबाग मैदान में ‘गुर्जर महाकुंभ’ (Gurjar Smaaj Mahakumbh) का आयोजन किया गया था। इस महाकुंभ में शामिल होने आए लोग महाकुंभ के बाद ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट की और रवाना हो गए। इस दौरान कलेक्ट्रेट ऑफिस के गेट को पुलिस और प्रशासन ने बंद कर रखा था। अफसरों का कहना था कि वो अपना मांगपत्र यहीं सौंप दें, लेकिन भीड़ कलेक्ट्रेट ऑफिस के अंदर जाने की जिद पर अड़ रही। इसी बीच कुछ असमाजिक तत्वों ने बेरिकेडिंग तोड़ कलेक्ट्रेट में प्रवेश कर लिया।
ज्ञापन में कहा गया कि ग्वालियर कलेक्ट्रेट में तोड़फोड़ व हिंसा हुई उसी दौरान फूलबाग में कार्यक्रम था जो वहीं शांति से समाप्त हो चुका था। इसमें गुर्जर समाज से संबंधित लोगों का हाथ ना होकर परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि फायदा उठाकर असमाजिक तत्वों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक यह हिंसा की गई। पुलिस व प्रशासन ने महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज किया। पुलिस ने शंका के आधार पर नामजद केस दर्ज करने के अलावा करीब 1 हजार से अधिक अज्ञात नाम से एफआईआर दर्ज की।
कार्रवाई में छात्रों व युवाओं पर समाज के आधार पर झूठे प्रकरण दर्ज करने के साथ ही मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है।
ज्ञापन में कहा गया कि उक्त कार्रवाई अनुचित व अवैधानिक है। समाज को निशाना बनाया जा रहा है। रतलाम गुर्जर समाज ने ज्ञापन सौंपकर हिंसा के षड्यंत्र की सीबीआई जांच की मांग की। इस दौरान समाज जनों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।