Ratlam News: रतलाम में नवरात्रि पर्व पर यातायात डायवर्शन, कालिका माता मेले की शुरुआत के साथ होंगे संस्कृति कार्यक्रम

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: शहर में नवरात्रि पर्व के दौरान यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए रतलाम पुलिस ने यातायात डायवर्शन प्लान जारी किया है। 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2024 तक होने वाले गरबा कार्यक्रमों और भारी भीड़ के मद्देनजर यह प्लान तैयार किया गया है, ताकि शहर में यातायात सुचारू रूप से चल सके। वहीं शहर के प्रसिद्ध कालिक माता मंदिर में लगने वाले 10 दिवसीय मेले की भी तैयारियां कर ली गई है। मेले की शुरुआत होने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नगर निगम करेगा।

यातायात डायवर्शन प्लान:
– राम मंदिर की ओर आने वाले भारी वाहन: बंजली से राम मंदिर की ओर शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक प्रतिबंधित रहेंगे।
– बाजना बस स्टैंड की ओर : वन विभाग सागोद पुलिया से बाजना बस स्टैंड की ओर आने वाले भारी वाहन इसी अवधि में प्रतिबंधित रहेंगे।
– फव्वारा चौक की ओर: प्रतापनगर पुलिया से फव्वारा चौक की ओर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
– संत रविदास चौराहा: करमदी से संत रविदास चौराहा की ओर शाम 6 से रात 12 बजे तक भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
– शैरानीपुरा की ओर: प्रतापनगर पुलिया से शैरानीपुरा की ओर आने वाले भारी वाहन इसी अवधि में प्रतिबंधित रहेंगे।

मेले की पार्किंग व्यवस्था:
– कालका माता की ओर आने वाले श्रद्धालु: उनकी पार्किंग गुलाब चक्कर के पास रहेगी।
– फव्वारा चौक और दो बत्ती: इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग कॉन्वेंट स्कूल से मित्र निवास तक होगी।
– आनंद कॉलोनी और पुलिस कॉलोनी: यहां पार्किंग की व्यवस्था लॉ कॉलेज के सामने की गई है।

यातायात पुलिस ने अपील की है कि लोग भारी वाहनों को बाजार क्षेत्र में न लाएं और निर्धारित पार्किंग स्थलों का उपयोग करें। अन्यथा यातायात बाधित होने पर वाहनों को क्रेन से टो किया जा सकता है।

श्री कालिका माता नवरात्रि मेले का शुभारंभ
शहर के प्रसिद्ध श्री कालिका माता मंदिर परिसर में 3 से 12 अक्टूबर तक 10 दिवसीय श्री कालिका माता नवरात्रि मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है। मेला 3 अक्टूबर को शाम 7 बजे मेला परिसर स्थित निगम रंगमंच पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप और सांसद अनिता नागरसिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में शुभारंभ होगा। महापौर प्रहलाद पटेल की अध्यक्षता में यह समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रहेगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला:
– 5 अक्टूबर: सैक्सोफोन क्वीन लिपिका समंता की इन्स्ट्रूमेंटल कलेक्टिव नाइट।
– 6 अक्टूबर: प्रसिद्ध भजन गायिका सुरभी चतुर्वेदी की भजन संध्या।
– 7 अक्टूबर: इंडियन आइडल फेम सवाई भाट की प्रस्तुति।
– 8 अक्टूबर: फीमेल ऑर्केस्ट्रा का आयोजन।
– 9 अक्टूबर: लोक गीत – लोक नृत्य।
-10 अक्टूबर: लाफ्टर कलाकार धारषि बरडिया का शॉ और आर्केस्ट्रा।
– 11 अक्टूबर: अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, जिसमें प्रसिद्ध कवि धीरज शर्मा, मुकेश शांडिल्य, निशा पंडित सहित अन्य कवि भाग लेंगे।
–  12 अक्टूबर: दशहरे पर नेहरू स्टेडियम में आकर्षक आतिशबाजी और रावण दहन का आयोजन किया जाएगा।

MP News: महिला ने कही ज्वेलरी डबल करने की चुपड़ी – चुपड़ी बातें और दे दी गोल्ड चेन, मंगलसूत्र और टॉप्स! फिर पड़ा रोना…

रूकसाना ने अपने साथियों से अंजान बनने की एक्टिंग करते हुए, पीड़िता को चुपड़ी बातों में उलझाया और उसे ज्वेलरी डबल करने का लालच देकर उससे चेन, मंगलसूत्र व अन्य उतरवा लिए.

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: रतलाम के राम मंदिर क्षेत्र में एक महिला से ठगी के बहुचर्चित मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। ठगी की यह घटना एक माह पूर्व यानी 31 अगस्त 2024 को हुई थी, जब शक्ति नगर निवासी मंजु राठोर को एक अज्ञात महिला और दो पुरुषों ने ठग लिया था। ठगों ने महिला से चापलूसी कर उसके कान की टॉप्स, चेन, मंगलसूत्र और अंगूठी उतरवाकर ठगी की थी। घटना के बाद मंजु ने थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर अपराध क्रमांक 615/2024 धारा 318(4) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया।

थाना प्रभारी वीडी जोशी ने बताया की मामले में आरोपी महिला रूकसाना उर्फ सुरैया पति रशीद मुसलमान, निवासी मीरदाता दरगाह के पास जावरा फाटक को गिरफ्तार किया है। उसने अपने साथी नौशाद और फिरोज के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम देने की बात कबूली है। दोनों उत्तरप्रदेश के रहने वाले है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। स्पेशल टीम बनाकर यूपी भेजी गई है , जल्द ही फरार आरोपियों नोशाद और फिरोज को गिरफ्तार किया जाएगा।

पीड़िता मंजु राठौर


165 सीसीटीवी खंगाले, जब मिली सफलता
पुलिस ने सबसे पहले राम मंदिर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की गहनता से जांच की। करीब 165 कैमरों की जांच के बाद पुलिस को एक संदिग्ध महिला के जावरा फाटक क्षेत्र में होने की जानकारी मिली। पुलिस ने पिछले 15 दिनों से संदिग्ध महिला की तलाश की और आखिरकार 29 सितंबर 2024 को सूचना मिली कि ठगी करने वाली महिला राम मंदिर क्षेत्र में फिर से देखी गई है। पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी रूकसाना के कब्जे से एक सोने का बड़ा मंगलसूत्र बरामद किया, जिसकी कीमत करीब 1.20 लाख रुपये बताई गई है।

गेर पर भरोसा करना पड़ा भारी
मामले की जांच कर रहे एएसआई सत्येंद्र रघुवंशी ने बताया की ठगी करने वाले महिला रूकसाना पीड़ित महिला मंजु के पास जाकर किराए के रुपए मांगे। इस दौरान आरोपी रूकसाना के दो अन्य साथी नोशाद और फिरोज वहां पहुंचे। आरोपी रूकसाना ने नोशाद और फिरोज को नहीं जानने की एक्टिंग पीड़िता मंजु के सामने की। रूकसाना ने जो पैसे मांगे उसे नोशाद और फिरोज को दे दिए। जिसके बाद रूकसाना को नोट की गड्डी दोनों शातिर आरोपियों ने थमा दी। यह देखकर मंजु भी हैरान हो गई।

रूकसाना ने अपने साथियों से अंजान बनने की एक्टिंग करते हुए, पीड़िता को चुपड़ी बातों में उलझाया और उसे ज्वेलरी डबल करने का लालच देकर उससे चेन, मंगलसूत्र व अन्य उतरवा लिए। ज्वेलरी उतरवाकर उसे एक लाल कपड़े में बांधा और पोटली चालाकी से पीछे करते हुए उसे एक अन्य भारी भरकम लाल पोटली से बदल लिया। महिला जब पोटली खोलने लगी तब आरोपियों ने उसे 5 मिनट बाद खोलने का हवाला दिया। शातिर ठग महिला को पास के मंदिर जाकर वापस आने की बात कहकर रवाना हो गए। जब बहुत देर तक नहीं आए तब महिला ने पोटली खोली तो उसमें से पत्थर निकले। तब महिला ने रोते हुए शोर मचाया और उसके साथ ठगी की जानकारी लोगों को दी।

इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस पूरे मामले की जांच और गिरफ्तारी में थाना औद्योगिक क्षेत्र के उपनिरीक्षक सत्येन्द्र रघुवंशी, आरक्षक संजय खिंची, दुर्गालाल गुजराती, दिनेश मईड़ा, महिला आरक्षक सरिता ग्रेवाल, रीना मकवाना, और सुरक्षा समिति सदस्य सुनिता सिसोदिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

Ratlam News:  लक्ष्मी नगर में होगा भव्य गरबा आयोजन, लकी ड्रा में होंगे आकर्षक उपहार

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: शहर ने लक्ष्मी नगर स्थित मां अंबे माता मंदिर में इस वर्ष का नवरात्रि महोत्सव बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। माँ अम्बे नवयुवक मंडल द्वारा आयोजित यह नौ दिवसीय गरबा महोत्सव 3 अक्टूबर, गुरुवार से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर तक चलेगा। हर दिन भव्य महाआरती का आयोजन रात 8:30 बजे होगा, जिसके बाद रात 9 बजे से गरबा उत्सव की शुरुआत की जाएगी।

इस महोत्सव में गरबा खेलने वाली सभी बालिकाओं के लिए कार्ड लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, पंचमी, छठ, सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिनों में लकी ड्रॉ का आयोजन होगा, जिसमें मिक्सर, माइक्रो ओवन, 32 इंच स्मार्ट टीवी, वाशिंग मशीन और फ्रिज जैसे आकर्षक इनाम दिए जाएंगे। प्रतिदिन की आरती और महाप्रसादी के बाद भक्तों और गरबा प्रेमियों को इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव में भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित किया गया है।

Gandhi Jayanti : विश्व के 20 देशों के नेता एक साथ आकर झुके, PM मोदी हो या राहुल, नहीं कर सकते महात्मा गांधी की आलोचना!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या राहुल गांधी, गांधीजी की खुलकर आलोचना करके सत्ता में आने का सपना देखना लगभग असंभव है – प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)

पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Gandhi Jayanti Special: महात्मा गांधी, जिनका जीवन सत्य, अहिंसा और शांति के मूल्यों पर आधारित था, आज भी भारतीय राजनीति और समाज में सबसे अधिक प्रिय, प्रशंसित और श्रद्धेय व्यक्ति बने हुए हैं। गांधीजी का आदर्श और उनके सिद्धांत केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं रहे, बल्कि आज भी उनका प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जाता है।

प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने हाल ही में अपने सर्वेक्षण के आधार पर गांधीजी के प्रति देश की भावना का सटीक वर्णन किया। उनके अनुसार, चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या विपक्षी नेता राहुल गांधी, या इस देश का कोई और नेता—गांधीजी की खुलकर आलोचना करके सत्ता में आने का सपना देखना लगभग असंभव है। गांधीजी के प्रति देश का जो सम्मान है, वह किसी भी नेता के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

प्रशांत किशोर के अनुसार हाल ही में संपन्न G20 सम्मेलन (G20 Summit india) में भी हम गांधीजी की अमिट विरासत को महसूस कर सके। विश्व के 20 प्रमुख नेताओं ने राजघाट पर जाकर गांधीजी को नमन किया। यह दृश्य केवल गांधीजी की वैश्विक प्रतिष्ठा और उनके योगदान की गहराई को दर्शाता है। पूरी दुनिया में शायद ही कोई और ऐसा स्थान हो, जहाँ इतने सारे राष्ट्राध्यक्ष एक साथ नमन कर सकें। यह गांधीजी के प्रति वैश्विक आदर और उनकी सार्वभौमिक अपील को प्रमाणित करता है।

प्रशांत किशोर ने अपने सर्वेक्षण डेटा के आधार पर यह भी बताया कि गांधीजी आज भी पूरे भारत में सबसे प्रशंसा प्राप्त करने वाले नेता हैं। भारत के हर राज्य में गांधीजी को सबसे अधिक श्रद्धा से देखा जाता है, सिवाय दो राज्यों के—पश्चिम बंगाल, जहाँ सुभाषचंद्र बोस पहले स्थान पर हैं, और पंजाब, जहाँ भगत सिंह सबसे प्रशंसित व्यक्ति हैं। इन दोनों राज्यों में गांधीजी नजदीकी दूसरे स्थान पर हैं, जो इस बात का संकेत है कि भले ही गांधीजी के बाद अन्य महापुरुषों का विशेष स्थान हो, लेकिन गांधीजी की प्रतिष्ठा अपरिवर्तनीय और स्थायी है।

गांधीजी के सिद्धांत और उनके जीवन का हर पहलू आज भी भारतीय समाज को प्रेरित करता है। सत्य और अहिंसा के उनके आदर्श न केवल राजनीतिक स्तर पर, बल्कि व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन में भी गहराई से निहित हैं। चाहे वह सामाजिक सुधार हो, या पर्यावरण संरक्षण—गांधीजी की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। गांधी जयंती हमें याद दिलाती है कि राष्ट्रपिता के आदर्शों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने से ही हम एक सशक्त और नैतिक समाज का निर्माण कर सकते हैं। गांधीजी की विरासत न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।


प्रशांत किशोर कौन है?
प्रशांत किशोर एक प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार और चुनाव प्रबंधक हैं, जिन्होंने भारत के कई प्रमुख चुनाव अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित किया है। उन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए सफल अभियान चलाया और इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं की चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज 2 अक्टूबर 2024 को प्रशांत किशोर ने राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखते हुए बिहार में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी “जन सुराज” (Jan Suraj Party) की घोषणा की। उनकी पार्टी का उद्देश्य राज्य में नई राजनीति की शुरुआत करना है, जिसका फोकस विकास और सुशासन पर होगा। प्रशांत किशोर ने “जन सुराज” नामक एक यात्रा शुरू की थी, जिसके माध्यम से वे जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और राज्य की समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयास किया। उनकी पार्टी बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक नए विकल्प के रूप में उभर रही है। अब यह “जन सुराज” यात्रा एक नई पार्टी बन गई है। आपको बता दे “जन सुराज” का अर्थ है “जनता का अच्छा शासन” या “जनता के लिए सुशासन”।

Devmali “Best Tourist Village”: कच्चे घरों के पीछे पक्के विश्वासों की अनूठी कहानी, मध्यप्रदेश से भी कनेक्शन

राजस्थान/मध्यप्रदेश – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Devmali “Best Tourist Village” : राजस्थान यूं तो कई अनोखे और ऐतिहासिक गांवों से भरा पड़ा है, लेकिन अजमेर जिले का देवमाली गांव एक ऐसा स्थल है, जहां आधुनिकता के इस दौर में भी लोग अपने पूर्वजों की मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते हुए रहते हैं। देवमाली गांव की विशेषता यह है कि यहां के सभी घर कच्चे हैं, चाहे फिर परिवार कितना ही समृद्ध क्यों न हो। इस अनोखे गांव की अनगिनत विशेषताएं इसे अन्य गांवों से अलग करती हैं।

राजस्थान के इस गांव का मध्यप्रदेश से भी कनेक्शन है। मध्यप्रदेश में निवासरत गुर्जर समाज के लोग देवमाली भगवान देवनारायण के दर्शन को जाते है। उनके लिए यह एक विशेष तीर्थ है। भगवान देवनारायण गुर्जर समाज के आराध्य देव है। मध्यप्रदेश के रतलाम से गुर्जर समाज युवा इकाई अध्यक्ष मुरलीधर गुर्जर के अनुसार लंबे समय से देवमाली के मंदिर के दर्शन के लिए संदेश यात्राओं का आयोजन करते आ रहे है। जिसमें प्रदेश के कई हिस्सों से देवमाली के लिए यात्री एकत्रित होते है। संदेश यात्रा का उद्देश्य धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक होता है। जिसमें देवमाली की विशेषताओं को आत्मसात करना है, जिसके कारण आज वह श्रेष्ठ पर्यटक गांव बना है।

कच्ची छतें, पक्के विश्वास
देवमाली गांव की सबसे अनूठी पहचान है यहां के घरों की कच्ची छतें। गांव में मान्यता है कि भगवान देवनारायण ने गांववासियों को आशीर्वाद देते समय कहा था कि यदि वे शांति से जीवन जीना चाहते हैं, तो उन्हें अपने घरों की छत कभी पक्की नहीं बनानी चाहिए। इस चेतावनी को देवमाली के लोगों ने पूरी श्रद्धा से स्वीकार किया और आज भी इसे निभाते आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, कुछ लोगों ने इस मान्यता को नज़रअंदाज़ करते हुए घरों की छतें पक्की बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद सभी ने इस परंपरा को पुनः स्वीकार कर लिया। आज चाहे गांव में कोई करोड़पति हो या सामान्य व्यक्ति, सभी के घरों की छतें कच्ची ही हैं।

अपराध मुक्त और शाकाहारी गांव
देवमाली की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह गांव पूरी तरह से शाकाहारी है। यहां मांसाहार की कोई परंपरा नहीं है और यह गांव अपराध मुक्त भी है। देवमाली में आज तक कभी चोरी की घटना नहीं हुई है, जिससे यहां का शांतिपूर्ण जीवन और भी स्पष्ट होता है। यहां के लोग प्रकृति और भगवान देवनारायण की पूजा करते हैं और पूरी सादगी व ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

भगवान देवनारायण का मंदिर
गुर्जर कच्चे घरों के पीछे पक्के विश्वासों की अनूठी कहानी समाज के आराध्य देव, भगवान देवनारायण का मंदिर देवमाली की पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर पूरे गांव की आस्था का केन्द्र है। गांववाले मानते हैं कि जब भगवान देवनारायण इस गांव में आए थे, तो वे ग्रामीणों की सेवा और भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने गांव को आशीर्वाद दिया। ग्रामीण हर सुबह नंगे पैर पहाड़ी के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, जो उनकी गहरी आस्था और परंपराओं को दर्शाता है। इसके साथ ही, पहाड़ी के पत्थरों को भी पवित्र माना जाता है और कोई भी ग्रामीण या पर्यटक इन पत्थरों को उठाकर नहीं ले जाता।

नीम के पेड़ों का विशेष सम्मान
देवमाली गांव में पर्यावरण और पेड़ों का विशेष सम्मान किया जाता है। विशेष रूप से, नीम के पेड़ों को गांव में पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। नीम के पेड़ के प्रति गांववासियों का आदरभाव उनके प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण की भावना को दर्शाता है।

गुर्जर समाज और देवमाली
देवमाली गांव में केवल गुर्जर जाति के लोग निवास करते हैं, जिनमें लावड़ा गोत्र के लोग प्रमुख हैं। यहां की आबादी लगभग 1500 है, और सभी लोग पशुपालन के माध्यम से अपना जीवनयापन करते हैं। इस गांव की एक और अद्वितीय विशेषता यह है कि गांव की कोई भी भूमि किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं है। पूरे गांव की जमीन भगवान देवनारायण के नाम मानी जाती है और ग्रामीण इसे उनकी धरोहर के रूप में देखते हैं।

देवमाली की प्राचीन परंपराएं
देवमाली की परंपराएं इतनी प्राचीन और गहरी हैं कि कलियुग में भी सतयुग की अनुभूति होती है। यहां आज भी लोग अपने पूर्वजों की चेतावनियों और निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हैं। केरोसिन के उपयोग पर यहां पूरी तरह से प्रतिबंध है, और गांव में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता हर व्यक्ति में दिखाई देती है।

देवमाली गांव की यह खासियतें इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं। लोग यहां के शांतिपूर्ण और परंपरागत जीवन से जुड़ने के लिए आते हैं और इसे अपनी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनाते हैं। देवमाली में न सिर्फ गुर्जर समाज की परंपराएं जीवित हैं, बल्कि यह गांव पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि आधुनिकता और समृद्धि के बावजूद परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखा जा सकता है।
देवमाली एक उदाहरण है कि पक्के विश्वास और आस्था के साथ कैसे एक संपूर्ण समाज शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकता है, चाहे उसके घर कच्चे ही क्यों न हों।

Navratri 2024 : कब है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, इस सरल पूजा विधि से करे माता को प्रसन्न!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि (Navratri 2024) का विशेष महत्व है। यह पर्व 9 दिनों तक चलता है, जिसमें मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 11 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

घट स्थापना का महत्व और शुभ मुहूर्त:
नवरात्रि के पहले दिन घट या कलश स्थापना की जाती है, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। कलश में ब्रह्मा, विष्णु, महेश और मातृगण का निवास होता है, इसलिए इसकी स्थापना से शुभ परिणाम मिलते हैं।

पंडित धीरज शर्मा के अनुसार, इस वर्ष कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 1 घंटा 6 मिनट है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है, जो सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा।

पूजन विधि:
1. नवरात्रि के लिए एक दिन पहले जौ को पानी में भिगोकर रख दें ताकि वे अंकुरित हो सकें।
2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. बालू में पानी डालकर उसमें जौ रखें।
4. घट स्थापना के लिए घट में जल, गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी, दूर्वा और सुपारी डालें।
5. घट के ऊपर कलावा बांधकर नारियल रखें और आम के पत्ते घट के मुंह पर लगाएं।
6. एक पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर 7 तरह के अनाज बोएं और उसे चौकी पर रखें।
7. धूप और दीप जलाएं, बाएं तरफ धूप और दाहिने तरफ दीपक रखें।
8. गणपति, नवग्रहों और माता दुर्गा का आवाहन करें और विधिपूर्वक पूजा करें।
9. नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक माता का पाठ और आराधना अवश्य करें।

घट स्थापना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसलिए इसे किसी जानकार पंडित से मंत्रोच्चारण के साथ करवाना चाहिए।

Maharashtra News: नरभक्षी बेटे ने खाया मां का दिल, दिमाग और लिवर!, हाईकोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक जघन्य अपराध का मामला, आरोपी ने मां के अंगों को काटकर पकाया, खून से सने उसके मुंह देखकर दंग रह गई पुलिस!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Maharashtra News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर का माकडवाला वसाहत इलाके (Kolhapur) में 35 साल का एक आदमी अपनी 63 वर्षीय मां से शराब पीने के रुपए मांगे। हर मां की तरह वो बुजुर्ग महिला भी उसे शराब पीने से मना कर रही थी। ये बात बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी। इस बेरहम नरभक्षी बेटे ने यहीं तक अपनी दरिंदगी नहीं दिखाई। उसका मन नहीं भरा तो उसने धारदार हथियार से अपनी मां के टुकड़े करने शुरू कर दिए। उसके शरीर के अंदरूनी अंग खींच कर बाहर निकाले। यह मामला 2017 का है, जिसमें 7 साल बाद बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay Highcourt) ने आरोपी सुनील कुचकोरवी को मौत की सजा सुनाई है।

हाईकोर्ट ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस’ करार दिया, यह मानते हुए कि आरोपी के सुधारने की कोई संभावना नहीं है। न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि यह नरभक्षण का मामला है, क्योंकि आरोपी ने अपनी मां के शरीर के अंगों जैसे दिल, दिमाग, किडनी और लिवर को निकालकर तवे पर पकाकर खाया। इस मामले में 12 लोगों ने गवाही दी, जिसमें रिश्तेदार और पड़ोसी शामिल थे। घटना ने समाज की चेतना को झकझोर दिया है। 28 अगस्त 2017 को, आरोपी सुनील कुचकोरवी ने अपनी 63 वर्षीय मां यल्लामा रामा कुचकोरवी से शराब के लिए पैसे मांगे, लेकिन जब उसने मना किया, तो बेटे ने निर्ममता से उसकी हत्या कर दी और फिर उसके शरीर को नृशंसता से काट डाला।

पहले दिमाग, फिर निकाला दिल निकाला
आरोपी ने पहले मां का दिमाग निकाला, फिर चाकू से दिल निकाला। इसके बाद एक-एक कर उसका लिवर, किडनी और आंत बाहर कर दी। इसके बाद उसने जो किया, उसे देखकर किसी की भी रूह कांप सकती है।  उसने अपनी मां के दिल, दिमाग, लिवर, किडनी को तवे पर गरम करके नमक-मिर्च के साथ खाना शुरू कर दिया। ये विभत्स दृश्य देख पड़ोसियों का दिल दहल उठा। आनन-फानन में लोगों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस पहुंची तो खून से सने उसके मुंह देखकर दंग रह गई।

अब तक का सबसे क्रूर कांड
जघन्य हत्याकांड की जांच करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर एसएस मोरे ने कहा था, “मैंने मुंबई और महाराष्ट्र के नक्सली इलाकों में अपने करियर में कई हत्याएं और शव देखे। लेकिन ये मामला अब तक का सबसे क्रूर था। हमने मृतक महिला के शव और उसके अंगों के सैंपल डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भेजे थे सभी मृतक से मेल खाते थे। हमारे पास 12 गवाह थे। इसके साथ ही क्राइम सीन और महिला के शरीर की स्थिति आरोपी की क्रूरता को साबित करने के लिए पर्याप्त थी।”

मौत की सजा देने की वजह
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अपराधी सुनील कुचकोरवी के सुधार की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि उसमें नरभक्षण की प्रवृत्ति है। यदी  उसे आजीवन कारावास दिया जाता है, तो वो जेल में भी इस तरह का अपराध कर सकता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सुनील ने 28 अगस्त, 2017 को कोल्हापुर शहर में अपने आवास पर अपनी 63 वर्षीय मां की निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद में उसने अपनी मां के शव को हथियार से काटा और उसके कई अंगों को तवे पर तलकर खा लिया।