नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Indian Railways: भारतीय रेल नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और यात्रा व माल परिवहन को अधिक कुशल और टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दो महत्वपूर्ण मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। यह फैसला पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
परियोजनाएं:
- रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन (मध्य प्रदेश)
- वर्धा-बल्हारशाह चौथी रेल लाइन (महाराष्ट्र)
इन परियोजनाओं पर कुल अनुमानित लागत ₹3,399 करोड़ आएगी और इन्हें वित्त वर्ष 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख लाभ:
- रेल नेटवर्क में 176 किलोमीटर का विस्तार, जिससे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 4 जिलों को फायदा होगा।
- लगभग 784 गांवों की कनेक्टिविटी सुधरेगी, जिनकी कुल आबादी करीब 19.74 लाख है।
- 18.40 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) की अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता विकसित होगी।
- 74 लाख मानव-दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन।
पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ:
- 99 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी, जो करीब 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
- 20 करोड़ लीटर तेल आयात में कटौती की संभावना।
- लॉजिस्टिक लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
- रेलवे के माध्यम से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, कृषि उत्पाद, कंटेनर व पेट्रोलियम जैसे माल का बेहतर परिवहन।
संचालन में सुधार:
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से भीड़भाड़ घटेगी और भारतीय रेल की सेवा विश्वसनीयता व परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार आएगा। ये परियोजनाएं नए भारत के आत्मनिर्भर विजन को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।