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न्यूज़ डेस्क| ashtami 2024: हर वर्ष नवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व है, जब कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है।
(Ashtami)अष्टमी तिथि:
इस वर्ष, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन अष्टमी तिथि सुबह 6:52 बजे समाप्त होगी।
कन्या पूजन का उत्तम समय:
कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस बार अष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ समय सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच रहेगा।
व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त:
– अष्टमी तिथि: 10 अक्टूबर दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 11 अक्टूबर सुबह 6:52 बजे समाप्त होगी।
– नवमी तिथि: 11 अक्टूबर सुबह 6:52 बजे से शुरू होकर 12 अक्टूबर भोर 5:12 बजे तक रहेगी।
– अष्टमी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए 11अक्टूबर का दिन पूजा और हवन के लिए शुभ है।
कन्याओं को विदाई:
कन्या पूजन के बाद, सभी कन्याओं को विदा करते समय पान, फल, दक्षिणा और लाल चुनरी अर्पित करना न भूलें। यह माता दुर्गा की कृपा का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस नवरात्रि, श्रद्धालुओं को माता दुर्गा की आराधना में पूरी श्रद्धा के साथ शामिल होने का निमंत्रण है।
नवमी तिथि के कारण महाष्टमी और महानवमी एक ही दिन हो जा रहा
उन्होंने कहा कि क्षयवती नवमी तिथि के कारण महाष्टमी और महानवमी एक ही दिन हो जा रहा है। माता दुर्गा का प्राण- प्रतिष्ठा तिथि सप्तमी और मूल नक्षत्र के योग 9 अक्टूबर बुधवार को मध्याह्न मे किया जाएगा। सामान्यतः माता – बहन गोदी भरने का कार्य प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही आरम्भ कर देती है जो नवमी तक चलता है। इस हिसाब से यह कार्य 9 अक्टूबर बुधवार मध्याह्न बेला से 11 अक्टूबर शुक्रवार तक कर सकते है।