MP News: एम्बुलेंस में मरीज नहीं अफीम का फल जा रहा था; तस्करों ने निकाला तस्करी का नायाब तरीका, चढ़े पुलिस के हत्थे

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रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: यूं तो आमतौर पर एम्बुलेंस का नाम सुनकर मरीज को ले जाने की धारणा हम सबके मन में आती है। मगर इस खबर को सुनने के बाद आपकी ये धारणा बदल भी सकती है। दरअसल रतलाम पुलिस ने एक ऐसे तस्करी के नायाब तरीके का पर्दाफाश किया है जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। यहां अफीम के फल यानी डोडा चूरा की तस्करी एम्बुलेंस में की जा रही थी। लेकिन तस्करों के इस नायाब तरीके को पुलिस ने फेल कर दिया और उन्हें धरदबोचा। मध्यप्रदेश से डोडाचूरा एम्बुलेंस में भरकर महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था। रतलाम एसपी अमित कुमार (IPS Amit Kumar) ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया की अब से अन्य राज्यों व लोकल एम्बुलेंस की भी जांच सुनिश्चित की जाएगी। एम्बुलेंस पर आसानी से कोई भी संदेह नहीं करता है। जिसका फायदा अपराधियों द्वारा उठाया जा रहा है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिस ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के ग्राम तला निवासी रणजीत गंगाराम मोडके, उम्र 42 वर्ष व रूपेश लक्ष्मण माने, उम्र 35 वर्ष को गिरफ्तार किया। ये दोनों आरोपी एम्बुलेंस में करीब 42 बोरों में भरकर डोडाचूरा ले जा रहे थे। बोरों (बारदान) में करीब 17 लाख कीमत का 8 क्विंटल 39 किलो 850 ग्राम डोडाचूरा भरा था। भारी मात्रा में बोरों को उतारने चढ़ाने में पुलिसकर्मियों के भी पसीने निकल गए। एसपी ने टीम को 10 हजार के इनाम से पुरुस्कृत किया। वहीं आईजी उज्जैन उमेश जोगा द्वारा 30 हजार का पुरस्कार कार्रवाई करने वाली टीम को देने की घोषणा की गई। एम्बुलेंस महाराष्ट्र के किसी  अस्पताल से अनुबंधित की गई है। जिससे रास्ते में कोई नहीं रोकता है।

एम्बुलेंस जिसमें ले जाते थे डोडा चूरा; इनसेट गिरफ्तार आरोपी तस्कर रणजीत व रूपेश


जान ले क्‍या होता है डोडाचूरा
भारत दुनिया में अफीम के सबसे ज्‍यादा वैध उत्‍पादन वाला देश है। मध्‍यप्रदेश के मालवा और राजस्थान के मेवाड़ के साथ उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में अफीम की वैध खेती होती है। अफीम जिस फल में से निकलती है, उसे डोडा कहते हैं। पौधे पर लगे कच्‍‍‍‍चे फलों पर चीरा लगाकर अफीम निकाल ली जाती है और पकने के बाद इसके दाने (खसखस या पोस्‍तदाना) निकाले जाते है। उसके बाद यह डोडा जब टुकड़े हो जाता है तो यह डोडाचूरा कहलाता है। इसे लोग पानी में भिगोकर नशे के लिए सेवन करते है। इसका अधिकांश उपयोग राजस्थान, पंजाब और हरियाणा राज्यों में होता है।

5 से 6 बार कर चुके आना – जाना
एसपी अमित कुमार ने बताया की जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। दिनांक 27 अक्टूबर 2024 को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि FORCE कम्पनी की एक एम्बुलेंस (वाहन नंबर MH06BW5365) में दो व्यक्ति, जिनकी उम्र लगभग 35 से 40 साल है, मादक पदार्थ डोडाचूरा से भरे बोरे लेकर मंदसौर-जावरा की ओर से महाराष्ट्र की ओर जा रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने सेजावता फंटा फोरलेन रोड पर नाकाबंदी की। जल्द ही जावरा-मंदसौर की तरफ से एम्बुलेंस आती हुई दिखी। पुलिस ने एम्बुलेंस को रोककर तलाशी ली, जिसमें दो लोग बैठे थे। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम रणजीत मोडके और रूपेश माने बताया। आरोपी पहले 5 से 6 बार इस तरह से डोडा तस्करी कर चुके थे।

एम्बुलेंस के पिछले हिस्से में 42 बोरे मिले, जिनमें डोडाचूरा भरा हुआ था। इन बोरों का कुल वजन 8 क्विंटल 39 किलो 850 ग्राम पाया गया। पुलिस ने एम्बुलेंस, डोडाचूरा और दोनों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 776/2024, धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मादक पदार्थ को सीतामऊ के पास से लाया गया था और इसे महाराष्ट्र ले जाने की तैयारी थी। पुलिस ने एम्बुलेंस को जप्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अब इनके रिकॉर्ड खंगाल रही है। साथ ही महाराष्ट्र में इसके पीछे कौन सरगना है उसे भी तलाश रही है।

इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक वी.डी. जोशी, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र रघुवंशी, सहायक उपनिरीक्षक अजमेरसिंह भुरिया, दशरथ माली, प्रधान आरक्षक नीरज त्यागी, गजेंद्र शर्मा, आरक्षक पवन मेहता, अर्जुन खिची, लखनसिंह, मोहन पाटीदार, धर्मेन्द्र मईड़ा, लंकेश पाटीदार और दुर्गालाल गुजराती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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