
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: सैलाना मार्ग धामनोद स्थित जैन धर्मस्थल शीतल तीर्थ पर पंचकल्याणक महोत्सव के प्रथम वार्षिकोत्सव का दो दिवसीय आयोजन सोमवार को गुरु गुणानुवाद सभा के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुनि 108 श्री विनत सागर जी मुनिराज ने कहा कि मेरे जीवन का मंगलाचरण ही पूज्य गुरुदेव योगीन्द्र सागर जी महाराज से हुआ है। उनकी कृपा से ही मैंने संयम मार्ग को स्वीकार किया और आगे बढ़ता गया।

गुरु गुणानुवाद सभा में उमड़े श्रद्धालु
इस विशेष आयोजन के अंतर्गत रविवार को महामस्तकाभिषेक हुआ, वहीं सोमवार को नित्याभिषेक के पश्चात दीपक गोधा परिवार द्वारा श्री ऋषिमण्डल विधान का पुण्यार्जन किया गया। इसके पश्चात गुरु गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ, जिसमें मुनि 108 श्री विनत सागर जी मुनिराज एवं श्रमणी आर्यिका 105 श्री विकाम्या श्री माताजी ससंघ का मंगल सानिध्य प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा गुरुदेव योगीन्द्र सागर जी मसा के चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। इस दौरान पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी (म.प्र. शासन), डॉ. अनुपम जैन (इंदौर), हँसमुख गांधी (इंदौर), पुखराज सेठी (जावरा), महेंद्र जैन (कोटा), सचिन काला (पुणे) सहित अनेक गुरु भक्त उपस्थित रहे।
आर्यिका माताजी की श्रद्धांजलि
आर्यिका विगुंजन श्री माताजी ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बचपन में मैंने पूज्य योगीन्द्र सागर गुरुदेव के दर्शन किए थे, लेकिन उनकी स्मृतियाँ धुंधली थीं। बाद में जब मैंने उनके साहित्य का अध्ययन किया, तो उनके महान व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित हुई। इसी क्रम में आर्यिका विकाम्या श्री माताजी ने कहा कि लोग कहते हैं कि योगीन्द्र सागर जी अब नहीं हैं, लेकिन मेरा मानना है कि वे आज भी अपनी सर्व सिद्धियों के साथ शीतल तीर्थ पर विराजमान हैं। इन दो दिवसीय आयोजनों के दौरान मैंने स्वयं इस अनुभूति को महसूस किया।
मुनि विनत सागर जी का श्रद्धा सुमन
मुनि विनत सागर जी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरुदेव से मेरा पहला साक्षात्कार हुआ, तब मैंने संयम मार्ग को श्रेष्ठ माना। दूसरी बार जब एलक दीक्षा प्राप्त हुई, तब पुनः गुरुदेव के दर्शन प्राप्त हुए और उसी प्रेरणा से मैंने संयम के अगले चरण की ओर अग्रसर होने का निर्णय लिया।
कार्यक्रम का संचालन राकेश जैन चपलमन ने किया।
शीतल तीर्थ पर भक्तों का उमड़ा सैलाब
इस अमृत महोत्सव में देशभर से श्रद्धालु एवं गुरु भक्तों ने भाग लिया। गुरु गुणानुवाद सभा में पूज्य गुरुदेव के प्रति भक्तों की आस्था और प्रेम स्पष्ट रूप से झलक रहा था। आयोजन के सफल समापन पर क्षेत्र अधिष्ठात्री डॉ. सविता दीदी एवं प्रवक्ता राकेश पोरवाक ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।