रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम जिले की बहुचर्चित सौतेली मां की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हत्या के 22 महीने पुराने इस मामले में कोर्ट ने आरोपी बेटे निखिलेश कौशल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दिया है। साथ ही आरोपी पर 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
कोई चश्मदीद नहीं, फिर भी कोर्ट ने पाया दोषी
हत्या का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं था, लेकिन कोर्ट ने इस बात को गंभीरता से लिया कि घटना के वक्त घर में सिर्फ मृतका मंजू कौशल (55)और आरोपी निखिलेश ही मौजूद थे। गला दबाने से हुई मौत, गले पर नाखून के निशान और आरोपी द्वारा कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण न देना, आरोपी को दोषी ठहराने के मजबूत आधार बने।
वैष्णोदेवी जाने की तैयारी में हुआ विवाद
घटना 16 अगस्त 2023 की सुबह हुई। आरोपी ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि वैष्णोदेवी यात्रा की तैयारी के दौरान खाना बनाने को लेकर उसका सौतेली मां से विवाद हुआ, जिसके बाद उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में उसने पड़ोसी को उठाकर कहा कि मां किचन में गिर गई है और जिला अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जांच में खुला राज
डॉक्टर को मृतका के गले पर निशान संदिग्ध लगे, जिससे पुलिस को सूचना दी गई। औद्योगिक क्षेत्र थाना ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। मृतका की बेटी सहित अन्य गवाहों ने भी बताया कि आरोपी मां से अक्सर झगड़ा करता था।
जमानत पर था, अब फिर जेल भेजा गया
हत्या के बाद आरोपी को 3 सितंबर 2023 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। करीब 5 महीने जेल में रहने के बाद 6 फरवरी 2024 को आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। अब कोर्ट के फैसले के बाद उसे दोबारा जेल भेज दिया गया है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
आरोपी की जैविक मां की मौत उसके जन्म के 9 महीने बाद हो गई थी। पिता योगेंद्र कौशल ने मंजू से दूसरी शादी की थी। पिता की भी कुछ वर्षों बाद मृत्यु हो गई थी। मंजू की एक शादीशुदा बेटी भी है। निखिलेश ड्राइवरी और स्क्रैप कारोबार करता है। सौतेली मां का अंतिम संस्कार भी उसी ने किया था।