प्रशासन को जगाने की अनूठी पहल, कई परिवारों को बिखेर चुका है जुआं – सट्टा!
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सेंव, साड़ी और सोने के लिए अपने मशहूर होने के साथ ही सट्टे में भी रतलाम पीछे नहीं है। शहर में चल रहे एमसीएक्स (MCX), क्रिकेट व ऑनलाइन चल रहे कई तरह के सट्टे से शहर का युवा खोखला होता जा रहा है। शहर में सट्टे से कई परिवार बर्बाद हो चुके है, इसके अलावा सट्टा कई जाने भी ले चुका है। गांधी जयंती पर सट्टे के खिलाफ शहर के युवा मुखर हो चुके है। युवाओं ने गांधीगिरी करते हुए एक अनूठे तरीके से पुलिस से अपील की और आवेदन दिया।
गांधी जयंती पर शहर के युवा गुलाब के फूल हाथों में लेकर माणकचौक थाने पहुंचे। यहां मौजूद पुलिसकर्मियों को गुलाब भेंट करते हुए युवाओं ने सट्टा बंद करवाने की अपील की। आशीष सोनी ने बताया कि गांधी जयंती पर पुलिस को गुलाब भेंट करते हुए आवेदन दिया गया। हमारी मांग है कि शहर में चल रहे अनेक प्रकार के सट्टे पर पुलिस कार्रवाई करे। शहर के युवा गर्त में जा रहे है। सट्टे के कारण कई परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो चुके है। आज तक पुलिस ने सट्टे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि है। पुलिस से निवेदन है कि जल्द ही सट्टे पर अंकुश लगाकर युवाओं को इस कुचक्र से निकालने में मदद करे।
करोड़ो का है सट्टे का कारोबार :
शहर में सट्टा और जुआ अपने पैर अंगद की तरह पसारे पड़ा है। शहर में नामचीन लोग सट्टे के कारोबार में लिप्त है। पुलिस की कार्रवाई होती भी है तो सफेदपोशों के काले धंधे उजागर होने से पहले ठप्प पड़ जाती है। कहा जाता है की शहर में सट्टा बगैर मिलीभगत के नहीं चलता, यहां हर एक का हिस्सा फिक्स है। सूत्रों की माने तो शहर में रोजाना करोडों का व्यापार केवल सट्टेबाजी का ही है। आईपीएल और बड़े क्रिकेट मैच के दौरान तो आंकड़ों का अंदाजा लगाना मुश्किल है। शहर में सट्टे के कारोबारी देश – विदेश से लिंक बनाकर आज सिरमोर बने बैठे है। खेर अब शहर में चर्चा है की इस गांधीवादी तरीके का पुलिस पर क्या असर पड़ेगा? या पुलिस हर बार की तरह छोटे सटोरियों पर कार्रवाई करते हुए, बड़े सफ़ेदपोशों को नजरअंदाज करेगी?