भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्यप्रदेश विधानसभा अब डिजिटल युग में कदम रखने जा रही है। जल्द ही विधानसभा की पूरी कार्रवाई ऑनलाइन होने वाली है। इसके लिए ई-विधानसभा प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। योजना पूरी होने के बाद मप्र भी उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां विधानसभा की कार्यवाही पेपरलेस और डिजिटल हो चुकी है।
विधायक होंगे टेक्नोलॉजी में दक्ष, मिलेंगे ऑनलाइन ट्रेनिंग कैंप
विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को ऑनलाइन प्रणाली में दक्ष बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जल्द ही ट्रेनिंग कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें विधायकों को सिखाया जाएगा कि वे कैसे ऑनलाइन प्रश्न भेज सकते हैं, बिल देख सकते हैं और सदन की कार्रवाई से जुड़ी सभी जानकारी तक पहुंच बना सकते हैं।
मानसून सत्र से पहले होगा ट्रायल
जुलाई के दूसरे या अंतिम सप्ताह में संभावित मानसून सत्र से पहले विधायकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी है। सचिवालय द्वारा इसके लिए आवश्यक कंप्यूटर, टैबलेट और डिजिटल उपकरणों की खरीदारी भी जारी है। जल्द ही हर विधायक की सीट पर डिजिटल स्क्रीन भी लगाई जाएगी।
क्या होंगे ई-विधान के फायदे?
- हर विधायक अपनी सीट पर डिजिटल स्क्रीन के जरिए कार्यवाही में भाग ले सकेगा।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सवाल भेजने, जवाब देखने और बिल पढ़ने की सुविधा मिलेगी।
- कागज की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
- अफसरों की फिजिकल भागदौड़ में कमी आएगी और समय की बचत होगी।
विपक्ष ने भी की थी डिजिटल विधानसभा की मांग
विधानसभा को डिजिटल करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। विपक्ष द्वारा बार-बार उठाए गए पारदर्शिता के सवालों के चलते सरकार ने इस दिशा में तेज़ी दिखाई है। सरकार और विपक्ष, दोनों के विधायकों की बैठक भी इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए हो चुकी है।
जल्द घोषित होगी मानसून सत्र की तारीख
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की चर्चा के बाद ही मानसून सत्र की तारीख तय की जाएगी। माना जा रहा है कि यह सत्र मप्र की पहली डिजिटल विधानसभा कार्यवाही का गवाह बनेगा।