रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: डोंगरे नगर स्थित बोधि इंटरनेशनल स्कूल की तीसरी मंजिल से छात्र के कूदने की घटना शनिवार को बड़ा विवाद बन गई। आदिवासी छात्र संगठनों और परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर तीन घंटे तक स्कूल का घेराव किया। प्रदर्शनकारी स्कूल की प्रिंसिपल और एक टीचर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने समेत स्कूल की मान्यता निरस्त करने की मांग कर रहे थे।
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प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर लगाया जाम
दोपहर 12 बजे शुरू हुआ विरोध लगभग 3 बजे तक चला।
परिजन व भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के पदाधिकारी छात्र के स्केटिंग में मिले मेडल लेकर सड़क पर धरने पर बैठ गए।
मामले की गंभीरता बढ़ी जब प्रदर्शनकारियों ने स्कूल गेट पर ताला लगाने की कोशिश की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ताला खुलवाया और भीड़ को समझाया।
परिजनों का आरोप: मानसिक दबाव बनाकर बच्चे को डराया गया
परिजनों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि प्रिंसिपल और टीचर छात्र को धमकाते हुए नजर आए।
परिजनों के अनुसार –
- बच्चे पर मानसिक दबाव बनाया गया
- स्कूल ने मेरिट या मेडल पर कभी प्रशंसा नहीं दी
- शिक्षक और प्रबंधन की कड़ाई से बच्चा तनाव में आया
दादी ने कहा कि “अगर मैडम का बच्चा गिरता तो उन्हें समझ आता कि दर्द क्या होता है। बच्चा कई मेडल जीतकर लाया, पर स्कूल से कभी सराहना नहीं मिली।”
डीईओ ने जांच समिति गठित की; परिजन FIR की मांग पर अड़े
जिला शिक्षा अधिकारी अनिता सागर मौके पर पहुंचीं। उन्होंने बताया कि—
- स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है
- मान्यता निरस्त करना तत्काल संभव नहीं
- विभागीय जांच समिति बनाई गई है
- रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी
लेकिन विरोध कर रहे लोग तत्काल FIR दर्ज कराने की मांग पर डटे रहे।
पुलिस का आश्वासन: होगी वैधानिक कार्रवाई
सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया और थाना प्रभारी स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
पुलिस ने कहा –
“पूरा मामला जिला प्रशासन की जानकारी में है। जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी, की जाएगी।”
पुलिस व प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना स्थगित हुआ। हालांकि संगठन ने चेतावनी दी कि अगर FIR नहीं हुई, तो सोमवार को स्कूल खोलने नहीं दिया जाएगा।
छात्र को गंभीर स्थिति में अहमदाबाद रेफर
घटना के बाद परिजन छात्र को बेहतर इलाज के लिए शनिवार सुबह अहमदाबाद ले गए।
परिजनों ने कहा कि बच्चा मानसिक रूप से परेशान था और स्कूल स्टाफ ने उसे डरा-धमकाकर तनाव में डाल दिया।
