दूल्हा, दुल्हन और दलाल : 6 दिन घर में रही नई नवेली पत्नी 7वें दिन हुई रफू चक्कर, गांव पहुंचे पति को चाकू दिखाकर भगाया

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सावधान! कहीं आप भी किसी दलाल के झांसे में तो नहीं?, लूटेरी दुल्हन की यह कारस्तानी कर देगी हैरान

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर।
शादी की बात आते ही कई कुंवारे युवाओं के मन में लड्डू फुट आते है। मशहूर लेखक शौकत थानवी ने अपनी एक कहानी “शादी हिमाकत है” के शुरुआत में ही लिखा है की शादी करना कोई होशियारी वाला काम है या मूर्खता करने वाला! आज का केस जानकर आप थानवी की इस बात पर जरूर गौर करेंगे। दरअसल मध्यप्रदेश के रतलाम में पुलिस ने एक लुटेरी दुल्हन के मामले का पर्दाफाश किया है। यहां खाचरोद का एक युवक शादी के चक्कर में दलालों के जाल में फंस गया। जहां उससे मोटी रकम वसूलने के बाद शादी तो हुई, मगर 6 दिन बाद दुल्हन घर लूट कर रफूचक्कर हो गई। जिसके बाद पीड़ित पुलिस के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचा। रतलाम पुलिस ने तत्काल मामले में कार्रवाई करते हुए लुटेरी दुल्हन व उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार दिनांक 25 अगस्त 2023 को फरियादी मोहन पाटीदार निवासी मड़ावदा थाना खाचरोद जिला उज्जैन ने थाना बिलपांक में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी की दो माह पूर्व ग्राम धराड़ के एक परिचित आनंदीलाल पाठक ने फरियादी को बोला था कि, तुम्हारी शादी नहीं हो रही है तो मेरी नजर में एक लड़की है। थोड़े पैसे लगेंगे लेकिन तुम्हारी शादी करवा दूंगा। इस पर फरियादी, आरोपी आनंदीलाल पाठक की बातों में आकर शादी के लिए मान गया।
आनंदीलाल पाठक ने अपने परिचित दलाल गोपाल राव निवासी अमली थाना बेटमा जिला धार से चर्चा की। जिसके बाद फरियादी मोहन पाटीदार व दलाल गोपाल मिले। दोनों आरोपी दलालों ने फरियादी को एक अन्य दलाल कमलेश कटारे निवासी आड़ा बयड़ा थाना मनावर जिला धार से मिलवाया। जिसके बाद तीनों आरोपियों ने षडयंत्र बना कर फरियादी मोहन पाटीदार को आरोपी दुल्हन पायल उर्फ गीता कटारे से मिलवाया और शादी के लिए राजी किया। 29 जुलाई को 2 लाख रूपये लेकर दोनों की शादी मंदिर में करवा दी गई। शादी के 7वें दिन ही आरोपी दुल्हन पायल उर्फ गीता नगदी व आभूषण लेकर रफूचक्कर हो गई।

पुलिस की गिरफ्त में लूटेरी दुल्हन और दलाल.

पुलिस ने मामले में गंभीरता से जांच करते हुए आरोपी गीता उर्फ पायल पिता लिमसिंह कटारे उम्र 35 साल निवासी आड़ा बयड़ा चौकी उमरबन थाना मनावर जिला धार, कमलेश कटारे पिता बंडूसिंह कटारे उम्र 30 साल निवासी अडा बयड़ा चौकी उमरबन थाना मनावर जिला धार, गोपाल राव पिता रामचंद्र राव निवासी आमली थाना बेटवा जिला धार व आनंदीलाल पिता उच्चव पाठक निवासी धराड़ थाना बिलपांक जिला रतलाम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। पूछताछ में मालूम हुआ कि आरोपी महिला गीता उर्फ पायल पहले से शादीशुदा है। 12 साल पहले इसने अपने पति अमरसिंह पांडर पिता नंदराम पंडार निवासी लटामली थाना तिरला जिला धार को छोड़ दिया था। इसके 10 व 15 साल की उम्र के दो बच्चे भी है। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीस हजार रुपए और घटना में उपयोग किया चाकू व मोबाइल जप्त किया। फिलहाल पुलिस मामले में और भी कई एंगल से जांच कर रही है। सूत्रों की माने तो धराड़ का आरोपी पाठक इसके पूर्व भी कई लोगों को लूट चुका है। जो मामले पुलिस तक पहुंचे ही नहीं है।

ऐसे रचा लूटेरी दुल्हन कहानी का षडयंत्र :
कहानी में फरियादी दूल्हा मोहन धराड़ के आनंदीलाल पाठक के संपर्क में आता है। पाठक उसे अपने दो अन्य साथियों कमलेश कटारे व गोपाल राव से मिलवाता है। षडयंत्र के मुताबिक कमलेश चचेरा भाई बनकर मोहन को लूटेरी दुल्हन पायल उर्फ गीता कटारे नाम की लड़की से मिलवाता है। दूल्हा- दुल्हन की मुलाकात धराड़ गांव के बाहर फोरलेन पर स्थित सगस बाबजी मंदिर के पास करवाई जाती है। जहां दोनों एक दूसरे को पसंद करते है और शादी फिक्स कर दी जाती है। यह सौदा 2 लाख रूपये में तय होता है, जो कि शादी वाले दिन दलालों को देने की बात होती है। शादी के लिए 29 जुलाई की तारीख तय होती है। शादी का पूरा घटनाक्रम जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर स्थित बिरमावल के सातरुंडा माता मंदिर की पर होता है। यहां दूल्हा मोहन व उसके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
मंदिर में शादी के बाद 1 लाख 60 हजार रुपये व कुछ ज्वेलरी आरोपी महिला को दिए जाते है।

दूल्हा पहुंचा गांव तो दिखा दिया चाकू! :

पीड़ित मोहन पाटीदार ने बताया कि शादी के बाद वह अपनी दुल्हन पायल उर्फ गीता को लेकर अपने घर चले गया। गीता 6 दिनों तक घर में रही और 7वे दिन सुबह 5 बजे पहनी हुई ज्वेलरी और घर में रखे 50 हजार रुपये लेकर फरार हो गई। जिसके बाद उसने आरोपी दलाल आनंदीलाल पाठक और गोपाल राव को इसकी जानकारी दी। दोनों ही उस लड़की के बारे में कुछ नहीं जानते यह बोलकर पल्ला झाड़ लेते है। इसके अलावा मोहन को धमकाते भी है कि तुम ज्यादा खोज बीन करोगे तो वो लड़की पुलिस में रिपोर्ट करके किसी केस में तुम्हें फंसवा देगी। जिसके बाद डर के कारण कई दिनों तक मोहन पुलिस के पास तक नहीं पहुंचा। मोहन अपने स्तर पर ही इस मामले में छानबीन करते हुए अपने कुछ साथियों के साथ दुल्हन का पता करने उसके गांव आड़ा बयडा पहुंचता है। गांव में आरोपी महिला गीता उर्फ पायल और दलाल कमलेश कटारे उससे मिलते है। दोनों मोहन व साथियों को गांव के बाहर ले जाकर चाकू दिखाकर डराते व धमकाते है और गांव से भगा देते है। जिसके बाद दूल्हा मोहन परेशान होकर थाने पर जाकर अपनी आपबीती सुनाता है।

सराहनीय भूमिका :
टीआई बिलपांक ओपी सिंह, एसआई अल्केश सिंगाड़, एसआई सुरेश गोयल, प्रधान आरक्षक रमेश डाबी व आरक्षक गजेंद्र झाला की सराहनीय भूमिका रही।

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