MP ELECTION 2023 : आज कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा का शहर में डेरा, क्या बीजेपी का गढ़ भेद पाएगी यह एंट्री?

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शहर विधायक के सामने टिकट नहीं बल्कि इस बात की चिंता!, दोनों दलो के बीच चुनावी शंखनाद शुरू

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। प्रदेश में इस वक्त विधानसभा चुनाव 2023 (MP ELECTION 2023) की तैयारियां जोर शोर से जारी है। चुनावी साल में जहां एक तरफ बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी और इसी के मुकाबले कांग्रेस ने जन आक्रोश यात्रा शुरू की है। कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा ने गुरुवार को आलोट से जिले में प्रवेश किया। आज यात्रा शहर में अपना डेरा डालेगी। कांग्रेस का दावा है कि यह यात्रा बीजेपी के कुशासन के खिलाफ है। यात्रा की कमान बेबाक छवि रखने वाले कांग्रेस के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता जीतू पटवारी संभाले हुए है। यात्रा में AICC प्रभारी कुलदीप इंदौरा, MPCC जिला प्रभारी अमिताभ मंडलोई, विधायक कुणाल चौधरी व सैलाना विधायक हर्ष विजय गहलोत शामिल होंगे। बड़ा सवाल यही है की क्या आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस रतलाम में अपना परचम लहरा पाएगी? बीजेपी के लिए रतलाम शहर विधानसभा सेफ व सेक्योर सीट मानी जाती है। कहा जाता है कि यहां आंख बंद करके वोट बीजेपी में ही गिरते है। चाहे बीजेपी का उम्मीदवार कोई भी हो, इससे फर्क नहीं पड़ता। खेर कांग्रेस में फिलहाल ऐसी कोई चर्चा नहीं है जिसमें रतलाम शहर के लिए उम्मीदवार तय माना जा सके!

सवाल इसलिए भी वाजिब है क्योंकि निकाय चुनाव में सामने आए परिणाम ने सभी को चोंका दिया था। कांग्रेस के प्रत्याशी मयंक जाट ने बीजेपी के चेहरे पर चुनाव के दौरान शिकन ला दी थी। वहीं बीजेपी का वोट परसेंट भी बहुत अधिक गिर गया। जहां किसी समय 24 हजार का मार्जिन से जितने वाली बीजेपी को केवल 8 हजार पर ही संतुष्ट होना पड़ा। इसके बाद से सतर्क हो चुकी बीजेपी की हाइकमान ने रतलाम शहर को लेकर जमकर जोड़ घटाव किए है। बीजेपी विधानसभा चुनाव 2023 में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। वहीं शहर विधायक चेतन्य कश्यप भी अपने टिकट को लेकर तो आश्वस्त है मगर उन्हें चिंता अपने वोट मार्जिन की है। 2018 में इन्होंने 43 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस को शिकस्त दी थी। लेकिन निकाय चुनाव के बाद से यह मार्जिन बना लेना मुश्किल दिखाई पड़ता है। बहरहाल इसके बाद से राजनीति में शाम-दाम-दंड-भेद का खेल भी बीजेपी का शुरू हो चुका है। बीजेपी सीट बचाने के अलावा अपना मार्जिन बढाने या बनाने में जमकर कोशिश करेगी। वहीं कांग्रेस रतलाम शहर में कमीशनखोरी, भ्र्ष्टाचार, सड़क, सीवरेज व पानी जैसी मूलभूत समस्याओं पर बीजेपी को निशाना बनाएगी। फिलहाल देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा की तरह कांग्रेस की यह जन आक्रोश यात्रा भी फेल रहेगी या जनता इससे सच में जुड़ेगी। बकौल जनता 14 दिन पहले निकली बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा केवल कार्यकर्ता और स्वागत यात्रा बनकर ही रह गई थी। वैसे ही कहीं कांग्रेस की इस यात्रा के हाल ना हो!

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