पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश की रतलाम शहर विधानसभा से विधायक और कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप एक बार फिर सुर्खियों में है। अपनी तीसरी बार की विधायकी के शपथ के दौरान ही उन्होंने शासन से मिलने वाली सुविधाओं को त्यागने का एलान कर दिया था। इससे पहले भी दो बार का उनका कार्यकाल बगैर शासन की सुख सुविधाओं व वेतन भत्तो का लाभ लिए पूरा हुआ है। गुरुवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने विधानसभा में शून्य काल के दौरान विशेष वक्तव्य के जरिये मंत्री के रूप में उन्हें निजी तौर पर मिलने वाले वेतन और भत्तों के राज्य कोष में समर्पण की घोषणा की। उनकी इस घोषणा का सदन ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।
मंत्री काश्यप ने कहा कि राष्ट्र सेवा, समाज सेवा और जन सेवा करना ही उनके जीवन का ध्येय है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये वह राजनीति में आये हैं। किशोरावस्था से ही समाज सेवा के कार्यों में अग्रसर हैं। कई सेवा प्रकल्पों का संचालन भी कर रहें हैं। ईश्वर ने उन्हें इस योग्य और सक्षम बनाया है कि जन सेवा में किंचित अवदान कर पा रहे है। मंत्री के रूप में निजी तौर पर मिलने वाले वेतन भत्तों की राशि का राजकोष से ही आहरण नहीं किये जाने की घोषणा की है, ताकि उस राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में हो सके।