पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी पहुंचे अस्पताल, अव्यवस्थाओं पर कहा – “बार बार बोला जा रहा झूठ”
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिला अस्पताल की जर्जर हालात अब मरीजों के लिए आफत बनती जा रही है। कुछ दिनों पहले लगातार बारिश के कारण मरीजों को रातो-रात मेडिकल कॉलेज पहुंचाना पड़ा था। इसके बाद अस्पताल के कई हिस्से पहले से ज्यादा जर्जर बन चुके है। आइसोलेशन वार्ड के शौचालय की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, जिससे बालिका घायल हो गई। घटना के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एमएस सागर से जब मीडिया ने बात की तो उनका गैर जिम्मेदाराना रवैय्या सामने आया। मीडिया से बातचीत में सागर ने कहा कि छज्जे तो घर के भी गिर जाते है। तो क्या उसे इतना गंभीरता से लेते है? साथ ही एक अखबार को दिए बयान में कहा की लोक निर्माण विभाग काफी पहले इसे जर्जर घोषित कर चुका है। ऐसे में प्लास्टर गिरना स्वाभाविक है, फिर भी रिपेयरिंग करवाकर काम चला रहे हैं।
खेर बड़ा सवाल यही है कि जिम्मेदारी भूलकर इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान पर कोई एक्शन होगा या नहीं?
गौरतलब है कि नवीन 300 बेड का अस्पताल बनने के दौरान इन्ही नए नवेले बड़े साहब ने उसके नक्शे में फेरबदल करवा कर काम रुकवा दिया था। तब तक मौजूदा नक्शे के हिसाब से नवीन अस्पताल का बेस तैयार हो गया था। जिसके बाद ठेकेदार को बेस हटाकर सभी सरिया सीमेंट निकालने पड़े थे। फिलहाल वापस से नक्शा तैयार कर लिया गया है, काम फिर शुरू हो गया है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार शाम पूर्व गृहमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर उस वार्ड का निरीक्षण कर चश्मदीद मरीजों से घटना की जानकारी ली। सिविल सर्जन के बयान पर कोठारी ने कहा कि इस प्रकार का जवाब देना गैर जिम्मेदारी है। किसी को चोट लगती है तो सबको दुख होना चाहिए। कोठारी ने कहा कि 5 साल से नवीन अस्पताल के लिए बार – बार झूठ बोला जा रहा है। यहां मरीज असुरक्षित महसूस कर रहे है। यह बिल्डिंग रियासतकालीन है अब इसको नया बनाने की जरूरत है। पूर्व मंत्री के अस्पताल पहुंचने की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन भी वहां पहुंचे। जिसके बाद कोठारी ने उनके दिए बयान पर जमकर खरी खोटी सुनाई।
यह हुआ था घटनाक्रम :
हिम्मतनगर कॉलोनी निवासी बालिका जाह्नवी जर्जर सिस्टम की भेंट चढ़ गई। बालिका ने बताया कि उसकी दादी को इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया था। दोपहर बाद दादी का हाथ पकड़कर उन्हें शौचालय में ले गई। थोड़ी दूर पर ही छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा फर्श पर आ गिरा। इसका कुछ हिस्सा जाह्नवी के हाथ और सिर पर लगता हुआ नीचे आया। जाह्नवी के हाथ और सिर में चोंट आई। अचानक हुए घटनाक्रम के बाद वहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों में भी हड़कंप मच गया। जिसके बाद घटना को दबाने के प्रयास सेअस्पताल प्रशासन ने चुपचाप घायल बालिका और बुजुर्ग दादी को मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जिला अस्पताल में मेल सर्जिकल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड की भी हालत गंभीर है। यहां पूरे बरामदा कई जगह से प्लास्टर पहले ही गिर चुका है, बारिश में पानी टपकता रहता है, जिसके निशान अब भी मौजूद है, वार्ड में भी पानी आता है।