प्रसादी के रूप में लड्डूओं की जगह लाठियों का वितरण, इसके पीछे का कारण सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान!
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश के रतलाम में गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान श्री गणेश की आरती के बाद प्रसादी के रूप में लड्डूओं की जगह लाठियों का वितरण किया गया। सुनने में यह अजीब जरूर है लेकिन इसके पीछे का कारण सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल देश में बढ़ते (Women crime) महिला अपराधों के चलते रतलाम की एक गणेश समिति ने मातृशक्ति को हौसला देने और उनमें आत्मविश्वास जगाने के लिए प्रसादी में लकड़ी की सामान्य लाठियों का वितरण किया। शहर के धभाई जी का वास में वंदेमातरम ग्रुप द्वारा आयोजित भगवान श्री गणेश की आरती में यह अनोखी पहल की गई, जिसके तहत मातृशक्ति को आत्मरक्षा (Women Safety) के लिए दण्ड वितरित किए गए। इस अवसर पर गणमान्य नागरिकों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान प्रमुख अतिथि निगम अध्यक्षा मनीषा शर्मा ने सराहना करते हुए इसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। शर्मा ने कहा की हाल ही में महिलाओं से जुड़े कई गंभीर घटनाक्रम ने महिलाओं में असुरक्षा की भावना को पैदा किया है। ऐसे में महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा के भाव को जागृत करना अत्यंत आवश्यक है।
समिति के सदस्यों के अनुसार आत्मरक्षा और महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में यह एक प्रेरणादायक पहल के रूप में प्रस्तुत किया है। वर्तमान में कई ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे है जो महिलाओं के अस्तित्व और सुरक्षा पर बड़ा आघात कर रहे है। ऐसे में महिलाओं में असुरक्षा का वातावरण बना हुआ है, जबकि भारत देश की परंपरा नारी प्रधान है, यहां नारी को पूजा जाता है उसे शक्ति का स्वरूप माना जाता है। दण्ड वितरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मरक्षा (women safety) के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस कला में निपुण बनाना है, ताकि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति में अपनी रक्षा कर सकें। यह दंड केवल पशु भगाने के लिए नहीं है बल्कि विधर्मियों से स्वयं की सुरक्षा के लिए है। कार्यक्रम में निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, भाजपा नेता मनोज शर्मा, राजेश कटारिया, महेंद्रसिंह सोलंकी, दिग्विजयसिंह धभाई, किशन माहेश्वरी, मनीष रावल, प्रद्युम्न शर्मा और दीपक परमार आदि उपस्थित रहे। इन सभी ने वंदेमातरम ग्रुप की इस पहल की प्रशंसा की और महिलाओं को सशक्त बनाने के इस प्रयास में अपना समर्थन व्यक्त किया। आयोजन के दौरान भगवान गणेश की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और धार्मिक माहौल के बीच आत्मरक्षा के इस संदेश को भी बल मिला। महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में यह पहल अन्य संगठनों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।