
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर की सड़क पर दयनीय हालात में मिला एक वृद्ध भिक्षुक आज अपने घर पहुंचा। आशापुरा दल को करीब 2 माह पूर्व सड़क पर एक भिक्षुक संतोष लाचार हालात में मिला। उस समय उसका एक पैर पहले से नहीं था और दूसरा पैर बुरी तरह से सड़ चुका था। उसमें कीड़े लग गए थे। जिसके बाद दल ने तुरंत उसे मेडिकल कॉलेज उपचार के लिए भर्ती किया। स्थिति ज्यादा गंभीर होने व पर्याप्त साधन ना होने के कारण संतोष को इंदौर एमवाय हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। वहां ऑपरेशन कर डॉक्टर ने संतोष का दूसरा पैर भी अलग किया गया। संतोष मानसिक रूप से भी अस्वस्थ था। लंबे समय से संतोष एमवाय के सहारा वार्ड में उसके रख कर उसका इलाज कर उसकी कॉउंसलिंग की गई। जिसके फलस्वरूप अब संतोष अपने परिवार से मिल पाया है। नगर की समाजसेवी मेघा श्रोत्रिय ने जब परिजनों से फोन पर संतोष के बारे में बताया तो उनके आंसू छलक पड़े। परिजनों ने बताया कि घर में छोटी मोटी बातो को लेकर झगड़ों के कारण घर छोड़ चले गए थे। ढूंढने का काफी प्रयास किया, लेकीन कोई जानकारी नहीं मिली।

आशापुरा दल टीम की सदस्य मेघा मेघा श्रोत्रिय ने बताया कि भिक्षुक संतोष के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि उनका पूरा परिवार है। जो कि महाराष्ट्र के कोपरगांव में रहता है। संतोष ने अब जाकर सही जानकारी दी। संतोष के बताए पते पर उसके परिवार को खोजने के लिए टीम सदस्यो ने महाराष्ट्र के अहमद नगर पुलिस की सहायता ली। परिवार के मिल जाने पर पुलिस ने उनके परिजनों को पुरी घटना से अवगत करवाया। संतोष के स्वस्थ होने की खबर मिलते ही परिवार महाराष्ट्र से इंदौर आया। उनकी बेटी इंदौर आकर खुशी खुशी अपने पिता को साथ ले गई। संतोष को अस्पताल की ओर से दिव्यांग ट्राइसाइकिल भी भेंट कि गई। इस सराहनीय कार्य में आशापुरा सहयोग दल मेघा श्रोत्रिय , महाकाल मानव सेवा समिति इंदौर के जय्यू भैया, सीमा सिंह , प्रियांश पांडे , समस्त नर्सिंग स्टाफ, मेंटल हॉस्पिटल के जितेंद्र जी , इमरान खान आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।