मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: खेतों की डिजिटल रजिस्ट्री से किसानों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, जानिए पूरी प्रक्रिया

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भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाना है। इस अभियान के अंतर्गत किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है, जिसमें प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट किसान आईडी दी जाएगी। यह आईडी आधार कार्ड की तरह काम करेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से मिल सकेगा।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया
इस डिजिटल पहल में किसान रजिस्ट्री पोर्टल और मोबाइल ऐप की मदद ली जा रही है। किसानों को इस योजना का लाभ देने के लिए किसान रजिस्ट्री एमपी ऐप और स्थानीय युवाओं के लिए किसान सहायक एमपी ऐप बनाया गया है। इन ऐप्स के माध्यम से किसानों की ई-केवाईसी की जाएगी और उनकी भूमि की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

डिजिटल सर्वेक्षण में स्थानीय युवाओं की भागीदारी
राज्य के युवा इस पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो किसानों के खेतों की नाप-जोख करके डेटा इकट्ठा करेंगे। इसके लिए इन युवाओं को बैंक खातों में राशि का भुगतान भी किया जाएगा।

किसान रजिस्ट्री के लाभ
किसान रजिस्ट्री के जरिए किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे:
– सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: रजिस्ट्री के बाद किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकेंगे।
– आसान ऋण प्रक्रिया: किसान रजिस्ट्री होने से किसानों को कृषि ऋण लेने में सहूलियत होगी।
– बाजार की जानकारी: किसान अपने उत्पादों के लिए बाजार की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
– बेहतर मूल्य: कृषि उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया
इस डिजिटल प्रक्रिया में किसानों को ई-केवाईसी करनी होगी, जिसमें उनका आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खसरा खतौनी की जानकारी दर्ज की जाएगी। किसानों की सहमति डिजिटल तरीके से ली जाएगी और उनके सभी खातों को एक साथ जोड़ा जाएगा।

आवश्यक दस्तावेज
किसान रजिस्ट्री के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
– आधार कार्ड
– मोबाइल नंबर
– खसरा खतौनी
– समग्र आईडी

कॉमन सर्विस सेंटर से मदद
किसान रजिस्ट्री के लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर का भी सहारा ले सकते हैं। यहां किसान भू-स्वामी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करके रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

समाप्ति की तारीख
यह अभियान 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा, ताकि दिसंबर से सभी योजनाओं का लाभ किसान आईडी के माध्यम से मिल सके। यह प्रक्रिया किसानों की मदद और उनकी उपज की बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री की इस प्रक्रिया से किसानों के लिए कृषि कार्य और आसान हो जाएगा, और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी।

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