अवैध संबंध, हत्या और खुलासा! : विवाहित महिला के दूसरे संबंधो से नाखुश था प्रेमी संतोष, गला घोंटकर लाश फेंकी थी नदी में

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लापता महिला रचना उपाध्याय की लाश करवड़ में मिलने का मामला, पुलिस ने किया खुलासा

पब्लिक वार्ता -रतलाम,
जयदीप गुर्जर। 23 मई को थाना औद्योगिक क्षैत्र रतलाम पर वर्धमान नगर निवासी भगवतीलाल उपाध्याय अपनी पत्नी रचना उपाध्याय उम्र39 वर्ष की गुमशुदगी दर्ज करवाने पहुंचता है। 6 दिन बाद झाबुआ के करवड़ में माही नदी में में एक शव बरामद होता है। जिसकी सूचना रतलाम पुलिस को दी जाती है। जिसके बाद रचना के परिजनों को सूचना देकर बुलाया जाता है और शव की पहचान कराई जाती है। शव पानी में रहने के कारण सड़ गल चुका होता है। शरीर पर बने टेटू और कपड़ों से महिला की शिनाख्ती की जाती है। इसके बाद पुलिस मामले में हत्या का केस दर्ज कर तफ्तीश में जुट जाती है। पुलिस आखिरकार आरोपियों तक पहुंचती है और सोमवार को इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा होता है। मृतिका महिला रचना उपाध्याय की एक 19 वर्षीय बेटी व 13 वर्ष का बालक है। महिला के आरोपी के साथ अवैध संबंध होना सामने आए है।

एसपी राहुल कुमार लोढा ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। हत्या के मुख्य आरोपी हाकिमवाड़ा निवासी संतोष पिता श्यामलाल राव उम्र 39 वर्ष व उसका साथ देने वाले दोस्त चिंगीपुरा निवासी सलमान पिता मोहम्मद एहसान उम्र 32 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी संतोष लोडिंग वाहन चलाता है। वहीं उसका दोस्त आरोपी सलमान लोकेंद्र भवन (कान्वेंट तिराहे) स्थित बंगले मुफद्दल विला का चौकीदार है। महिला की हत्या इसी मुफद्दल विला में गला घोंटकर की गई थी। कांफ्रेंस के दौरान एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी अभिनव वारंगे, औद्योगिक क्षेत्र टीआई राजेंद्र वर्मा मौजूद रहे।

प्रेमी का शक, गुस्सा और हत्या!
पुलिस के अनुसार हत्या की वजह महिला के अन्य संबंध का शक बना। आरोपी संतोष के करीब 1 साल से महिला के साथ अवैध संबंध थे। इस दौरान उसे महिला के और भी अन्य लोगों के साथ संबंध होने का शक था। इसी बीच आरोपी संतोष अपनी शादीशुदा प्रेमिका रचना से प्यार करने लगा। 23 मई की शाम जब मृतिका संतोष से मिलने मुफद्दल विला पहुंची तो संतोष और महिला विवाद हुआ। विवाद इस बात को लेकर हुआ था की मृतिका रचना आरोपी संतोष मिलने से पहले किसी और से मिलकर उसके पास आई थी। संतोष ने शक में मृतिका रचना से विवाद किया और गुस्से में आकर गला दबा दिया। जिससे रचना अचेत हो गई। जानकारी के अनुसार 23 मई को दोपहर 4 बजे करीब रचना अपने ससुराल से मायके जाने का कहकर स्कूटी से निकली थी। रचना का मायका रतलाम में ही श्रृंगी नगर में है। रचना के परिवार वाले उस दिन हरिद्वार गए हुए थे।

टेप से पैक की लाश, लोडिंग में डाली
विवाद के दौरान जब संतोष ने रचना का गला दबाया तो वह अचेत हो गई। जिसके बाद उसने बंगले के चौकीदार अपने दोस्त सलमान को बुलाया और दोनों ने रचना को पानी छिड़क कर होश में लाने की कोशिश की। लेकिन तब तक रचना का शरीर ठंडा पड़ चुका था। दोनों ने मिलकर अब लाश ठिकाने लगाने की कोशिश शुरू कर दी। संतोष लोडिंग वाहन लेकर बंगले के अंदर आया। बंगले में लोडिंग खड़ी की, इसके बाद दोनों आरोपी महिला की स्कूटी से खाचरौद (उज्जैन) पहुंचे। रास्ते में स्कूटी की नंबर प्लेट निकालकर फेंक दी। महिला का मोबाइल भी तोड़कर रास्ते में फेंक दिया। स्कूटी को खाचरौद के उज्जैन गेट पर खड़ी कर वापस रतलाम लौट आए। आरोपियों ने महिला के शव को पुस्टे में टैप लगाकर पैक किया। आरोपियों ने महिला के शव को ठीक उसी तरह पैक किया जैसे कोई डिलवरी का सामान किसी लोडिंग में पैक कर पहुंचाया जाता है। संतोष शाम 7 बजे करीब महिला को लेकर बंगले मुफद्दल विला में घुसा था। जिसकी जानकारी उसके चौकीदार दोस्त सलमान को थी। महिला के शव को पैक कर दोनों ने लोडिंग में डाला और 40 किलोमीटर दूर करवड़ जाकर नदी में फेंक दिया।

मशक्कत के बाद पुलिस के हाथ आए
मृतिका रचना की गुमशुदगी से लेकर हत्या के दिन तक के करीब 150 से अधिक सीसीटीवी फूटेज को पुलिस ने खंगालना शूर किया। 23 मई की शाम महिला को संदेही संतोष के साथ नगर निगम के यहां देखा गया। जिसके बाद आरोपी संतोष को लगातार ट्रेस किया गया। आरोपी उसे बंगले में ले जाते हुए भी ट्रेस हुआ। पुलिस ने तुरंत संतोष की तलाश शुरू की और उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने महिला के साथ अवैध संबंधो को स्वीकार किया और हत्या करने की वजह बताई। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को पहले खूब दिमागी कसरत करना पड़ी। उसके बाद इनकी गिरफ्तारी को लेकर भी पुलिस को इधर – उधर खूब घूमना पड़ा।

पुलिस की टीम जिसकी सराहनीय भूमिका
एसपी ने इस मामले को चिंहित अपराध में दर्ज किया। 10 हजार का इनाम भी पूर्व में घोषित किया। हत्या के इस सनसनीखेज मामले को सुलझाने में थाना औद्योगिक क्षेत्र टीआई राजेन्द्र वर्मा, एसआई सत्येन्द्र रघुवंशी, अमित शर्मा सायबर सेल, एएसआई बबलू डागा, इशाक खान, प्र.आर. नीरज त्यागी, राहुल जाट, तपेश गोसाई, बलराम पाटीदार, मनमोहन शर्मा, हिम्मत सिंह, आरक्षक कपिल, लखन, अर्जुन खींची, मोहन पाटीदार, अभिषेक पाठक, दुर्गालाल गुजराती, कान्हा मेघवाल, राजेश प्रजापति, विपुल भावसार, चालक संजय एवं सीसीटीवी शाखा से एएसआई राजा तिवारी, प्र. आर. शान्तिलाल डिंडोर, आरक्षक पारस चावला, लखन धभाई की सराहनीय भूमिका रही।

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