
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: भारतीय रेलवे ने अपने विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के बिजली विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों और आम जनता को रेलवे विद्युतीकरण के महत्व और लाभों के प्रति जागरूक करना था।
विद्युतीकरण की यात्रा: 100 वर्षों का सफर
भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को चली थी, लेकिन देश में पहली बार 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) से कुर्ला हार्बर तक बिजली के इंजन से ट्रेन का संचालन हुआ। इसके बाद रेलवे विद्युतीकरण की प्रक्रिया निरंतर आगे बढ़ती रही और वर्तमान में भारतीय रेलवे ने 97% ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। जल्द ही भारतीय रेलवे 100% विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
रतलाम मंडल में जागरूकता कार्यक्रम
रेलवे विद्युतीकरण के 100वें वर्ष को यादगार बनाने के लिए रतलाम मंडल के बिजली टीआरडी (कर्षण वितरण) विभाग ने मॉर्निंग स्टार स्कूल, रतलाम में एक संगोष्ठी आयोजित की। इस संगोष्ठी में 350 से अधिक छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में रेलवे विद्युतीकरण के विकास, उसकी उपयोगिता और इसके फायदे जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रतियोगिताओं का आयोजन और विजेताओं का सम्मान
बिजली टीआरओ (कर्षण परिचालन) विभाग द्वारा रतलाम मंडल के रतलाम, उज्जैन, इंदौर, डॉ. अंबेडकर नगर और चित्तौड़गढ़ लॉबी में बच्चों के लिए निबंध और ड्राइंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
भारतीय रेलवे का यह ऐतिहासिक सफर दर्शाता है कि कैसे तकनीकी विकास के माध्यम से परिवहन व्यवस्था को अधिक उन्नत और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है। रेलवे विद्युतीकरण से न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि यह प्रदूषण कम करने और यात्रा को सुगम बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।