MP News: गौशाला में सजाए फ़ूड स्टॉल, मेन्यू में गुलाब जामुन, रबड़ी घेवर जैसे 56 पकवान, पितरों के श्राद्ध का अनूठा कार्यक्रम

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गायों के लिए शादियों के रिसेप्शन की तरह सजावट, गाय को भोजन देने से देवी-देवता होते हैं तृप्त, आयोजन में करीब 1 क्विंटल सामग्री का उपयोग.

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: मध्यप्रदेश के रतलाम में श्राद्ध पक्ष के दौरान एक अनूठा कार्यक्रम देखने में आया है। यहां एक गौशाला में मैरिज गार्डन की तर्ज पर फ़ूड स्टॉल लगाए गए। फ़ूड स्टॉल्स के साथ खाने की हर एक वैरायटी के स्टिकर्स भी लगाए। खास बात यह है की ये फ़ूड स्टॉल्स किसी इंसान के लिए नहीं बल्कि गौशाला की गायों के लिए थे। गायों के लिए मेन्यू में 56 पकवानों को बनाया गया।

दरअसल रतलाम के गौसेवक परिवार द्वारा खेतलपुर स्थित गौशाला में एक अनूठा और प्रेरणादायक श्राद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में करीब 400 गायों को 56 प्रकार के विशेष व्यंजनों का भोग लगाया गया। इस अभिनव प्रयास का उद्देश्य पितृ शांति के लिए गायों की सेवा करना था। कार्यक्रम में गायों के लिए शादियों के रिसेप्शन की तरह सजावट की गई, और विभिन्न प्रकार के पकवानों के स्टॉल लगाए गए थे। मेन्यू में 56 प्रकार के व्यंजन शामिल किए गए, जो गायों के लिए एक विशेष भोग के रूप में प्रस्तुत किए गए।

इस तरह शादियों के रिसेप्शन की तरह सजाए फ़ूड स्टॉल्स


मेन्यू में गुलाब जामुन, जलेबी और भी बहुत कुछ
गायों के लिए परोसे गए भोजन में 12 प्रकार की मिठाइयों की खास व्यवस्था थी। इनमें गुलाब जामुन, जलेबी, बर्फी, काजू कतली, रबड़ी घेवर, मावा बाटी, पेड़ा, और बालूशाही जैसी मिठाइयाँ प्रमुख थीं। इसके अलावा, सेब, अनार, केला, पपीता, और पाइनएप्पल सहित 15 प्रकार के ताजे फलों का भी भोग लगाया गया।

ड्राईफ्रूट्स और पशु आहार
गायों के पोषण को ध्यान में रखते हुए दाख, तिल, परमल, मखाने, और गुड़ जैसे 20 – 25 प्रकार के ड्राईफ्रूट्स शामिल किए गए। इसके साथ ही, खली, कपास्या, ज्वार, बाजरा, जौ जैसे 6 प्रकार के पशु आहार और कई प्रकार की सब्जियाँ भी गायों के लिए भोग में रखी गईं। इस आयोजन में करीब 1 क्विंटल सामग्री का उपयोग किया गया। आयोजकों ने बताया कि पितरों की शांति और गौ सेवा को समर्पित यह आयोजन भविष्य में भी जारी रहेगा, ताकि समाज में इस प्रकार की सेवा का महत्व और बढ़े।

गौशाला में मौजूद गौसेवक परिवार के सदस्य


पितृपक्ष में गाय का महत्व
पितृपक्ष में गाय का विशेष महत्व है। इसी के कारण श्राद्ध के भोजन का एक अंश गाय माता को भी खिलाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गाय को वैतरणी से पार लगाने वाले कहा गया है। इसके साथ ही गाय में देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में गाय को भोजन देने से देवी-देवता तृप्त हो जाते है। इसके साथ बी पितर प्रसन्न हो जाते हैं। 

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