MP News: महिला सशक्तिकरण की प्रतीक: देवी अहिल्याबाई होल्कर  

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

 लेखिका ममता चंद्रशेखर की पुस्तक “युगंधरा देवी अहिल्याबाई होल्कर” का भव्य विमोचन  

इंदौर- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: महिला सशक्तिकरण और आदर्श नेतृत्व का दूसरा नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर हैं। इन्हीं के जीवन और संघर्षों को लेखिका डॉ. ममता चंद्रशेखर ने अपनी पुस्तक “युगंधरा देवी अहिल्याबाई होल्कर” में उतारा है। बुधवार को मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में इस पुस्तक का विमोचन किया गया।  

 समारोह में विशिष्ट जनों की उपस्थिति  

इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल सदाशिव कोकजे, महापौर पुष्पमित्र भार्गव, होलकर वंशज श्रीमंत उदय सिंह होलकर, पद्मश्री सत्येन सिंह लोहिया, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष चंद्रशेखर रायकवार, पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़, डॉ. माला ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।  

इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का प्रयास  

पुस्तक पर चर्चा करते हुए लेखिका डॉ. ममता चंद्रशेखर ने कहा, इस कृति के माध्यम से मैंने इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का प्रयास किया है। इसमें स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार अष्ठाना का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। यह पुस्तक देवी अहिल्याबाई द्वारा किए गए महान कार्यों के महासागर में एक छोटी सी बूंद के समान है।  

देवी अहिल्याबाई: सशक्त महिला नेतृत्व का आदर्श  

कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल सदाशिव कोकजे ने कहा, हम सभी को अहिल्याबाई होल्कर के कार्यों का प्रचार-प्रसार करने के साथ उन्हें आत्मसात भी करना चाहिए। वहीं, होलकर परिवार के श्रीमंत उदय सिंह होलकर ने कहा, अहिल्याबाई हर महिला के लिए एक आदर्श हैं, जिनका अनुसरण किया जाना चाहिए।  

अहिल्याबाई से सीखें संपूर्ण नारीत्व  

कार्यक्रम में डॉ. माला ठाकुर ने कहा, हम अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती मना रहे हैं। ऐसे में इस तरह की पुस्तकें नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगी। अहिल्याबाई सिखाती हैं कि एक स्त्री अच्छी बेटी, पत्नी, बहू, मां और कुशल प्रशासक कैसे बन सकती है। विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को कैसे निभाना चाहिए, यह उनसे सीखना चाहिए।  

23 वर्षों की 23 पुस्तकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन  

इस अवसर पर लेखिका ममता चंद्रशेखर की 23 वर्षों में लिखी गई 23 पुस्तकों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया।  

कार्यक्रम का संचालन एवं समापन  

कार्यक्रम का संचालन डॉ. कला जोशी ने किया और प्रो. वंदना जोशी ने कार्यक्रम की जानकारी दी।  

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram