MP News: विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार रतलाम पहुंचे, जात – पात से ऊपर उठने पर दिया जोर; समाज के प्रबुद्धजनों से मिले

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

सेवा कार्य सबसे बड़ा कार्य, देश व धर्म को बचाकर सेवा कार्य करना बहुत आवश्यक है – आलोक कुमार

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता विभाग द्वारा रतलाम में सामाजिक समरसता संगोष्ठी व प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विशेष मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार उपस्थित हुए। इस आयोजन का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समरसता और एकता को बढ़ावा देना है। संगोष्ठी से पूर्व अतिथियों ने भारत माता व भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रांत मंत्री विनोद शर्मा, संगठन मंत्री अर्जुन गेहलोद, समाजसेवी व व्यापारी अनोखीलाल कटारिया, प्रकाश शर्मा सांवरिया आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन जिला सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज सगरवंशी व विशेष संपर्क प्रमुख मनोज पंवार ने किया।

अपने संबोधन में आलोक कुमार ने भारत में सनातन धर्म में सामाजिक समरसता को लेकर जात-पात से ऊपर उठकर सभी समाज को एक साथ रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे मन में भगवान विराजमान हैं, तो छोटा-बड़ा का कोई प्रश्न नहीं उठता। हिंदू धर्म में पहले समय में व्यक्ति हजार कष्टों को सहकर चार धाम तीर्थ यात्रा करता था। उस समय सड़क, परिवहन आदि की व्यवस्था नहीं होती थी। लोग अपने सभी हिसाब-किताब को सुधारते, गलतियों को स्वीकार करते और यह सोचकर जाते कि यदि मृत्यु हुई तो मोक्ष की प्राप्ति होगी, और यदि लौट आए तो ईश्वर की कृपा मानी जाती। यह सब इसलिए होता था क्योंकि लोग देश को एक मानते थे। उन्होंने कहा कि हम सभी को जात, मत, पंथ से ऊपर उठकर हिंदू के रूप में एकजुट रहना चाहिए और बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देना अति आवश्यक है। अन्यथा विधर्मी हमारे समाज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे लव जिहाद जैसे गंभीर मामले सामने आते हैं।

आलोक कुमार ने कहा कि आज कुछ राजनेता आदिवासी समाज को अन्य समाज से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें उकसा रहे हैं। जबकि वैज्ञानिक शोध से यह सिद्ध हो चुका है कि आदिवासी समाज और सनातन को मानने वाले अन्य पंथ के सभी बंधु मूल निवासी हैं और हिंदू हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपनाने से पूर्व ईसाई और इस्लाम मत पर विचार किया, लेकिन निष्कर्ष निकाला कि बौद्ध धर्म भारत के लिए अधिक उपयुक्त है। उन्होंने इस विषय पर “Thoughts on Pakistan” पुस्तक भी लिखी, जिसे सभी को पढ़ना चाहिए।

इस आयोजन में विभाग से सह मंत्री पवन बंजारा, वीनू शर्मा, मोहित चौबे; जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम रावल, पवन देवड़ा; जिला संयोजक मुकेश व्यास, मनोज सगरवंशी, मनोज पंवार, मुन्नू कुशवाहा, अक्षय गोमै, योगेश चौहान, आशु टॉक, राजा राम ओहरी, अनिल रौतेला, कृष्ण भामा, पाखंड से विजय, नीरज सतवानी, दीपांशु गुप्ता, जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल, जिला शाह पसार रिकी सेन; शंकर सिंह, हीरालाल सीरवी एवं विभाग, जिला एवं प्रखंड टीम के सदस्य उपस्थित रहे। जानकारी जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल ने दी।

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *