रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: ग्राम करमदी आम रोड पर सोना-चांदी व्यापारी प्रियेश शर्मा से 9 लाख रुपये नगद और सोने के गहनों की लूट करने वाले 12 आरोपियों को न्यायालय ने 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया।
कैसे हुई थी लूट की वारदात
अतिरिक्त लोक अभियोजन संजीव सिंह चौहान के अनुसार, 31 जनवरी 2022 की रात करीब 11:15 बजे फरियादी प्रियेश शर्मा अपनी स्विफ्ट कार से धार से ग्राम करमदी लौट रहे थे। जैन मंदिर के पास एक ग्रे सिल्वर रंग की स्विफ्ट डिजायर कार ने उनकी गाड़ी रोक ली, जबकि पीछे एक मेहरून रंग की होंडा अमेज खड़ी हो गई।
गाड़ी से उतरे तीन-चार बदमाशों ने लकड़ी से फरियादी की कार के शीशे तोड़ दिए और पिस्टल दिखाकर बैग मांगा। बैग में करीब 9 लाख रुपये नकद, सोने के गहने और पहचान के दस्तावेज थे, जिसे लूटकर आरोपी फरार हो गए।
सीसीटीवी और जीपीएस डेटा से पकड़े गए आरोपी
थाना माणक चौक प्रभारी अनुराग यादव ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान की। लूट में कुल 13 आरोपी शामिल थे, जिनमें से गज्जू उर्फ गजेंद्र डोडिया की हत्या हो चुकी है। शेष 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 8 लाख 66 हजार रुपये नकद, सोने का कंगन, दो कारें, मोटरसाइकिल, पिस्टल, जिंदा कारतूस, लाठी-डंडे बरामद किए गए।
7 वर्ष की सजा पाने वाले सभी 12 आरोपियों के नाम:
- अजय उर्फ अज्जू जाट पिता राजेश जाट
- कार्तिक उर्फ शैलू पिता रामप्रसाद पाटीदार
- कान्हा उर्फ जितेंद्र पिता भंवरलाल जाट
- मोहित पिता राजेश राठौड़
- यशवंत उर्फ युग पिता राकेश शर्मा
- तरुण पिता कमल पडियार
- सुनील उर्फ श्याम पिता भगीरथ मचार
- भावेश पिता ललित द्विवेदी
- कुलदीप पिता दिनेश जाट
- नारायण उर्फ डेविड पिता रमेश धाकड़
- विशाल पिता कन्हैयालाल धाकड़
- पंकज पिता भगत जाट
न्यायालय में आरोपियों को मिली सजा
मामले की सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने 13 गवाहों और अहम साक्ष्यों को अदालत में पेश किया। फरियादी ने न्यायालय में आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया, लेकिन लूटी गई रकम व गहने सुपुर्दगी में ले लिए और आरोपियों से लिखित समझौता कर लिया।
इसके बावजूद अभियोजन पक्ष ने अपने तर्कों से आरोपियों को संदेह से परे दोषी साबित किया।
सजा का विवरण
धारा 397 भादवि (डकैती में घातक हथियार का उपयोग) के तहत
– अजय उर्फ अज्जू जाट, कार्तिक उर्फ शैलू, कान्हा उर्फ जितेंद्र को 7 साल की सजा व 1,000 रुपये जुर्माना
– शेष 9 आरोपियों को 7 साल की सजा व 500 रुपये जुर्माना
– आर्म्स एक्ट (धारा 25, 27) के तहत तीन आरोपियों को 3 साल की सजा
तीन आरोपी फरार, गिरफ्तारी वारंट जारी
फैसला सुनाए जाने के समय अजय उर्फ अज्जू, तरुण पडियार और कान्हा उर्फ जितेंद्र न्यायालय से फरार हो गए। अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर संबंधित थाने को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
अभियोजन पक्ष की भूमिका अहम
मामले में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने पैरवी की। सीसीटीवी फुटेज, जीपीएस डेटा और अन्य डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन ने अपना पक्ष मजबूत बनाया, जिसके आधार पर आरोपियों को सजा सुनाई गई।