रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: जिले के लखमाखेड़ी गांव में सोमवार रात दलित समुदाय की दुल्हन की बिंदोली को रोकने का मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के कुछ राजपूत समाज के लोगों ने जुलूस के रास्ते में आकर बिंदोली रोक दी और परिवार के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था में बिंदोली की रस्म पूरी कराई।
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क्या हुआ था?
लखमाखेड़ी निवासी सुरेश कटारिया, जो सब्जी बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं, अपनी बड़ी बेटी की 26 नवंबर को होने वाली शादी से पहले बिंदोली निकाल रहे थे। रात करीब 9:30 बजे जुलूस जैसे ही गांव के बापूसिंह सोंधिया राजपूत के घर के सामने पहुंचा, बापूसिंह और बद्रीसिंह बाहर आकर बिंदोली रोकने लगे।
इसके बाद गांव के ही कुशाल सिंह, कुलदीप सिंह, गोविंद सिंह भाणेज भी वहां पहुंच गए और परिवार के साथ अभद्रता करते हुए जातिसूचक शब्द बोले।
पुलिस कार्रवाई
सूचना मिलने पर बड़ावदा थाना प्रभारी स्वराज डाबी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित किया। पुलिस सुरक्षा में दुल्हन की पूरी बिंदोली गांव में निकाली गई।
थाना प्रभारी के मुताबिक,
इन 5 लोगों पर केस दर्ज किया गया है—
- बापूसिंह पिता पर्वतसिंह सोंधिया
- बद्रीसिंह पिता भेरुसिंह
- कुशाल सिंह पिता चंदरसिंह
- गोविंद सिंह भाणेज
सभी निवासी लखमाखेड़ी।
आरोपियों पर बीएनएस धारा 176 और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी का विरोध
घटना के बाद भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील अस्तेय और जिलाध्यक्ष गोपाल वाघेला ने कहा कि यह दलित समाज का सीधा अपमान है और राज्य सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए।