
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम जिले में भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। मंगलवार को उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने रतलाम ग्रामीण तहसील कार्यालय में दबिश देकर पटवारी यशवर्धन शर्मा को 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत रोजड़का के वार्ड 14 के पंच जितेंद्रसिंह चावड़ा की शिकायत पर की गई। पटवारी ने तहसीलदार के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता जितेंद्रसिंह ने बताया कि उन्होंने गांव रोजड़का में एक बीघा कृषि भूमि खरीदी थी, जिसका नक्शा और बटवारा कराने के लिए पटवारी यशवर्धन शर्मा ने पहले 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। 23 मई को शिकायत लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को की गई, जिसके बाद इंस्पेक्टर दीपक शेजवार को जांच सौंपी गई। सत्यापन के दौरान पटवारी 10 हजार रुपये में तैयार हो गया और 24 मई को 2 हजार रुपये एडवांस ले भी लिए।
लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को ट्रेप प्लान किया। तहसील कार्यालय बुलाकर पटवारी ने बचे हुए 8 हजार रुपये शिकायतकर्ता की शर्ट की जेब में डलवाए और फिर खुद ले लिए। जैसे ही नोट हाथ में लिए, टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। हाथों को केमिकल युक्त पानी में डुबोने पर गुलाबी रंग निकल आया, जिससे रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई।
इस कार्रवाई में डीएसपी राजेश पाठक, इंस्पेक्टर दीपक शेजवार, आरक्षक श्याम शर्मा, इसरार, अनिल अटोलिया, उमेश कुमार व स्टेनो रमेश डाबर शामिल रहे। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
30 दिन में तीसरा रिश्वतखोरी मामला
रतलाम जिले में बीते एक महीने में पटवारियों की रिश्वतखोरी के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
- 21 मई को जावरा के पटवारी प्रवीण जैन को जमीन डायवर्शन के लिए 6 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था।
- 5 मई को ताल तहसील के पटवारी प्रभु कुमार गरवाल को सीमांकन पंचनामा देने के लिए 5 हजार रुपये मांगने पर ट्रेप किया गया था।
जांच में अब तहसीलदार भी
चूंकि रिश्वत की मांग तहसीलदार के नाम पर की गई थी, इसलिए लोकायुक्त अब ग्रामीण तहसीलदार की भूमिका की भी जांच करेगी।
इंस्पेक्टर दीपक शेजवार ने बताया, “पटवारी द्वारा जमीन के बंटवारे को लेकर रिश्वत की मांग की गई थी। ट्रेप दल गठित कर कार्रवाई की गई। तहसीलदार के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप हैं, जिसकी जांच की जाएगी।”