रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News : शहर में दिवाली के त्योहार की रौनक बनी हुई है। ऐसे में बड़े – बड़े दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह – तरह के हथकंडे अपना रहे है। शहर के मुख्य सराफा बाजार चांदनी चौक में डीपीके ज्वेलर्स (DPK Jewellers) द्वारा बिजली कंपनी को चुना लगाया जा रहा है। ऐसे में अब क्या कार्रवाई होगी यह एक बड़ा सवाल है। कई बार देखने में आया है की राजनीतिक पहुंच व रसूख के चलते DPK ज्वेलर्स जैसे बड़े – बड़े कारोबारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। शिकायतों को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। रतलाम सहित पूरे मध्यप्रदेश में नियम व कायदे छोटे व्यापारियों व गरीब लोगों पर ही अमल किए जाते है।
दरअसल इस लग्जरी ज्वेलरी शॉप के उदघाटन के दौरान मुख्य सड़क पर विद्युत सज्जा की गई है। दिलचस्प बात यह है की पब्लिक वार्ता ने जब पड़ताल की तो मालूम हुआ की इस साज – सज्जा का विद्युत कनेक्शन शासकीय बिजली पोल से लिया हुआ है, जो की अवैध है। नियमानुसार सड़क या अन्य सार्वजनिक स्थल पर विद्युत साज – सज्जा के लिए विद्युत विभाग द्वारा अलग से मीटर कनेक्शन जारी किया जाता है। लेकिन अपने रसूख का दुरुपयोग कर खुलेआम DPK ज्वेलर्स द्वारा नियम व कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। आपको बता दे उक्त ज्वेलरी शॉप डीपी ग्रुप ऑफ कंपनीज की एक यूनिट है। डीपी कटारिया ग्रुप उद्योग जगत में जाना पहचाना नाम है। इनका मासिक टर्न ओवर करोड़ो में होता है। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रख कर खुलेआम बिजली चोरी की जा रही है।
जांच कर करेंगे उचित कार्रवाई
मामले में बिजली कंपनी के अधिकारी जेई प्रवीण धाकड़ का कहना है की उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। मौके पर विजिलेंस टीम भेज कर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं विजिलेंस अधिकारी एई हीरेन्द्र फुलबन्दे ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने की बात कही।
जेल और जुर्माने का है प्रावधान
एडवोकेट मंथन मुसले के अनुसार मध्य प्रदेश विद्युत अधिनियम के अंतर्गत, सरकारी पोल या अन्य विद्युत उपकरणों से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इस पर कार्रवाई भारतीय विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत की जाती है।
विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 और 138 के अनुसार निम्न प्रावधान है:
1. धारा 135: बिजली चोरी करने पर – जैसे कि तारों को काटना, अनधिकृत रूप से बिजली का उपयोग करना, या विद्युत उपकरणों से छेड़छाड़ करना। इसके तहत दोषी व्यक्ति को आर्थिक दंड और कारावास की सजा हो सकती है। जुर्माना और सजा बिजली की चोरी की मात्रा और अपराध की गंभीरता के अनुसार तय की जाती है। पहली बार अपराध होने पर 3 साल तक की सजा या भारी जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
2. धारा 138: विद्युत उपकरणों से छेड़छाड़ करने पर – इसमें किसी भी प्रकार से विद्युत उपकरणों (जैसे मीटर, पोल, तार आदि) को नुकसान पहुंचाना, छेड़छाड़ करना या उसकी कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करना शामिल है। इसके तहत दोषी व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उसे सजा दी जा सकती है।
इन धाराओं के अंतर्गत, बिजली कंपनी की टीम और पुलिस द्वारा जांच की जाती है, और प्रमाणित पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाती है।