Ratlam News: बाजारवाद में फेक नेरेटिव सबसे बड़ा संकट: डॉ. जोशी, नारद जयंती पर रतलाम प्रेस क्लब और विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान आयोजित

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रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: विश्व संवाद केंद्र एवं रतलाम प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में नारद जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार, लोकसभा टीवी के पूर्व प्रधान संपादक और वर्तमान में रेडियो कर्मवीर से जुड़े डॉ. आशीष जोशी ने “राष्ट्रचिंतन और समाज निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका – नारदीय परंपरा से आज तक” विषय पर उद्बोधन दिया।

डॉ. जोशी ने कहा कि आज के दौर में सबसे बड़ा संकट फेक नेरेटिव है, जो बाजारवाद की देन है। फार्मास्यूटिकल, एग्रीकल्चर केमिकल्स, हथियार उद्योग जैसी वैश्विक कंपनियां अपने हितों के लिए सोशल मीडिया पर झूठे नैरेटिव गढ़ती हैं। उन्होंने चेताया कि पत्रकारों को इन बाजारवादी चालों का हिस्सा बनने से बचना होगा और समाजहित को प्राथमिकता देनी होगी।

उन्होंने कहा कि नारद केवल संवाद के वाहक नहीं थे, बल्कि वे लोकहित में संवाद करते थे। पत्रकारों को नारद के साथ ही भगवान श्री गणेश से भी प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने ऋषि वेदव्यास की बातों को जस का तस लिखा, अपने विचार नहीं थोपे। आज जब भारत-पाक तनाव जैसे मुद्दे सामने हैं, तो पत्रकारिता को और अधिक जिम्मेदार होना होगा।

डॉ. जोशी ने यह भी कहा कि आज की पत्रकारिता में यह तय करना सबसे जरूरी है कि क्या प्रसारित नहीं करना है। बाजारवाद सूचनाओं की बाढ़ लेकर आया है, लेकिन इन सूचनाओं में से सार निकालना और समाजहित में कार्य करना पत्रकारों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा मुनि नारद के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। रतलाम प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी, सचिव यश शर्मा बंटी, उपाध्यक्ष सुजीत उपाध्याय, कोषाध्यक्ष नीरज शुक्ला, सह सचिव हेमंत भट्ट सहित पत्रकारिता क्षेत्र के अनेक वरिष्ठजन, क्लब सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

रतलाम की पत्रकारिता की रही समृद्ध परंपरा
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष गोस्वामी ने रतलाम की पत्रकारिता परंपरा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में गोपाल सिंह नेपाली जैसे पत्रकारों ने रतलाम से अखबार निकालकर जनजागरण किया। देश की पहली महिला पत्रकार हेमंत कुमारी चौधरी ने भी यहीं से अपनी पत्रिका ‘सुग्रहिणी’ का प्रकाशन कर महिला पत्रकारिता को दिशा दी। आज भी रतलाम के पत्रकार सकारात्मक और समाजमूलक पत्रकारिता कर रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन अदिति मिश्रा ने किया और अंत में आभार संस्था के कोषाध्यक्ष नीरज शुक्ला ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों के पत्रकार जमीनी सच्चाइयों से ज्यादा रूबरू होते हैं, और डॉ. जोशी जैसे वक्ता जो खुद इसी धरती से निकले हैं, वे इन सच्चाइयों को बेहतर समझते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद रहे:
शरद जोशी, रमेश टांक, दिलीप पाटनी, राजेश मूणत, सुरेंद्र जैन, नरेंद्र जोशी, विजय मीणा, आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, भेरूलाल टांक, संजय पाठक, असीमराज पांडेय, राजेश पुरोहित, विवेक बाफना, साजिद खान, समीर खान, राकेश पोरवाल, विवेकानंद चौधरी, जयदीप गुर्जर, नारायण चौधरी, महेश पुरोहित, प्रकाश कुमावत, गोवर्धन चौहान, विवेक मल्होत्रा सहित विश्व संवाद केंद्र के पदाधिकारी और कार्यकर्ता।

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