
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में चल रहे 100 दिवसीय नि क्षय भारत शिविर अभियान के दौरान टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान करने की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में इप्का लेबोरेट्री द्वारा 100 फूड बास्केट जिला क्षय केंद्र रतलाम को प्रदान की गई, जिससे टीबी मरीजों को अतिरिक्त पोषण सहायता मिल सके।
अब तक 401 लोग बन चुके हैं नि क्षय मित्र
जिले में नि क्षय मित्र योजना के तहत अब तक 401 लोग जुड़ चुके हैं, जो टीबी मरीजों को पोषण आहार देकर उनकी मदद कर रहे हैं। कलेक्टर राजेश बाथम ने भी आम जनता से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने और अधिक से अधिक नि क्षय मित्र बनने की अपील की है, ताकि टीबी मरीजों को बेहतर पोषण मिल सके और उनका जल्द इलाज संभव हो।
इप्का लेबोरेट्री की सामाजिक पहल
इप्का लेबोरेट्री के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश सियाल, प्रशासकीय अधिकारी विक्रम कोठारी और डॉ. मनीष गुप्ता (मेडिकल ऑफिसर) द्वारा 100 फूड बास्केट जिला क्षय केंद्र रतलाम को सौंपी गई। इन फूड बास्केट में 5 किलो आटा, 1 किलो तुअर दाल, 1 किलो मूंगफली और 1 किलो चना शामिल है, जो हाई प्रोटीन डाइट के रूप में टीबी मरीजों के पोषण के लिए जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एम. एस. सागर ने इप्का लेबोरेट्री के इस योगदान की सराहना करते हुए कहा कि टीबी मरीजों के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके।
नि क्षय पोषण योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह सहायता
जिला क्षय अधिकारी डॉ. अभिषेक अरोरा ने बताया कि नि क्षय पोषण योजना के अंतर्गत टीबी मरीजों को हर माह 1000 रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जा रही है। इसके साथ ही, नि क्षय मित्र योजना के तहत कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों के लिए फूड बास्केट प्रदान कर सकता है।
टीबी के मरीजों को पोषण आहार क्यों जरूरी
टीबी मरीजों को स्वस्थ होने के लिए उच्च प्रोटीन युक्त आहार की आवश्यकता होती है। पोषण की कमी से इलाज की प्रभावशीलता कम हो सकती है और मरीजों की रिकवरी में देरी हो सकती है। नि क्षय मित्र योजना के तहत मिलने वाली फूड बास्केट से मरीजों को सही पोषण मिल रहा है, जिससे उनका टीबी से उबरना तेजी से संभव हो रहा है।
सीएमएचओ और जिला क्षय अधिकारी ने इप्का लेबोरेट्री का जताया आभार
सीएमएचओ डॉ. एम. एस. सागर और डॉ. अभिषेक अरोरा ने इप्का लेबोरेट्री के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश सियाल, विक्रम कोठारी और डॉ. मनीष गुप्ता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह योगदान टीबी मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता साबित होगा।
नि क्षय मित्र कैसे बन सकते हैं
जो भी व्यक्ति या संगठन टीबी मरीजों की मदद करना चाहता है, वह नि क्षय मित्र योजना से जुड़ सकता है। इसके तहत वे जिला क्षय केंद्र में आकर फूड बास्केट प्रदान कर सकते हैं, जिससे टीबी मरीजों को हर माह आवश्यक पोषण मिल सके।
नि क्षय अभियान के तहत जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके और समाज को स्वस्थ बनाया जा सके।