
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: माघ कृष्ण द्वितीया के पावन दिन पर 22वें तीर्थंकर भगवान नेमीनाथ को गिरनार पर्वत से मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस अवसर पर समस्त जैन समाज ने मोक्षकल्याणक की विशेष पूजा-अर्चना कर श्रद्धा और आस्था व्यक्त की। सौधर्म इंद्र-इंद्राणी के साथ अन्य पात्रगणों ने इस शुभ अवसर को मनाया और मोक्षकल्याणक की पूजा संपन्न की।

गुरुदेव श्री के प्रवचनों और निर्वाणकांड का वाचन कर मोक्ष के महत्व को समझा गया। इसके बाद शांति यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने विश्व शांति की कामना की। कार्यक्रम में समाजजनों ने निर्वाण लड्डू चढ़ाकर मंगलकामनाएं व्यक्त की।
जिनेन्द्र शोभायात्रा ने बढ़ाया आयोजन का आकर्षण
पंचकल्याणक महोत्सव के समापन पर सुंदर जिनेन्द्र शोभायात्रा निकाली गई। इस भव्य यात्रा में रजत विमान में भगवान श्रीजी को विराजमान कर रतलाम नगर का भ्रमण कराया गया। मंगलगान के साथ शोभायात्रा जिन मंदिर तक पहुंची, जहां भक्तों ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

मंगल महोत्सव के अंतर्गत नवीन जिन मंदिर में मानस्तंभ में मनोहारी प्रतिमाएं विराजमान की गईं। शोभायात्रा के उपरांत ध्वजारोहण और मंदिर उद्घाटन की विधि आयोजित की गई। कार्यक्रम में अरिहंत कैपिटल के अशोक जैन और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।
मुख्य आयोजक परिवारों का योगदान
इस आयोजन में कई सौभाग्यशाली परिवारों ने प्रतिमाएं और मानस्तंभ विराजित करने में योगदान दिया।
– मानस्तंभ भेंटकर्ता शांतिकुमार सरावगी परिवार, कोलकाता
– नेमिनाथ भगवान प्रतिमा संजयकुमार गोधा परिवार, रतलाम
– आदिनाथ भगवान प्रतिमा हीरालाल बड़जात्या परिवार, रतलाम
– मंदिर शिखर स्वर्ण कलश झमकलाल बड़जात्या परिवार, रतलाम
अध्यक्ष राजकुमार अजमेरा ने बताया कि इस छह दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने में सभी समाजजनों और मीडिया का विशेष सहयोग रहा। महोत्सव के समापन पर सभी ने एकता और शांति का संदेश फैलाने का संकल्प लिया।