विहिप शिक्षा वर्ग : RSS प्रांत संघचालक प्रकाश शास्त्री ने बताया कुटुंब प्रबोधन का महत्व, विश्व को भारत ने सिखाया

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पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रांत का शिक्षा वर्ग हिमालया इंटरनेशनल स्कूल में संचालित हो रहा है। 25 मई से शुरू हुए इस शिक्षा वर्ग में करीब 100 से अधिक विहिप कार्यकर्ता शामिल है। शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत संघचालक प्रकाश शास्त्री ने सत्र में अपना बौद्धिक दिया।  शास्त्री ने कुटुंब प्रबोधन यानी परिवार व उसमें रिश्तों की महत्व  की हमारी भारतीय परंपरा और उसके प्रमाणिक आवश्यकता के बारे में बताया।

शास्त्री ने कहा हमारी पारिवारिक व्यवस्था एक समय कैसी थी  और आज कैसी हो गई है। हम विदेशी संस्कृति को अपना कर अपने परिवार को नष्ट कर रहे है। हमारी संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् एक आदर्श वाक्य है जिसका अनुसरण आज पूरा विश्व कर रहा है। आज विश्व भारत से परिवार की एकता का सूत्र एवं रिश्तों को सुरक्षित रखने के उपाय सिख रहा है। जिसे कुटुंब प्रबोधन कहते है। व्यक्ति को सबसे पहले संस्कार अपने परिवार से ही मिलते हैं। समाज को सुसंस्कृत, चरित्रवान, राष्ट्र के प्रति समर्पित और अनुशासित बनाने में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

हम जब भी परिवार की बात करते है, तो उसमें सभी पारिवारिक रिश्ते ध्यान आते है। जिसमें माता – पिता से शुरुआत होती है। दादा – दादी, नाना – नानी, काका, भुआ, मासी, मामा आदि रिश्तों के नाम और उनके महत्व हमें ध्यान में आते है। हमारे शास्त्रों में लिखा है अयं निजः परोवेति *गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥ अर्थात यह मेरा अपना है और यह नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त (सञ्कुचित मन) वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है।

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