नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Sanjeev Khanna New Chief Justice: जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर, 2024 को भारत के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे। मौजूदा चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को पदमुक्त होंगे। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई, 2025 तक रहेगा। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान द्वारा दी गई शक्ति का उपयोग करते हुए उनकी नियुक्ति की है।
जस्टिस संजीव खन्ना का करियर प्रोफाइल
जस्टिस संजीव खन्ना का कानूनी करियर प्रतिष्ठित रहा है। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकरण कराकर अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआत में दिल्ली की जिला अदालतों में काम किया और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। उन्होंने संवैधानिक कानून, कंपनी कानून, आपराधिक कानून और मध्यस्थता में अनुभव हासिल किया। 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने और 2006 में स्थायी जज नियुक्त हुए।
मुख्य फैसले जिनसे चर्चा में आए
जस्टिस संजीव खन्ना कई महत्वपूर्ण फैसलों के लिए जाने जाते हैं:
– लोकतांत्रिक भागीदारी के समर्थक: उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
– पीएमएलए मामलों में विचार: जस्टिस खन्ना ने पीएमएलए कानून के तहत देरी को जमानत का वैध आधार माना। वह इस समय पीएमएलए प्रावधानों की समीक्षा करने वाली पीठ के अध्यक्ष भी हैं।
– ईवीएम और वीवीपैट सत्यापन: अप्रैल 2024 में ईवीएम में 100% वीवीपैट सत्यापन के अनुरोध को उन्होंने अस्वीकार किया था, जिससे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों की सटीकता सुनिश्चित करने के कदमों की पुष्टि हुई।
– अनुच्छेद 370 और चुनावी बॉन्ड योजना: इस साल, जस्टिस खन्ना उस पांच-न्यायाधीशीय पीठ का हिस्सा थे, जिसने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित किया और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा।
जस्टिस खन्ना के ये फैसले उनकी न्यायिक समझ और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।