नहीं चली चोरों की चालाकी : 5 महीनों में 15 से ज्यादा चोरियां करने वाला गिरोह सलाखों के पीछे, पुलिस को चकमा देने की हर कोशिश नाकाम

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भेरूगढ़ जेल में दोस्त बने आरोपियों की करतूत, मोबाईल लोकेशन का रखते थे ध्यान!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। चोर चोरी करने के लिए आजकल हाईटेक हथकंडे अपनाने में जुट गए है। एक ऐसा ही मामला रतलाम के जावरा में सामने आया है। जहां पुलिस को चकमा देते हुए पिछले 5 महीनों से एक चोर गिरोह चोरियों को अंजाम दे रहा था। यह चोर मोबाइल ट्रेसिंग और सीसीटीवी से बचने के सारे इन्तेजामों के साथ चोरी को अंजाम देते। जिससे पुलिस को इनके पीछे काफी मेहनत करना पड़ी। रतलाम पुलिस ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए 5 स्पेशल टीम गठित की। चोर गिरोह का एक सदस्य जावरा का है, जो उज्जैन के भेरूगढ़ स्थित सेंट्रल जेल में हत्या के केस में बंद था, इसी दौरान उसकी दोस्ती धार जिले के अन्य कैदियों से हुई थी। जिसके बाद गैंग बनाकर चोरी करने का सिलसिला शुरू हुआ।

शनिवार को एएसपी राकेश खाखा ने जावरा में हुई एक दर्जन से अधिक चोरियों की वारदात का खुलासा प्रेस कांफ्रेंस में किया। कांफ्रेंस में जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मो, सिटी थाना प्रभारी जितेन्द्रसिंह जादौन भी मौजूद रहे। एएसपी राकेश खाखा ने बताया पिछले 5 माह से लगातार जावरा में चोरों की गैंग चोरी कर रही थी। जिसे पकड़ने के लिए एसपी राहुल लोढा के निर्देशन में पुलिस की 5 टीमों को लगाया गया। सायबर सेल और सीसीटीवी की मदद से आखिरकार पुलिस ने चोरों को पकड़ा और उनके पास से चोरी किए गए 12 लाख 83 हजार 500 के वाहन, आभूषण सहित वारदात में उपयोग किए जाने वाले औजार जब्त किए। चोर गिरोह के तीन आरोपियों ग्राम भिमाखेड़ी जावरा निवासी बबलू उर्फ राहुल माली (29), धार जिले के काकड़वा थाना टांडा निवासी नवल पिता बनसिंह अलावा(37), नाहवेल थाना बाग निवासी सप्पु पिता मोहन मेहड़ा(24) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दो फरार आरोपियों धार जिले के ग्राम नाहावेल निवासी व8 उर्फ रोहित उर्फ रविंद्र पिता मानसिंह मेहड़ा व ग्राम बड़कच निवासी जोतसिंह पिता कोरसिंह डाबर की तलाश जारी है। फिलहाल पुलिस इनसे और भी जगह की गई चोरियों की जानकारी जुटा रही है।

बचने के सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन धराए
एएसपी राकेश खाखा ने बताया चोर गिरोह के सभी आरोपी शातिर तरीके से चोरी को अंजाम देते। यह पहले रैकी करते और सीसीटीवी की निगरानी रखते। अधिकांश जगह इन्होंने सीसीटीवी से बचकर चोरी की। लेकिन पुलिस ने कड़ी मेहनत लगाकर आखिरकार इनको ट्रेस किया। जब भी चोरी होती इन लोगों की मूवमेंट और कद काठी से इनको सीसीटीवी में कैच किया। जिसके बाद मोबाइल लोकेशन की मदद ली गई। ये सभी इतने शातिर थे की अपना मोबाइल घर छोड़कर आते जिससे इनकी लोकेशन ट्रेस ना हो। बबलू उर्फ राहुल रेकी के बाद गिरफ्तार आरोपी नवल को किसी दूसरे के मोबाइल से सूचना देता था। इसके बाद यह चोरी की गैंग धार जिले के अलग-अलग गांव से एकजुट होकर बस से जावरा पहुंचती थी इसके अलावा यह लोग चोरी करने के दौरान दूसरे मोबाइल का उपयोग करते और उसे कुछ समय में बंद कर लेते जिससे इनको ट्रेस करना मुश्किल हो रहा था। इनको पकड़ने के लिए पुलिस की 5 टीमें लगाई गई। जिसके बाद आरोपी हाथ लगे। जावरा निवासी आरोपी बबलू माली ने सिमकार्ड के दस्तावेजों में पता भेरूगढ़ जेल का दे रखा है। जिससे पुलिस और भी गुमराह हुई। इसने अपना पता भेरूगढ़ सेंट्रल जेल कैसे करवाया और उस पते का सिमकार्ड लिया इसकी भी जांच की जाएगी।

भेरूगढ़ में हुई दोस्ती, शुरू कर दी रेकी
जावरा क्षेत्र में लगातार हो रही चोरियों को लेकर एसपी राहुल लोढ़ा के निर्देश पर टीम गठित कर गैंग की पड़ताल शुरू की गई। जावरा बस स्टैंड पर सीसीटीवी फूटेज और घटनास्थल पर फूटेज जांचने के बाद कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। इसके आधार पर सबसे पहले जावरा औद्योगिक थाना अंतर्गत ग्राम भीमाखेड़ी निवासी बबलू उर्फ राहुल (29) पिता कन्हैयालाल माली को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसने कबूला कि वह पूर्व में हत्या के मामले में भेरूगढ़ जेल में बंद था। जेल में उसकी मुलाकात नवल (37) पिता बनसिंह अलावा निवासी काकड़वा थाना टांडा (जिला धार) से हुई थी। नवल भी एक अन्य हत्या के केस में भेरूगढ़ जेल में था। जमानत पर छूटने के बाद दोनों ने वापस एक-दूसरे से संपर्क किया। इसके बाद बबलू उर्फ राहुल माली जावरा की कॉलोनियों में दिन में रैकी करता। ताले लगे घरों को चिंहित करने के बाद अन्य आरोपियों के साथ रात में  चोरी की वारदात को अंजाम देकर वापस चले जाते थे। काफी समय से हो रही चोरियों की वारदात पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी थी। इसके लिए पुलिस ने जमीनीस्तर पर घटनास्थल पर प्राप्त सीसीटीवी फूटेज और चोरों की गैंग के मूवमेंट को अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों पर मूवमेंट को आपस में मिलाया। आरोपियों की कद-काठी और हुलिए के आधार पर पुलिस ने जावरा के ग्राम भीमाखेड़ी निवासी बबलू उर्फ राहुल पिता कन्हैयालाल पर नजर रखना शुरू की। उसकी गतिविधियां संदिग्ध होने पर जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अब तक जावरा में 15 चोरी की वारदात धार जिले की चोर गैंग के साथ करना कबूला।

इनकी रही सराहनीय भूमिका
पुलिस टीम के एसआई रघुवीर जोशी, हेड कांस्टेबल जाकीर खान ,  मृदंग सातपुते, अजय दुबे, आरक्षक नितिन, ललित जगावत, यशवंत जाट, रामप्रसाद मीणा, जीवन, राधेश्याम, राजेश, अभय, अंतिम, सुरेन्द्र, लक्ष्मण, सोनपाल, स्नेहपाल, दिपेन्द्र, देवन्द्र शर्मा, आकाश, अश्विन, मोहित एवं सायबर सेल के विपुल भावसार की सराहनीय भुमिका रही।

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