नशे पर एक्शन या खानापूर्ति: एमडी ड्रग्स व स्मैक के साथ दो युवक गिरफ्तार, मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने में पुलिस अब भी नाकाम

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ABVP के विरोध के बाद जागी पुलिस, चॉकलेट – बिस्किट की तरह बिक रहा नशा

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में नशे के सौदागर बेखौफ अपना धंधा जमाए हुए है। जिम्मेदार आंख बंद कर दफ्तरों में आराम कर रहे है। जिले के आलम यह है की यहां जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास तभी होता है जब कोई विरोध प्रदर्शन हो  या कोई बड़ी घटना घटित हो। 2 हफ्ते पहले विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में बढ़ रही नशाखोरी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस तंत्र सक्रिय हुआ। रविवार को थाना स्टेशन रोड पुलिस द्वारा अलग – अलग स्थानों से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इससे पहले भी ड्रग्स के नशे में जान गवाने वाले कई किस्से शहर के लोगो ने सुने है। इसको लेकर पूर्व में एक बड़ा आंदोलन भी शहर में हुआ था, जब पुलिस हरकत में आई और कुछ दिनों तक लगातार कार्रवाई भी की। लेकिन पुलिस ने उसके बाद इनके ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचना जरूरी नहीं समझा। जिसके बाद अब फिर ड्रग्स का यह जहर शहर को खोखला करने में जुट गया है। चॉकलेट बिस्किट की तरह गांजा, अफीम, एमडी, स्मैक जैसे नशीले पदार्थ बाजार में बिक रहे है। मगर जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं रेंगती नजर आ रही है।

पुलिस ने रविवार आधी रात में डीमार्ट बायपास व भक्तन की बावडी रोड से आरोपी जाफर पिता अल्लाहबक्श खान उम्र 22 वर्ष निवासी फिरदौस बहन का मकान, मोचीपुरा को गिरफ्तार किया। जिसके पास से पुलिस ने 31 ग्राम एमडी ड्रग्स पकड़ी। जिसकी किमती करीब 1 लाख रूपये बताई जा रही है। वहीं दूसरी और पुलिस ने दोपहर में भक्तन की बावड़ी क्षेत्र से ही एक अन्य आरोपी मोईनुद्दीन भुरा उर्फ भुरू पिता मोहम्मद हुसैन उम्र 21 वर्ष निवासी पिंजारा पोल हाथी खाना, झोपड पट्टी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी मोईनुद्दीन के पास से 30 हजार कीमत की करीब 10 ग्राम स्मैक बरामद की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में मामला पंजीबध्द कर विवेचना शुरू कर दी है।

राजस्थान से मंगवाई एमडी
एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार हुए आरोपी जाफर ने पुलिस पूछताछ में बताया की वह मोबाइल से राजस्थान के अरनोद थाना क्षेत्र के गांव देवल्दी निवासी अरबाज खान से मोबाईल पर बात कर मंगवाई थी। जो की एक अन्य आरोपी बालुराम मीणा नि. सिंगपुरा माताजी थाना अऱनोद जिला प्रतापगढ ने उसे डिलीवर की। पुलिस अब फरार आरोपी अरबाज खान व बालूराम मीणा को खोजने में जुटी है।

राजस्थान का “अरनोद” है नशे का हब
एमडी ड्रग्स, कोकीन, ब्राऊन शुगर जैसे घातक नशे की खेप मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान से एंट्री कर रही है। जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस अब तक कोई ठोस अंजाम तक नहीं पहुंची है। राजस्थान से नशा एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश के बड़े शहरों समेत गुजरात में पहुंचता है। वहीं नशे के सरगनाओं तक पहुंचने की बात की जाए तो रतलाम पुलिस के हाथ अब तक खाली है।
रतलाम पुलिस ने नशे के कारोबार पर जो कार्रवाई अब तक कि है, उनमें से अधिकांश का तार सीधे राजस्थान से जुड़ा मिला है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रतलाम पुलिस प्रतापगढ़ से रतलाम में एंट्री कर रहे नशे के कारोबार के ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचेगी या इसी तरह केवल तस्करी पर कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपाती रहेगी?

सब जानकर भी है अनजान?
कई मामलो में देखा गया है की तस्कर और नशाखोरी के आदि लोग जावरा के पिपलोदा से सीधे राजस्थान में एंट्री करते है। यहां से राजस्थान में पनप रही नशा कारोबार की दुनिया शुरू होती है। प्रतापगढ़ के गांव कोटड़ी, नौगावा, देवल्दी, कोटडी, धमोमर के आस पास के कई इलाके में जहरीले नशे का कारोबार वर्षो से चला रहा है। जो मध्यप्रदेश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। गरीब तबके के लोगों को इस अवैध नशे के कारोबार में शामिल किया जाता है। गरीब युवाओं को नशीले पदार्थ को डिलीवर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। नशा कारोबारियों की गुंडई के कारण लोकल आदमी शिकायत से डरता है। सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर चल रहे इस कारोबार को राजनीतिक शह के साथ ही विभागीय साठगांठ जान फूंके हुए है। कहा जाता है की इनका खुफिया तंत्र और ऊपर तक परोसा गया पैसा पुलिस तंत्र से ज्यादा सक्रिय है। नारकोटिक्स विभाग की अनदेखी या चुप्पी भी कई सवालों को खड़ा करती है।

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