सेवा और समर्पण : कुष्ठ रोग से पीड़ित महिला को पहुंचाया अस्पताल, जन अभियान परिषद व समाजशास्त्र के विद्यार्थी बने मिसाल

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिले के बिरमावल के समीप छतरी गांव में एक महिला करीब 3 साल से कुष्ठ रोग से पीड़ित थी। समय पर इलाज ना मिलने से महिला की हालत बिगड़ती रही। इसी बीच गांव वालों ने भी महिला से दूरी बना ली। उसे कोई छूना तो दूर देखना तक पसंद नहीं कर रहा था। एक कमरे में खटिया पर पड़ी इस 42 वर्षीय महिला की देखभाल बुजुर्ग माता – पिता करते आ रहे थे। इसी बीच जन अभियान परिषद से जुड़ी समाजशास्त्र की छात्रा नेहा बोरासी को महिला की जानकारी मिली। नेहा ने तुरंत अपने परामर्शदाता प्रदीप बिलवाल को जानकारी दी। जिसके बाद टीम के शेरू कुमावत, नितिन पाठक, भूपेंद्र बिलवाल ने पहुंचकर महिला को बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया। टीम द्वारा किए गए इस कार्य की सभी दूर प्रशंसा की जा रही है।

महिला को अस्पताल ले जाते टीम के सदस्य

नेहा बोरासी ने बताया की मुझे सूचना मिली थी 42 वर्षीय महिला सावित्री पति शम्भू खराड़ी तीन सालों से गंभीर बीमारी से पीड़ित है। जिसके बाद उनके घर पहुंच कर जानकारी जुटाई और देखा तो महिला के शरीर पर बड़े बड़े घाव और फोड़े हो रहे थे। डॉक्टरों से परामर्श करने के बाद मालूम हुआ की महिला कुष्ठ रोग से पीड़ित है। जिसके बाद घर वालों को समझाइश दी गई और महिला को एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। महिला 5 सालों से अपने पति से भी अलग रह रही थी। फिलहाल डॉक्टर महिला के बेहतर उपचार का प्रयास कर उसे स्वस्थ करने में जुट गए है। गौरतलब है की पूरी दुनिया में कुष्ठ रोग के बारे में लोगों के मन में गलत और अवैज्ञानिक धारणाएं हैं। इसके कारण कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के प्रति भेदभाव भी बढ़ता देखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुष्ठ रोग को लेकर कलंक के भाव के कारण लोग अपने लक्षणों को छिपाते हैं और उपचार में देरी करते हैं। इस रोग पर जीत हासिल करने के लिए लोगों में सही जानकारी होना जरूरी है। 

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *