जातिवाद का दंश : पुलिस की मार से प्रताड़ित युवक ने पिया कीटनाशक, ASI प्रदीप शर्मा पर लगाए गंभीर आरोप

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ऊंची जाति की लड़की से प्रेम विवाह करने के बाद से था प्रताड़ित, 3 दिन पहले एसपी से लगाई थी मदद की गुहार

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। गुरुवार शाम मांगरोल निवासी एक युवक ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। परिजनों ने थाना स्टेशन रोड की सालाखेड़ी चौकी पर पदस्थ पुलिसकर्मी एएसआई प्रदीप शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों ने एएसआई प्रदीप शर्मा का नाम लेते हुए  पीड़ित युवक को रातभर चौकी में पिटने और जातिसूचक शब्द कहने जैसे गंभीर आरोप लगाए है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे युवक का नाम यश पिता मोहनलाल सारवान उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम मांगरोल है। यश साइंस एंड आर्ट्स कॉलेज में बीए सेकंड ईयर का छात्र है। यश ने 21 मई यानी 3 दिन पहले ही एसपी ऑफिस में आवेदन देकर अपनी पत्नी की कस्टडी मांगने के लिए पुलिस से गुहार भी लगाई थी। न्याय नहीं मिलने के बाद आज उसने यह कदम उठाया। कीटनाशक पीने के बाद परिजन युवक को गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय लेकर आए। जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफेर कर दिया गया है। फिलहाल युवक मेडिकल कॉलेज में भर्ती है,जहां उसका इलाज चल रहा है।

परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया की पीड़ित यश के अलावा उसकी मां नीलम व छोटी बहन दिव्या घर पर थे। गुरुवार शाम करीब 5 बजे यश पीछे वाले कमरे में उल्टियां करने लगा। जिसके बाद पिता मोहनलाल को फोन कर बुलाया और उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती किया। यश के पिता ने बताया की बेटे ने 13 मार्च को गांव की ही लड़की तमन्ना पिता महेशगिरि गोस्वामी से प्रेम विवाह किया था। यह विवाह धार जिले के चिराखान गांव के एक मंदिर में संपन्न हुआ था। जिसके बाद 16 मार्च को लड़की ने अपने माता – पिता से जान का खतरा, ससुराल वालों पर अनावश्यक कार्रवाई आदि विषय को लेकर एक आवेदन डाक पोस्ट के माध्यम से एसपी ऑफिस भेजा। पुलिस की समझाईश के बाद लड़की 31 अप्रैल को बयान के लिए थाना स्टेशन रोड पहुंची। जहां से उसके पिता व अन्य परिजन उसे अपने साथ ले गए। तब से उसकी हमसे या हमारे लड़के यश से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं हुई। उसके बाद से यश डिप्रेशन में चला गया था और लड़की को ढूंढने की कोशिश भी कर रहा था। लड़की ऊंची जाति की होने से उसके परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे। जिसके बाद पुलिस में उसकी झूठी शिकायत भी की और पुलिस ने भी उसके साथ दुर्व्यवहार कर जातिसूचक शब्द कहे। इससे वह और डर गया था।

फिलहाल पूरे मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा चौकी के अंदर जातिवाद का यह मामला बड़ा ही संगीन है। अब यह देखना बाकी है की सूबे की सरकार और महकमे के आला अधिकारी इसमें क्या एक्शन लेते है और क्या जांच करते है? क्या दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच कर उन पर उचित कार्रवाई होगी या उन्हें किसी तरह बचा लिया जाएगा। फिलहाल एक नोजवान युवक पुलिस की बर्बरता और जातिवाद का दंश झेलने के बाद मौत से जीत हार कर रहा है। वहीं दूसरी और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है, उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होना बहुत जरूरी है।

पूरी रात पिटाई की, कहा – तेरी बहन को उठा लेंगे!
यश की छोटी बहन दिव्या ने बताया 12 मई को पुलिस उसे सालाखेड़ी चौकी पर ले गई थी। हमें अगले दिन एएसआई प्रदीप शर्मा ने फोन लगाकर सूचना दी की यश को छुड़ाकर ले जाओ। फिर पिताजी थाने गए और एसडीएम कोर्ट से उसे छुड़वाकर लेकर आये। पुलिस ने यश पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की थी। पिता ने पुलिस से यश को चौकी लाने और केस बनाने का कारण पूछा तो प्रदीप शर्मा ने कहा की इसे समझाओ अपनी जात की छोरी देखे और उस लड़की को भूल जाए। यश ने घर आकर परिजनों को बताया की एएसआई प्रदीप शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर पूरी रात उसकी पिटाई की। एएसआई प्रदीप शर्मा ने जातिसूचक शब्द कहे व गंदी-गंदी गालियां दी। उसने यश से कहा की तू नीची जाति का है ऊंची जात की लड़की से दूर रहना। अपनी जात देखकर शादी कर और उस लड़की को छोड़ दे। एएसआई शर्मा ने यह भी कहा की सीधे से मान जा नहीं तो तेरी बहन भी है उसे उठा लेंगे। इस घटना के बाद से परिवार डर और सहम गया था, उन्होंने इसकी शिकायत किसी को नहीं की। इसी बीच लड़की का दूसरे नंबर से यश के पास फोन आया था। जिसमें उसने कहा की मेरे घरवाले जबरदस्ती मेरी दूसरी शादी कर रहे है। मेरी जान खतरे में है मुझे बचा ले। 3 दिन पहले 21 मई को यश द्वारा एसपी ऑफिस में आवेदन देकर लड़की की कस्टडी की गुहार भी लगाई थी। मगर वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद आज अचानक उसने कीटनाशक पिने जैसा कदम उठाया।

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