भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश ने परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए पूरक परीक्षा का नाम बदलकर अब “द्वितीय परीक्षा” कर दिया है। यह संशोधन मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम, 1965 की धारा 28 की उप-धारा (1) और (2) के तहत लागू किया गया है, जिसकी अधिसूचना राज्य शासन द्वारा 21 मार्च 2025 को मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित की गई थी।
अब हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्रों के लिए हर वर्ष दो परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी—मुख्य परीक्षा फरवरी-मार्च में और द्वितीय परीक्षा जुलाई-अगस्त में।
क्या बदला है नियमों में:
- जो छात्र मुख्य परीक्षा में एक या अधिक विषयों में अनुपस्थित या अनुत्तीर्ण रहे हैं, वे द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
- मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र भी अपने अंकों में सुधार के लिए द्वितीय परीक्षा दे सकेंगे।
- प्रायोगिक विषयों में सिर्फ असफल भाग के लिए परीक्षा दी जा सकेगी।
- द्वितीय परीक्षा के लिए छात्रों को निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन करना अनिवार्य होगा, लेकिन विषय परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी।
- द्वितीय परीक्षा का परिणाम सभापति के आदेश से घोषित किया जाएगा, इसके लिए परिणाम समिति की बैठक आवश्यक नहीं होगी।
- छात्र अंकों की पुनर्गणना के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- बोर्ड समय-समय पर द्वितीय परीक्षा से संबंधित विस्तृत निर्देश परीक्षा समिति की स्वीकृति से जारी करेगा।
इस संशोधन के तहत अब ‘पूरक’ शब्द को हटाकर सभी जगह ‘द्वितीय परीक्षा’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के और अवसर देकर शिक्षा व्यवस्था को अधिक लचीला और परिणामोन्मुख बनाना है।