MGNREGA का नाम बदला: लोकसभा से पास हुआ VB-G RAM G Bill, जानें जी राम जी का फुल फॉर्म और बड़े बदलाव

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नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क।
लोकसभा में मनरेगा (MGNREGA) से जुड़ा एक बड़ा और विवादित विधेयक पास कर दिया गया है। सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर VB-G RAM G Bill कर दिया है, जिसके बाद संसद से लेकर आम जनता तक में चर्चा तेज हो गई है। बिल के पास होते ही विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही कई बार बाधित रही।

इस बीच सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला सवाल बन गया है – VB-G RAM G का फुल फॉर्म क्या है?

VB-G RAM G का फुल फॉर्म क्या है?

VB-G RAM G का पूरा नाम है –
Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) Bill, 2025

सरकार का कहना है कि यह नया कानून मनरेगा की जगह लेगा और ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को नए ढांचे में मजबूत करेगा।

क्यों बना VB-G RAM G Bill टॉप ट्रेंड?

लोकसभा से बिल पास होते ही गूगल पर “VB-G RAM G Full Form”, “जी राम जी योजना क्या है” और “मनरेगा नया नाम” जैसे कीवर्ड तेजी से ट्रेंड करने लगे।
नाम बदलने के साथ-साथ रोजगार, मजदूरी और भुगतान प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों ने लोगों की जिज्ञासा बढ़ा दी है।

MGNREGA की जगह क्या बदलेगा?

सरकार के अनुसार, VB-G RAM G Bill सिर्फ मजदूरी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण रोजगार और आजीविका सुरक्षा का व्यापक मॉडल है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की बदलती आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई अहम संशोधन किए गए हैं।

VB-G RAM G Bill में प्रस्तावित बड़े बदलाव

  • रोजगार के दिन बढ़े:
    अब 100 दिन के बजाय 125 दिन का गारंटीड रोजगार मिलेगा।
  • साप्ताहिक मजदूरी भुगतान:
    मजदूरी का भुगतान 15 दिन की बजाय हर सप्ताह करने का प्रस्ताव।
  • केंद्र-राज्य साझा जिम्मेदारी:
    मजदूरी भुगतान की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर निभाएंगी।
  •  खेती के सीजन में लचीलापन:
    कृषि के पीक सीजन में गारंटीड काम को अस्थायी रूप से रोका जा सकेगा, ताकि खेती प्रभावित न हो।

विकसित भारत 2047 से कैसे जुड़ा है यह बिल?

सरकार का कहना है कि VB-G RAM G Bill को विकसित भारत 2047 के विजन के तहत तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना नहीं, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाना है।

आगे क्या होगा?

लोकसभा से पास होने के बाद यह विधेयक अब आगे की संसदीय प्रक्रिया से गुजरेगा। हालांकि, मनरेगा की जगह लेने वाले इस नए कानून को लेकर राजनीतिक विवाद और जनचर्चा लगातार तेज होती जा रही है।

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