भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्यप्रदेश के किसानों को अब खेती के लिए 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का भरोसा मिला है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्पष्ट किया है कि राज्य शासन के संकल्प के अनुरूप कृषि फीडरों पर नियमित रूप से 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। कंपनी ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही दिक्कतों की खबरों को पूरी तरह भ्रामक और असत्य बताया है।
कंपनी के अनुसार, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के 16 जिलों में 9.92 लाख कृषि उपभोक्ताओं को तय समय के अनुसार बिजली दी जा रही है। वर्ष 2024-25 में किसानों के लिए 6,465 करोड़ रुपए की सब्सिडी, जबकि 2025-26 के लिए 2,535 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जा रही है।
सोशल मीडिया पर गलत सूचना का खंडन
कंपनी ने कहा कि किसानों को बिजली सप्लाई में कमी होने की खबरें निराधार हैं। कृषि फीडरों पर 10 घंटे बिजली सप्लाई पहले की तरह ही जारी है और इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
ज़्यादा बिजली देने से क्यों पड़ता है असर?
31 अगस्त 2020 के परिपत्र का हवाला देते हुए कंपनी ने बताया:
- निर्धारित समय से अधिक बिजली देने पर हादसों का खतरा बढ़ता है।
- घरेलू फीडरों की 24×7 सप्लाई बाधित होती है।
- कंपनी को तकनीकी और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
- वितरण परियोजनाओं व निर्माण कार्यों की पात्रता पर भी असर पड़ता है।
3 नवंबर 2025 को जारी नया निर्देश
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने फिर आदेश जारी कर दोहराया कि—
- किसी भी समूह को 10 घंटे से अधिक बिजली नहीं दी जाएगी।
- जिम्मेदार अधिकारियों को सख़्ती से नियमों का पालन करने को कहा गया है।
- बिजली सप्लाई की अवधि मापने के लिए मीटरों की तकनीकी विशिष्टताओं में संशोधन किया गया, लेकिन 10 घंटे सप्लाई का नियम यथावत है।
किसानों के हित में सतत प्रयास
ऊर्जा विभाग का कहना है कि लक्ष्य सिर्फ बिजली देना नहीं, बल्कि किसानों को स्थिर, सुरक्षित और समयबद्ध बिजली आपूर्ति उपलब्ध करानाहै। कंपनी की प्राथमिकता खेती के कार्यों को प्रभावित किए बिना विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित करना है।
