नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। New Labour Law: भारत में चार नए श्रम कानून आधिकारिक रूप से नोटिफाई कर दिए गए हैं, जो पुराने 29 लेबर लॉ की जगह लेंगे।
नए नियम सैलरी, पेंशन, ग्रेच्युटी, PF, मिनिमम वेतन और हेल्थ कवर जैसे फायदे लेकर आए हैं। इन बदलावों का मकसद काम को अधिक पारदर्शी बनाना और कर्मचारियों को मजबूत सामाजिक सुरक्षा देना है।
1. गिग वर्कर्स को पहली बार कानूनी मान्यता
देश में पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स – जैसे डिलीवरी एजेंट, कैब ड्राइवर, ऐप बेस्ड वर्कर्स – को श्रम कानूनों में शामिल किया गया है।
- अब उन्हें बीमा, PF, पेंशन और अन्य सहायता जैसे फायदे मिलेंगे।
- इससे लाखों वर्कर्स को फाइनेंशियल सिक्योरिटी और लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी मिलेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम डिजिटल और क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
2. सभी सेक्टर में न्यूनतम वेतन और समय पर पेमेंट
नए कोड के तहत:
सभी वर्कर्स को जॉइनिंग लेटर आवश्यक
मिनिमम वेतन अनिवार्य
समय पर सैलरी का भुगतान जरूरी
इससे अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की मंथली इनकम स्थिर होगी। अब किसी भी कैटेगरी में देरी से पेमेंट या कम पेमेंट की समस्या पर रोक लगेगी।
3. हेल्थ कवर और सालाना मेडिकल टेस्ट
नियमों में ESI कवरेज का विस्तार किया गया है।
साथ ही फ्री सालाना हेल्थ चेकअप की सुविधा भी मिलेगी।
- यह विशेष रूप से उन वर्कर्स के लिए जरूरी है, जो लंबे समय तक सड़क या फील्ड पर काम करते हैं।
- समय-समय पर चेकअप से बीमारियों का जोखिम कम होगा और मेडिकल खर्च भी बचेगा।
4. महिलाओं को बेहतर सुरक्षा और अधिक अवसर
अब महिलाएं:
अलग-अलग सेगमेंट में
नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी
शर्त है कि नियोक्ता सुरक्षा व्यवस्था और सहमति सुनिश्चित करें।
यह बदलाव लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स में महिलाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।
5. एग्रीगेटर्स से सामाजिक सुरक्षा फंड
गिग वर्कर्स के लिए नया वेलफेयर मॉडल भी लागू होगा।
- प्लेटफॉर्म कंपनियां अपने टर्नओवर का 1-2% सामाजिक सुरक्षा कोष में देंगी।
- इस फंड से:
- पेंशन
- बीमा
- दीर्घकालिक लाभ
का समर्थन किया जाएगा।
यह फंड लाखों प्लेटफॉर्म-बेस्ड वर्कर्स के भविष्य को सुरक्षित करेगा।