रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित उप प्राचार्य गजेन्द्र सिंह राठौर ने शिक्षा जगत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। वैश्विक संस्था टी4 एजुकेशन द्वारा आयोजित वर्ल्ड स्कूल समिट 2025 में अबू धाबी स्थित यसमिना ब्रिटिश अकादमी में उनकी दो पुस्तकों का अंतरराष्ट्रीय विमोचन हुआ।

यह गौरवपूर्ण क्षण तब और विशेष बन गया जब टी4 एजुकेशन के संस्थापक विकास पोटा और ग्रैमी अवॉर्ड विजेता संगीतकार व प्रोड्यूसर थेरॉन “नेफ-यू” फिमस्टर ने स्वयं पुस्तकों का लोकार्पण किया।
दो पुस्तकों का भव्य विमोचन
पगडंडी पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित दोनों किताबें —
- Grow With Grace: Feel Safe, Valued
- Cycle of Growth: From Silence to Symphony
इनमें गजेन्द्र सिंह ने स्कूल प्रबंधन, नवाचार, टीम निर्माण और वास्तविक ग्राउंड-लेवल अनुभवों पर आधारित प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किए हैं।
Cycle of Growth में उन्होंने बताया है कि किस तरह रतलाम का एक सरकारी स्कूल महज दो साल में चुनौतियों को पार कर दुनिया का नम्बर-वन स्कूल बना।
इन पुस्तकों में शामिल Cycle of Growth मॉडल और Brooding Effect मॉडल को भारत सरकार के कॉपीराइट विभाग से मान्यता भी मिल चुकी है। दोनों पुस्तकें प्रिंट, ई-बुक और कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिली विशेष पहचान
गजेन्द्र सिंह ने वर्ल्ड स्कूल समिट में ब्राजील, अमेरिका और दुबई के शिक्षा विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा की। उनके सत्र में 119 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए।
समापन समारोह में टी4 एजुकेशन के संस्थापक विकास पोटा ने अचानक उनका नाम लेकर दुनिया के 100 देशों के शिक्षा नीति निर्माताओं के बीच उन्हें इनोवेटर ऑफ इंडिया के रूप में प्रस्तुत किया।
यह पल मध्यप्रदेश और रतलाम के लिए बड़ा गर्व का क्षण बना।
गजेन्द्र सिंह ने कहा—
“आज दुनिया के 100 देशों के लोग मुझे भारतीय के रूप में और मेरे सान्दीपनि विद्यालय को भारत की मजबूत शिक्षा की पहचान मानते हैं। यह मेरे साथियों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।”
शिक्षा और संगीत का अनोखा संगम
ग्रैमी विजेता थेरॉन फिमस्टर ने सिर्फ पुस्तकों का विमोचन ही नहीं किया, बल्कि शिक्षा में सृजनात्मकता, आत्मविश्वास और वैश्विक नागरिकताको बढ़ावा देने पर अपने विचार भी साझा किए।
सम्मेलन के अगले दिन गजेन्द्र सिंह ने शाइनिंग स्टार इंटरनेशनल स्कूल, अबू धाबी में 500 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया और लाइफलॉन्ग लर्निंग, ग्लोबल सिटिजनशिप और पर्सनल ग्रोथ पर व्याख्यान दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली शानदार प्रतिक्रियाएं
कई वैश्विक शिक्षाविदों ने दोनों पुस्तकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि—
- ये किताबें वास्तविक अनुभवों पर आधारित हैं
- स्कूल प्रबंधन और नेतृत्व के व्यवहारिक मॉडल सिखाती हैं
- शिक्षक इनसे अपने करियर और स्कूल दोनों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं
- Cycle of Growth यह साबित करती है कि भारत के शिक्षक भी वैश्विक स्तर पर चमक सकते हैं