नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Train General Ticket Update: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे 1 दिसंबर 2024 से जनरल टिकट वाले यात्रियों को बड़ी राहत देने वाला है। कहा जा रहा है कि रेलवे जनरल टिकट धारकों को आरक्षित सीट देने और टिकट की कीमतें स्थिर रखने की योजना बना रहा है। लेकिन क्या यह खबर सच है? आइए जानते हैं इस वायरल दावे की सच्चाई।
क्या कहता है भारतीय रेलवे?
भारतीय रेलवे ने अभी तक ऐसी किसी योजना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। रेलवे द्वारा जारी आधिकारिक घोषणाओं में इस तरह की किसी विशेष सुविधा का जिक्र नहीं है। यह दावा पूरी तरह से अफवाह प्रतीत होता है।
हालांकि, रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के लिए नियमों और सेवाओं में बदलाव करता रहा है। हाल ही में, रेलवे ने टिकट बुकिंग, किराया नीति और जनरल टिकट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
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रेलवे के मौजूदा नियम और नई सुविधाएं
| विवरण | नया नियम |
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| टिकट बुकिंग की अवधि | 60 दिन पहले (पहले 120 दिन थी) |
| जनरल टिकट | चुनिंदा ट्रेनों में ऑनलाइन उपलब्ध |
| बच्चों का किराया | 5-12 वर्ष के लिए सीट लेने पर पूरा किराया |
| सीनियर सिटीजन छूट | पुरुष: 40%, महिलाएं: 50% |
| तत्काल टिकट बुकिंग | यात्रा की तारीख से 1 दिन पहले उपलब्ध |
| रद्दीकरण और रिफंड | यात्रा से पहले रद्दीकरण संभव (तत्काल पर नहीं)|
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1 दिसंबर से रेलवे का कोई नया बदलाव?
1 दिसंबर से रेलवे द्वारा किसी विशेष बदलाव या सुविधा की घोषणा नहीं की गई है। वायरल खबर में दावा किया गया है कि जनरल टिकट वाले यात्रियों को कंफर्म सीटें दी जाएंगी, लेकिन यह पूरी तरह से भ्रामक है।
हाल में हुए बड़े बदलाव
1. टिकट बुकिंग की अवधि घटाई गई
अब यात्री अधिकतम 60 दिन पहले टिकट बुक कर सकते हैं। पहले यह अवधि 120 दिन थी।
2. ऑनलाइन जनरल टिकट की सुविधा
IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर अब जनरल टिकट भी बुक किए जा सकते हैं। इससे स्टेशन पर लंबी कतारों से राहत मिली है।
3. बच्चों के किराए में बदलाव
– 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यात्रा मुफ्त है (बिना सीट)।
– 5-12 साल के बच्चों के लिए सीट चाहिए तो पूरा किराया देना होगा।
4. तत्काल टिकट बुकिंग के नियम सख्त किए गए
– तत्काल टिकट केवल यात्रा से 1 दिन पहले बुक किया जा सकता है।
– कोई रद्दीकरण और रिफंड नहीं मिलता।
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यात्रियों के लिए नई सुविधाएं
1. स्टेशनों पर साफ-सफाई
– रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में स्वच्छता पर खास ध्यान दे रहा है।
2. डिजिटल सेवाएं
– IRCTC ऐप के जरिए टिकट बुकिंग, लाइव ट्रेन लोकेशन और PNR स्टेटस।
डिजिटल भुगतान की सुविधा।
3. सीनियर सिटीजन और दिव्यांग छूट
– वरिष्ठ नागरिकों को 40-50% की छूट।
– दिव्यांग यात्रियों को 25-75% तक की छूट।
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रेलवे का सुझाव: अफवाहों से बचें
भारतीय रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट या प्रेस विज्ञप्ति पर भरोसा करें। सोशल मीडिया पर वायरल खबरें अक्सर भ्रामक होती हैं।
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डिस्क्लेमर: यह लेख मौजूदा सूचनाओं पर आधारित है। भविष्य में किसी भी नए बदलाव के लिए रेलवे की आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।
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Supreme court: बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोज़र एक्शन को लेकर एक सख्त टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के आरोपी या दोषी होने मात्र से उसका घर गिराया नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है, और अधिकारियों को मनमाने तरीके से काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “अफसर जज नहीं बन सकते और यह फैसला नहीं कर सकते कि कौन दोषी है। ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।” इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह कानून से ऊपर होकर किसी के खिलाफ कार्रवाई करे।
यह टिप्पणी हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में बुलडोज़र का उपयोग कर संदिग्धों और आरोपियों के घरों पर की जा रही कार्यवाही के संदर्भ में आई है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाइयों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और सिर्फ अदालत के निर्देशानुसार ही उचित कदम उठाए जा सकते हैं।
जानिए मुख्य बिंदु
सिर्फ इसलिए घर नहीं गिराया जा सकता क्योंकि कोई व्यक्ति आरोपी है. राज्य आरोपी या दोषी के खिलाफ मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकता.
बुलडोजर एक्शन सामूहिक दंड देने के जैसा है, जिसकी संविधान में अनुमति नहीं है.
निष्पक्ष सुनवाई के बिना किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
कानून के शासन, कानूनी व्यवस्था में निष्पक्षता पर विचार करना होगा.
कानून का शासन मनमाने विवेक की अनुमति नहीं देता है. चुनिंदा डिमोलेशन से सत्ता के दुरुपयोग का सवाल उठता है.
आरोपी और यहां तक कि दोषियों को भी आपराधिक कानून में सुरक्षा दी गई है. कानून के शासन को खत्म नहीं होने दिया जा सकता है.
संवैधानिक लोकतंत्र में नागरिक अधिकारों और आजादी की सुरक्षा जरूरी है.
अगर कार्यपालिका मनमाने तरीके से किसी नागरिक के घर को इस आधार पर ध्वस्त करती है कि उस पर किसी अपराध का आरोप है तो यह संविधान कानून का उल्लंघन है.
अधिकारियों को इस तरह के मनमाने तरीके से काम करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
अधिकारियों को सत्ता का दुरुपयोग करने पर बख्शा नहीं जा सकता.
स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करने वाले घर को गिराने पर विचार करते वक्त यह देखना चाहिए कि नगरपालिका कानून में क्या अनुमति है. अनधिकृत निर्माण समझौता योग्य हो सकता है या घर का केवल कुछ हिस्सा ही गिराया जा सकता है.
अधिकारियों को यह दिखाना होगा कि संरचना अवैध है और अपराध को कम करने या केवल एक हिस्से को ध्वस्त करने की कोई संभावना नहीं है
नोटिस में बुलडोजर चलाने का कारण, सुनवाई की तारीख बताना जरूरी होगी.
डिजिटल पोर्टल 3 महीने में बनाया जाना चाहिए, जिसमें नोटिस की जानकारी और संरचना के पास सार्वजनिक स्थान पर नोटिस प्रदर्शित करने की तारीख बताई गई है.
व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख जरूर दी जानी चाहिए.
आदेश में यह जरूर नोट किया जाना चाहिए कि बुलडोजर एक्शन की जरूरत क्यों है.
केवल तभी इमारत गिराई जा सकती है, जब अनधिकृत संरचना सार्वजनिक सड़क/रेलवे ट्रैक/जल निकाय पर हो. इसके साथ ही प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इमारत गिराई जा सकती है
केवल वे संरचनाएं ध्वस्त की जाएंगी, जो अनाधिकृत पाई जाएंगी और जिनका निपटान नहीं किया जा सकता.
अगर अवैध तरीके से इमारत गिराई गई है, तो अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी और उन्हें हर्जाना देना होगा.
अनाधिकृत संरचनाओं को गिराते वक्त विस्तृत स्पॉट रिपोर्ट तैयार की जाएगी. पुलिस और अधिकारियों की मौजूदगी में तोड़फोड़ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. यह रिपोर्ट पोर्टल पर पब्लिश की जाएगी.
अगर घर गिराने का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.
बिना अपील के रात भर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है
घर के मालिक को रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा.
नोटिस से 15 दिनों का वक्त नोटिस तामील होने के बाद है.
तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी.
कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे.
प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा, रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा.
आदेश के 15 दिनों के अंदर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का मौका दिया जाएगा.
सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा.
सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए.
Bank Holidays in November 2024: नवंबर के महीने में त्यौहारों के चलते बैंकों में कई दिन रहेंगे बंद, जानें कब-कब रहेंगी छुट्टियां
नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Bank Holidays in November 2024: अक्टूबर का महीना समाप्त हो चुका है और नवंबर की शुरुआत हो गई है। इस महीने में भी विभिन्न त्यौहारों और विशेष आयोजनों के चलते कई राज्यों में बैंकों में छुट्टियां रहेंगी। अगर आपके पास बैंक से जुड़े कोई जरूरी काम हैं, तो इन्हें जल्द निपटा लें क्योंकि नवंबर में कई दिनों तक बैंकों में अवकाश रहेगा। इन छुट्टियों के दौरान बैंक से जुड़े कार्य जैसे चेकबुक, पासबुक अपडेट करना, पैसे जमा करना आदि प्रभावित हो सकते हैं। आइए जानते हैं नवंबर में किन-किन दिनों पर बैंक बंद रहेंगे।
नवंबर 2024 में बैंक की छुट्टियों की सूची (Bank Holidays in November 2024 List)
– 7 नवंबर 2024: छठ पूजा (शाम के अर्घ्य) – बंगाल, बिहार और झारखंड समेत कुछ राज्यों में बैंक बंद रहेंगे।
– 8 नवंबर 2024: छठ पूजा (सुबह का अर्घ्य) / वंगला महोत्सव – बिहार, झारखंड और मेघालय जैसे राज्यों में बैंक बंद रहेंगे।
– 9 नवंबर 2024: दूसरा शनिवार – सभी राज्यों में बैंकों का नियमित अवकाश।
– 10 नवंबर 2024: रविवार – सभी राज्यों में बैंकों का नियमित अवकाश।
– 15 नवंबर 2024: गुरु नानक जयंती / कार्तिका पूर्णिमा / रहस पूर्णिमा – मध्य प्रदेश, मिजोरम, महाराष्ट्र, ओडिशा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हैदराबाद (तेलंगाना), अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू, उत्तर प्रदेश, नागालैंड, बंगाल, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और श्रीनगर के कई क्षेत्रों में बैंक बंद रहेंगे।
– 17 नवंबर 2024: रविवार – सभी राज्यों में बैंकों का नियमित अवकाश।
– 23 नवंबर 2024: चौथा शनिवार – सभी राज्यों में बैंकों का नियमित अवकाश।
– 24 नवंबर 2024: रविवार – सभी राज्यों में बैंकों का नियमित अवकाश।
इस महीने की छुट्टियों के दौरान ध्यान रखें कि बैंकिंग से जुड़े कई काम रुक सकते हैं। अगर आपके पास बैंक से संबंधित कोई भी कार्य है, तो बेहतर होगा कि इन्हें पहले से निपटा लें ताकि अवकाश के कारण किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
Note: उपरोक्त सूची में शामिल छुट्टियां राज्य विशेष पर निर्भर करती हैं। संबंधित राज्य की छुट्टियों की जांच कर लें।
Wedding 2024: 48 लाख शादियों से 6 लाख करोड़ का कारोबार, जानें इस साल के 18 शुभ मुहूर्त और शादी सीजन की खास बातें
नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। wedding 2024: इस साल के शादी के सीजन में भारतीय बाजार में बड़ी हलचल मचने वाली है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, नवंबर-दिसंबर के 60 दिनों के दौरान लगभग 48 लाख शादियों का अनुमान है, जिससे करीब 6 लाख करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद है। इस आंकड़े के पीछे सिर्फ शादियां नहीं हैं, बल्कि पूरे रिटेल क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव दिखेगा।
त्योहारी सीजन से मिली आर्थिक मजबूती
दीवाली सीजन के दौरान जहां बाजार में लगभग 4.15 लाख करोड़ रुपए के सामान की बिक्री हुई, वही व्यापारियों की नजर अब शादी के सीजन पर है। CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि अकेले दिल्ली में ही 4.6 लाख शादियों के होने की उम्मीद है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में 1.10 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान है।
कब से कब तक चलेगा शादी का सीजन?
CAIT के अनुसार, शादी का सीजन 12 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा।पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक शुभ विवाह मुहूर्त हैं। 2023 में जहां केवल 11 शुभ मुहूर्त थे, वहीं इस साल 18 शुभ मुहूर्त होने से कारोबार में खासा उछाल देखने को मिलेगा।
इन 18 दिनों में हैं शुभ मुहूर्त
इस साल के विवाह मुहूर्त इस प्रकार हैं:
– नवंबर: 12, 17, 18, 22, 25, 26, 28 और 29 तारीख
– दिसंबर: 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 तारीख
शादियों के खर्च का अनुमानित ब्योरा
शादी के खर्च का भी कैट ने अनुमान दिया है। 10 लाख शादियों में करीब 3 लाख रुपए का खर्च प्रति शादी अनुमानित है, जबकि अन्य 10 लाख शादियों में 30 लाख रुपए का खर्च संभावित है। इसके अलावा, लगभग 50,000 शादियों में प्रति शादी 1 करोड़ या उससे अधिक खर्च होने का अनुमान है।
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा
कैट के मुताबिक, उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव आ रहा है, वे भारतीय उत्पादों की ओर ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” अभियान को भी मजबूती मिली है।
BUS Accident In UK: अल्मोड़ा बस हादसे में 36 लोगों की दर्दनाक मौत, उत्तराखंड में मचा कोहराम
उत्तराखंड – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। BUS Accident In UK: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे ने सबको हिला दिया। अल्मोड़ा के मार्चुला इलाके के पास एक यात्री बस खाई में गिर गई, जिससे अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में 45 यात्री सवार थे, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने 36 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि शेष घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन सड़क की हालत और इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि तेज मोड़ या ब्रेक फेल होना इसका कारण हो सकता है। पुलिस और प्रशासन दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं।
घटना से राज्य में शोक की लहर
अल्मोड़ा बस हादसे की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे की भी घोषणा की है।
Diwali In Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की पहली दिवाली, भव्य दीपोत्सव का आयोजन, गिनीज बुक में दर्ज हुए दो विश्व रिकॉर्ड
अयोध्या – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Diwali In Ayodhya : अयोध्या में इस बार दिवाली का पर्व खास धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां 8वें दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, जो पूरे विश्व में अपनी भव्यता के लिए चर्चित हो गया है। इस दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। साथ ही, सरयू नदी पर 1121 लोगों ने सामूहिक आरती की, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। आपको बता दे 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा की अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित राम लला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। जय श्री राम!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा की 500 वर्षों के उपरांत हम सबके आराध्य प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के पश्चात यह प्रथम दीपोत्सव है। अद्भुत-अलौकिक आभा से दीप्त श्री अयोध्या धाम का यह दिव्य-भव्य स्वरूप हम सभी को त्रेतायुग की अनुभूति करा रहा है। आज अयोध्या हर्षित है, संपूर्ण भारत गर्वित है। ‘दीपोत्सव 2024’ में सहभागी सभी रामभक्तों को हार्दिक बधाई एवं उनका अभिनंदन! जय जय श्री राम!
दिवाली की रौनक और नए रिकॉर्ड
देशभर में दिवाली की तैयारियों के बीच, 30 अक्तूबर को अयोध्या में दीपों से सरयू के घाटों को जगमगाया गया। इस भव्य आयोजन के लिए लगभग 28 लाख दीयों का प्रबंध किया गया था, ताकि 10% दीये भी खराब हो जाएं, तो भी 25 लाख दीये जलाकर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके।
अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ और कई प्रमुख नेता
दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanatha)खुद अयोध्या पहुंचे। सीएम योगी ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान बने कलाकारों के रथ को खींचकर समारोह में भाग लिया और सरयू घाट पर आरती की। उन्होंने रामलला के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी की।
लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रमों से सजी अयोध्या
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के घाटों को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। लेजर शो और ध्वनि-प्रकाश शो के जरिए रामलीला का मनोहारी वर्णन किया गया, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।
अयोध्या का दीपोत्सव बना आकर्षण का केंद्र
देशभर से लोग इस अद्वितीय दीपोत्सव को देखने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि अयोध्या की विश्वस्तरीय पहचान को भी मजबूती दे रहा है।
एक नजर में पूरा आयोजन
– 25 लाख दीयों का प्रज्वलन: अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीये जलाए गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
– 1121 लोगों की आरती: सरयू नदी के घाट पर 1121 लोगों ने एक साथ आरती की, जो एक नया कीर्तिमान है।
– लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रम: दीपोत्सव के दौरान लेजर और लाइट शो, ध्वनि-प्रकाश शो के माध्यम से रामलीला का प्रदर्शन।
Ratlam’s Lakshmi Temple : MP के इस शहर में है कुबेर का खजाना! ; प्रसाद में बंटते है कड़क नोट और गहने
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam’s Lakshmi Temple: आपसे कोई पूछे की कुबेर का खजाना कहां है? तो आपको जवाब नहीं मिलेगा। लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम शहर का एक ऐसा मंदिर है जिसे आप देख ले तो आपको आपका जवाब जरूर मिल जाएगा। रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर दिवाली पर कुछ ऐसे ही नजर आता है। इस मंदिर में इतना धन – दौलत देखकर हर कोई इसे कुबेर के खजाने से ही जोड़ता है। लेकिन असल में यह कुबेर का खजाना नहीं बल्कि भक्तों का धन है जो महालक्ष्मी को अर्पण किया जाता है।
दरअसल दीपावली (Diwali) के पर्व पर रतलाम का ऐतिहासिक महालक्ष्मी (Ratlam Lakshmi Mandir) मंदिर देशभर में अनूठा आकर्षण बना हुआ है। यहां महालक्ष्मी की मूर्ति को सजाने के लिए भक्तों द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये के नोट और आभूषणों से पूरा मंदिर परिसर कुबेर के खजाने की तरह जगमगा उठा है। यह देश का इकलौता मंदिर है जहां दीपावली पर भक्तों द्वारा दिए गए गहनों और नकदी से सजावट की जाती है।
नोटों और आभूषणों की अद्भुत सजावट
मंदिर में इस वर्ष दीपावली सजावट की शुरुआत 14 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा से ही हो चुकी थी। विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट, 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नए-नए नोट, मंदिर के हर कोने में सजाए गए हैं। ये नोट और आभूषण भक्तों द्वारा स्वेच्छा से श्रद्धा के साथ दिए जाते हैं। मंदसौर, नीमच, इंदौर, उज्जैन, नागदा, खंडवा, देवास सहित राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर आदि तक से भक्तजन धन और आभूषणों के साथ मंदिर में माता महालक्ष्मी का श्रृंगार करने पहुंचते हैं।
श्रद्धालु अपने घरों की तिजोरी से नकदी और गहने लेकर मंदिर में सजावट के लिए जमा कराते हैं। यहां तक कि कई भक्त तो 5 लाख रुपये तक नकद भी श्रद्धापूर्वक रखते हैं। इन नोटों से मंदिर के लिए विशेष वंदनवार बनाए जाते हैं, जिससे पूरा गर्भगृह कुबेर के खजाने जैसा दिखाई देने लगता है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंदिर में इतने विशाल खजाने की सुरक्षा के लिए 4 गार्ड और सीसीटीवी कैमरे तैनात हैं। साथ ही, मंदिर के निकट स्थित माणक चौक पुलिस थाना 24 घंटे मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद रहता है। भक्तजनों की संपत्ति की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन हर प्रकार का एहतियात बरतता है। जितने विश्वास से भक्त यहां सजावट के लिए धन व आभूषण अर्पित करते है, उतने ही विश्वास से लेने भी आते है। हैरानी की बात है की आज तक कभी किसी के धन वापसी करते समय कोई विघ्न नहीं आया है।
श्रद्धालुओं के नोट और आभूषण सुरक्षित, रजिस्टर में एंट्री के साथ टोकन
मंदिर प्रशासन भक्तों की संपदा की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रबंध करता है। प्रत्येक भक्त के नोट और आभूषणों का नाम, पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही, भक्त का पासपोर्ट आकार का फोटो भी लगाया जाता है और टोकन देकर यह संपत्ति उन्हें बाद में सुरक्षित रूप से लौटाई जाती है। यह व्यवस्था इतनी पुख्ता है कि आज तक किसी भी भक्त की संपदा में कोई हेरफेर नहीं हुआ है।
दीपावली के बाद प्रसाद में लौटाए जाएंगे गहने और नकदी
सबसे विशेष और रहस्यमय पहलू यह है कि दीपावली का पर्व समाप्त होते ही भाई दूज के दिन भक्तों को उनका धन और गहने “प्रसाद” के रूप में लौटा दिए जाते हैं। मान्यता है कि जिनके धन से महालक्ष्मी का श्रृंगार होता है, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
दो शताब्दियों पुरानी परंपरा
मंदिर के कुलदीप त्रिवेदी के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले राजा रतन सिंह ने अपने राज्य की समृद्धि और प्रजा की खुशहाली के लिए यह परंपरा शुरू की थी। उन्होंने अपनी संपदा पांच दिनों तक देवी महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करने का संकल्प लिया, जो आज तक निभाया जा रहा है। इसी क्रम में इस मंदिर में महालक्ष्मी के आठ स्वरूपों—अधी लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी—की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
वास्तविक कुबेर के खजाने जैसा भव्य रूप
दीपावली पर पूरे सप्ताह तक यह मंदिर वैभव और आस्था का अनोखा प्रतीक बन जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दिए गए धन से महालक्ष्मी के आशीर्वाद से उनका घर और जीवन समृद्धि से भर जाता है।
Festival Special Train: पश्चिम रेलवे ने त्योहारों में यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन किया
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Festival Special Trains: त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने उधना-कटिहार-उज्जैन स्पेशल, उधना-दानापुर-वडोदरा अनारक्षित स्पेशल, और उधना-प्रयागराज-उधना अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। ये ट्रेनें यात्रियों की सुविधा के लिए एक-एक फेरे में चलेंगी।
1. उधना-कटिहार-उज्जैन स्पेशल (गाड़ी संख्या 09047/09048):
गाड़ी संख्या 09047 उधना-कटिहार स्पेशल 01 नवंबर को उधना से रात 00:20 बजे रवाना होगी और 02 नवंबर को दोपहर 14:00 बजे कटिहार पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09048 कटिहार से 02 नवंबर को शाम 17:00 बजे चलकर 03 नवंबर को रात 23:30 बजे उज्जैन पहुंचेगी। यह ट्रेन भरुच, वडोदरा, रतलाम, नागदा और उज्जैन सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी। इस ट्रेन में सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोच होंगे।
2. उधना-दानापुर-वडोदरा अनारक्षित स्पेशल (गाड़ी संख्या 09053/09054):
गाड़ी संख्या 09053 उधना-दानापुर स्पेशल 31 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे उधना से रवाना होगी और अगले दिन 01 नवंबर को रात 23:30 बजे दानापुर पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09054, 02 नवंबर को सुबह 04:00 बजे दानापुर से चलकर 03 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे वडोदरा पहुंचेगी। इस ट्रेन का रतलाम, उज्जैन, बीना और कई अन्य स्टेशनों पर ठहराव रहेगा। इसमें 16 स्लीपर कोच होंगे जो पूरी तरह अनारक्षित होंगे।
3. उधना-प्रयागराज-उधना अनारक्षित स्पेशल (गाड़ी संख्या 09011/09012):
गाड़ी संख्या 09011 उधना-प्रयागराज स्पेशल 31 अक्टूबर को सुबह 07:00 बजे उधना से रवाना होगी और अगले दिन 01 नवंबर को सुबह 09:15 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09012, 01 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे प्रयागराज से चलकर 02 नवंबर को शाम 16:05 बजे उधना पहुंचेगी। इस ट्रेन में 20 सामान्य श्रेणी के कोच होंगे जो पूरी तरह अनारक्षित होंगे।
यात्रियों से अनुरोध है कि वे इन ट्रेनों के ठहराव और समय की अधिक जानकारी के लिए [www.enquiry.indianrail.gov.in](http://www.enquiry.indianrail.gov.in) पर विजिट करें।
Diwali 2024: जानें दिवाली की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि
नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Diwali 2024 Date, Time, Muhurat and Poojavidhi: दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल पंचांग भेद के कारण दिवाली दो दिनों तक मनाई जाएगी—31 अक्टूबर और 1 नवंबर को। दीपावली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का खास महत्व होता है। जानिए दिवाली की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, और पूजाविधि।
कब है दिवाली?
पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत 29 अक्टूबर को धनतेरस से हो चुकी है। इसके बाद 31 अक्टूबर को छोटी दिवाली और फिर दिवाली का मुख्य पर्व मनाया जाएगा। कुछ स्थानों पर दिवाली 31 अक्टूबर को, तो कुछ जगहों पर 1 नवंबर को मनाई जाएगी। दिवाली के अगले दिन, 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 नवंबर को भाई दूज के साथ यह उत्सव समाप्त होगा।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
– अमावस्या तिथि प्रारंभ: 31 अक्टूबर, दोपहर 3:52 बजे
– अमावस्या तिथि समाप्त: 1 नवंबर, शाम 6:16 बजे
– लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:
– 31 अक्टूबर, शाम 5:36 बजे से शाम 6:16 बजे तक
– शाम 6:27 बजे से रात 8:32 बजे तक
– निशिता काल पूजा:
– 31 अक्टूबर, रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक
दिवाली पूजाविधि
1. साफ-सफाई: दिवाली की पूजा से पहले घर की सफाई करें, विशेषकर ईशान कोण का ध्यान रखें, जिसे देवी-देवताओं का स्थान माना गया है।
2. पूजा की तैयारी: लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें। साथ ही कुबेर देवता की तस्वीर भी लगाएं।
3. कलश की स्थापना: चौकी पर जल से भरे कलश में कौड़ियां, सिक्के, सुपारी, और गंगाजल डालें। कलश पर स्वास्तिक का निशान बनाकर मोली लपेटें और आम के पत्ते लगाएं।
4. लक्ष्मी पूजन: मां लक्ष्मी के सामने लाल कपड़े की थैली में 5 कौड़ी, 5 गोमती चक्र, हल्दी की गांठ रखें। पूजन के बाद इसे तिजोरी में रखें।
5. दीप जलाना: गणेशजी, लक्ष्मी जी, और कुबेर देवता के सामने घी का 5 या 11 दीपक जलाएं। घर के कोनों में सरसों के तेल के दीपक लगाएं।
6. मंत्र जाप और पाठ: गणेश अथर्वशीर्ष और श्री सूक्तम का पाठ करें और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा समाप्त करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारी परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
Dhanteras2024: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और माता लक्ष्मी के लिए भोग रेसिपी
नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Dhanteras2024: धनतेरस का पर्व हर साल दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है, जिससे दीपावली की शुरुआत होती है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन को लेकर लोगों के मन में शुभ मुहूर्त और तिथि को लेकर कई सवाल रहते हैं। यहां जानिए धनतेरस की पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और माता लक्ष्मी के भोग के बारे में।
धनतेरस 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से होगी और यह बुधवार, 30 अक्टूबर दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। चूंकि धनतेरस की पूजा शाम को होती है, इसलिए धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:31 बजे से 8:13 बजे तक रहेगा।
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन शाम के समय कुबेर देवता के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर को पूजास्थल पर स्थापित करें। दीप जलाकर उन्हें फल और फूल अर्पित करें और उनका प्रिय भोग लगाएं। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें और अंत में आरती करें।
धनतेरस के लिए विशेष भोग रेसिपी
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस के दिन मखाने और दूध की खीर का भोग लगाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए मखाने, दूध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर का उपयोग करें।