नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Air Train in Delhi: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर यात्रियों के लिए जल्द ही एक नई और अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होने वाली है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने घोषणा की है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 और 3 के बीच अब देश की पहली एयर ट्रेन चलाई जाएगी। यह ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) सिस्टम, यात्रियों को जाम और समय की कमी से बचाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है, ताकि यात्री टर्मिनलों के बीच फ्री में सफर कर सकें और उनकी फ्लाइट छूटने का खतरा न रहे।
क्या है एयर ट्रेन की खासियत?
दिल्ली एयरपोर्ट पर आने वाले लाखों यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित होगी। इस नई *एयर ट्रेन* का मुख्य उद्देश्य टर्मिनलों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 या 3 पर पहुंचने में लगने वाले समय और जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
APM की मुख्य विशेषताएं:
– ऑटोमेटेड सिस्टम: यह एयर ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी, यानी इसे चलाने के लिए किसी मैन्युअल ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
– एलिवेटेड ट्रैक: एयर ट्रेन का ट्रैक *एलिवेटेड* होगा, जिससे सड़क यातायात से कोई बाधा नहीं होगी।
– फ्री यात्रा: यात्रियों के लिए इस एयर ट्रेन में सफर मुफ्त होगा, जो टर्मिनलों के बीच तेजी से आवाजाही में सहायक साबित होगी।
एयर ट्रेन की लॉन्चिंग और निर्माण
इस प्रोजेक्ट के लिए *डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल* के आधार पर कार्य किया जाएगा। DIAL ने इसके लिए पहले ही टेंडर जारी कर दिए हैं और आने वाले महीनों में इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो सकता है।
IGI एयरपोर्ट: देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां रोज़ाना हजारों यात्री घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए आते-जाते हैं। तीन टर्मिनलों वाले इस एयरपोर्ट पर यातायात में बढ़ोतरी के कारण टर्मिनल 1 और 2/3 के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। एयर ट्रेन के माध्यम से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।
इस नई सुविधा से यात्रियों का सफर और भी सुगम और तेज़ हो जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन के आने से यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों के लिए समय की बचत भी होगी।
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Pure Gold Check: शादी या त्योहार पर आप भी सोना खरीद रहे है, तो हो जाए सावधान!, खरीदने से पहले जान ले ये बातें
त्योहार और शादियों के सीजन में सोना खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान! जिससे आपको ना उठाना पड़े कोई नुकसान. Gold खरीदने में असली नकली के अलावा भी है जरूरी बातें…
पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Gold Check: भारत में त्योहारों और शादियों का सीजन आते ही सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी देखी जाती है। विशेष रूप से धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। सोना सिर्फ आभूषण ही नहीं, बल्कि निवेश और पारिवारिक धरोहर का भी प्रतीक है। हालांकि, सोना खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि सही मूल्य और शुद्धता मिले।
सोने की शुद्धता की जांच
सोना खरीदते समय सबसे महत्वपूर्ण बात उसकी शुद्धता की जांच करना है। इसके लिए हॉलमार्क सबसे विश्वसनीय तरीका है। हॉलमार्क यह दर्शाता है कि आपके सोने की गुणवत्ता प्रमाणित है। इसे देखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
1. BIS मार्क: यह दर्शाता है कि सोने की शुद्धता को प्रमाणित किया गया है। यह ग्राहकों को विश्वास दिलाता है कि वे शुद्ध सोने के आभूषण खरीद रहे हैं।
2. कैरेट की पहचान: सोने की शुद्धता को कैरेट से मापा जाता है। 22 कैरेट सोना सबसे आम है, जिसमें 91.6% सोना होता है। कैरेट को 14k, 18k और 22k के रूप में दर्शाया जाता है, जो क्रमशः 58.5%, 75%, और 91.6% सोने की मात्रा को दर्शाता है।
3. UID नंबर: नया UID नंबर आभूषण के निर्माता और हॉलमार्किंग केंद्र को ट्रैक करने में मदद करता है, जिससे आभूषण की शुद्धता और पारदर्शिता की पुष्टि होती है।
आभूषण खरीदते समय बिल की जांच
बिल पर सोने के वजन, एलॉय की मात्रा और हॉलमार्क के चार्ज का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। 2 ग्राम से कम वजन के आभूषणों और मेडिकल इस्तेमाल के लिए बने सोने पर हॉलमार्क अनिवार्य नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही खरीदारी करें।
डिजिटल और गोल्ड बॉन्ड विकल्प
फिजिकल सोने के अलावा डिजिटल गोल्ड और गोल्ड बॉन्ड भी सोने में निवेश के लोकप्रिय विकल्प हैं। ये विकल्प आपको सुरक्षित और व्यवस्थित निवेश का मौका देते हैं, जहां भंडारण और सुरक्षा की चिंता नहीं होती। सोने की खरीदारी करते समय जागरूक और समझदारी से काम लें ताकि आप अपने त्योहारों की खुशी और निवेश दोनों का आनंद उठा सकें।
Minimum Wages: केंद्र सरकार का श्रमिकों को बड़ा तोहफा, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें
नई दिल्ली पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को राहत देते हुए न्यूनतम मजदूरी दरों (Minimum Wages) में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की घोषणा की है। श्रम मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी बयान के अनुसार, परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (VDA) में संशोधन कर श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में 1035 रुपये प्रतिदिन तक की वृद्धि की गई है। यह संशोधन 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा। पिछली बार यह बदलाव अप्रैल 2024 में किया गया था।
कौन होंगे लाभार्थी?
इस बढ़ोतरी का लाभ केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को मिलेगा। इनमें भवन-निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि जैसे क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिक शामिल हैं। सरकार ने श्रमिकों को अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल के वर्गों में बांटते हुए उनके लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी दर तय की है। इसके अलावा, भौगोलिक आधार पर श्रमिकों को ए, बी और सी श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
नई न्यूनतम मजदूरी दरें
संशोधित मजदूरी दरों के तहत, भौगोलिक क्षेत्र-ए में अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 783 रुपये प्रतिदिन (20,358 रुपये प्रति माह) होगी। वहीं, अर्धकुशल श्रमिकों के लिए यह दर 868 रुपये प्रतिदिन (22,568 रुपये प्रति माह) होगी। कुशल श्रमिकों को अब 954 रुपये प्रतिदिन (24,804 रुपये प्रति माह) मिलेंगे, जबकि उच्च कुशल श्रमिकों की मजदूरी 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगी।
महंगाई के साथ मजदूरी में वृद्धि
केंद्र सरकार हर साल अप्रैल और अक्टूबर में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर के आधार पर वीडीए में संशोधन करती है, ताकि श्रमिकों को महंगाई से निपटने में मदद मिल सके। इस बार की वृद्धि भी खुदरा महंगाई में पिछले छह महीने की औसत वृद्धि को ध्यान में रखते हुए की गई है।
न्यूनतम मजदूरी दरों में इस बढ़ोतरी से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को जीवन-यापन की बढ़ती लागत के मुकाबले राहत मिलेगी। केंद्र सरकार का यह कदम श्रमिकों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
bangladesh vs india: भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट के बाद क्या होगा WTC अंक तालिका पर असर?
भारतीय टीम WTC अंक तालिका में 71.67 पीसीटी के साथ शीर्ष पर है, जबकि बांग्लादेश 39.29 पीसीटी के साथ छठे स्थान पर है.
पब्लिक वार्ता,
स्पोर्ट्स डेस्क। bangladesh vs india: भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में होने वाला टेस्ट मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की दौड़ में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। फिलहाल, भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी अंक तालिका में 71.67 पीसीटी के साथ शीर्ष पर है, जबकि बांग्लादेश 39.29 पीसीटी के साथ छठे स्थान पर है।
इस मैच के तीन संभावित परिणामों के आधार पर हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि WTC Points Table पर क्या असर पड़ेगा।
अगर भारत ने जीता मैच!
अगर भारत बांग्लादेश को हराने में सफल होता है, तो भारतीय टीम का पीसीटी बढ़कर 74.24 हो जाएगा। यह स्थिति भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में और मजबूत बनाएगी, और उसे पीछे छोड़ना किसी भी टीम के लिए कठिन हो जाएगा।
अगर बांग्लादेश ने जीता मैच!
वहीं, अगर बांग्लादेश की टीम यह मैच जीत जाती है, तो उसका पीसीटी बढ़कर 46.87 हो जाएगा, जिससे वह चौथे या पांचवें स्थान पर पहुंच सकती है। हालांकि, यह काफी कठिन प्रतीत होता है, लेकिन अगर बांग्लादेश ने यह मुकाबला अपने नाम किया, तो वह सीधा तालिका में बड़ी छलांग लगाएगी।
अगर मैच रहा ड्रॉ!
कानपुर के खराब मौसम को देखते हुए ड्रॉ की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यदि मैच ड्रॉ होता है, तो भारतीय टीम का पीसीटी 68.18 पर आ जाएगा, लेकिन इसके बावजूद वह शीर्ष पर बनी रहेगी। वहीं, बांग्लादेश का पीसीटी 38.54 हो जाएगा, जिससे उसकी स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
कानपुर टेस्ट मैच का परिणाम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रैंकिंग में अहम भूमिका निभाएगा। अगर भारतीय टीम जीतती है, तो वह अपनी स्थिति को और मजबूत करेगी, जबकि बांग्लादेश की जीत से उसे बड़ी बढ़त मिल सकती है। भारत बनाम बांग्लादेश कानपुर टेस्ट पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, और उम्मीद की जा रही है कि बारिश खेल में खलल न डालते हुए इसे पूरा होने देगी।
Supriya Sule का तंज: ‘अरे मांग लेते तो सब दे देती…’ अजित पवार पर सुप्रिया की भड़ास या छलका दर्द!
पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Supriya Sule Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी अजित पवार गुट और एनसीपी शरद पवार (Sharad Pawar) गुट ने पूरा दम लगा दिया है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में भतीजे अजित पवार पर चाचा शरद पवार हावी रहे थे। महाराष्ट्र की राजनीति में भले ही पवार फैमिली एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी है, लेकिन एक परिवार के रूप में किसी सदस्य के बीच कोई खटास नहीं दिखती।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों (Maharashtra Politics) के बीच एनसीपी संस्थापक (NCP) शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अपने भाई और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर तंज कसा। उन्होंने मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि अगर दादा ने मांग लिया होता तो पार्टी उन्हें दे देती, पार्टी को तोड़ने की क्या जरूरत थी। जब उनसे पूछा गया कि उनके पिता शरद पवार उन पर ज्यादा प्यार लुटा रहे थे, जबकि पार्टी के असली उत्तराधिकारी अजित पवार थे, तो NCP (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, “अरे मांग लेता ना, सब दे देती… पार्टी तोड़ने की जरूरत ही नहीं थी। ये कौन सी बड़ी डील है… जाने की च्वाइस उनकी थी।”
घर में कम से कम एक साथ : शरद पवार
कुछ दिनों पहले शरद पवार ने कहा था कि वह और भतीजे अजित पवार एक परिवार के रूप में एक साथ हैं, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि अजित एक अलग राजनीतिक दल का नेतृत्व कर रहे हैं। शरद पवार ने तटीय कोंकण क्षेत्र के चिपलून में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि “घरत तारि एकत्रच आहेत (कम से कम हम घर पर एक साथ हैं)।
गौरतलब है की पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन हो गया था। अजित पवार अपने साथ कई विधायकों को लेकर अलग हो गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अजित गुट को असल एनसीपी माना। वहीं, अजित गुट ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया। अजित पवार फिलहाल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।
IRCTC & Indian Railways: पटरी पर दौड़ता लग्जरी होटल है यह ट्रेन, चोंका देगी “गर्वी गुजरात” की यात्री सुविधाएं!, जानिए कब से होगी शुरू
अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस है IRCTC की ये टूरिस्ट ट्रेन, शॉवर, क्यूबिकल्स, सेंसर-आधारित वॉशरूम, और फुट मसाजर जैसी सुविधाएं, गुजरात के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की कराएगी सेर.
नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। भारतीय रेल, पर्यटन को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से लगातार नई पहल कर रही है। इसी कड़ी में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा “गर्वी गुजरात” भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन (GARVI GUJARAT TRAIN) का संचालन 1 अक्टूबर 2024 से किया जाएगा। इस खास ट्रेन का उद्देश्य पर्यटकों को गुजरात के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से परिचित कराना है। इस ट्रेन में पहली बार वडनगर को भी शामिल किया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहनगर भी है।
“गर्वी गुजरात” ट्रेन की शुरुआत दिल्ली रेलवे स्टेशन से होगी। अगर आप बुकिंग करवाते है और दिल्ली नहीं पहुंच सकते तो सफदरजंग, गुड़गांव, रेवाड़ी, रींगस, फुलेरा, अजमेर रेलवे स्टेशन से आप इस ट्रेन में चढ़ सकते है और गुजरात की अपनी यात्रा पर निकल सकते है। जिसके बाद ट्रेन का स्टॉपेज अहमदाबाद, मोढेरा, पाटन, वडनगर, वडोदरा, केवड़िया, वेरावल (सोमनाथ), दीव, द्वारका रहेगा। द्वारका के बाद ट्रेन वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगी। इसके किराए से जुड़ी जानकारी फिलहाल रेलवे ने नहीं दी है। IRCTC की वेबसाइट या हेल्पलाइन से आप बाकी अन्य जानकारी ले सकते है।
ट्रेन की सुविधाएं और प्रमुख आकर्षण
“गर्वी गुजरात” भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें एसी-1, एसी-2 और एसी-3 श्रेणी के कोच हैं। कुल 150 पर्यटक इस ट्रेन में सफर कर सकेंगे। यात्रियों के लिए खानपान की व्यवस्था दो डाइनिंग रेस्टोरेंट्स और एक आधुनिक रसोई में की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। इस ट्रेन में शॉवर क्यूबिकल्स, सेंसर-आधारित वॉशरूम, और फुट मसाजर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
गुजरात के प्रमुख स्थलों का दौरा
ट्रेन की यात्रा का कुल समय 10 दिनों का है, जिसमें पर्यटक गुजरात के प्रमुख धार्मिक और विरासत स्थलों का दौरा करेंगे। अहमदाबाद में पर्यटक साबरमती आश्रम और अक्षरधाम मंदिर का दौरा करेंगे। इसके बाद मोढेरा सूर्य मंदिर, रानी की वाव, और सहस्त्रलिंग तालाब जैसे ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण किया जाएगा। वडनगर में कीर्ति तोरण, हाटकेश्वर मंदिर और शर्मिष्ठा झील जैसे दर्शनीय स्थल ट्रेन की यात्रा के प्रमुख आकर्षण होंगे। इसके साथ ही वडनगर रेलवे स्टेशन भी पर्यटकों को दिखाया जाएगा। पावागढ़ में महाकाली मंदिर (Pavagadh) और यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क भी यात्रा का हिस्सा होंगे।
अन्य धार्मिक स्थल
ट्रेन की यात्रा में द्वारकाधीश मंदिर (Dwarka), नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ मंदिर (Somnath Jyotirling), और दीव किला भी शामिल हैं। केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और लेजर शो भी पर्यटकों को दिखाया जाएगा। यह ट्रेन लगभग 3,500 किलोमीटर का सफर तय करेगी और 10वें दिन दिल्ली लौट आएगी।
भारत गौरव ट्रेनों का संचालन
भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेनें भारतीय रेल द्वारा शुरू की गई एक खास पहल है, जिसका उद्देश्य देश के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का प्रचार-प्रसार करना है। देश भर में अब तक 24 राज्यों में 180 से अधिक भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें 80,000 से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं।
Spy Camera’s: UPSC की तैयारी कर रही छात्रा के बाथरूम और बेडरूम में मिले स्पाई कैमरे, मकान मालिक का बेटा गिरफ्तार!
UPSC छात्रा का व्हाट्सएप किसी अनजान डिवाइस पर था लॉग इन, आरोपी के लेपटॉप से मिले आपत्तिजनक वीडियो, बल्ब होल्डर में फिट था स्पाई कैमरा
दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। आपके घर की बेटी अगर कहीं किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही है, तो उसे आज ही सावधान करने की जरूरत है। जी हां! किराए से रहने वाली एक छात्रा को मकान मालिक को चाबी सौंपना भारी पड़ गया। उसने सोचा भी नहीं होगा की मकान मालिक का बेटा इतना घिनौना काम करेगा। पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) की तैयारी कर रही एक छात्रा के बाथरूम और बेडरूम में स्पाई कैमरे (Spy Camera’s) मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मकान मालिक के बेटे करण को इस घिनौनी हरकत के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने छात्रा के गांव जाने के दौरान उसके फ्लैट में ये कैमरे लगाए थे। आरोपी करण मकान मालिक का लड़का है, जो उसी बिल्डिंग की दूसरे फ्लोर पर रहता है। इस घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर काफी चिंता जताई जा रही है। यह घटनाक्रम महिलाओं की सुरक्षा और निजता के प्रति गंभीर सवाल खड़े करता है।
जानकारी के अनुसार छात्रा पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में एक किराये के फ्लैट में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थी। हाल ही में उसे अपने व्हाट्सएप अकाउंट में कुछ गड़बड़ी का अहसास हुआ। जब उसने इस संदिग्ध गतिविधि की जांच करवाई, तो पता चला कि उसका व्हाट्सएप किसी अनजान डिवाइस पर लॉग इन है। इसके बाद उसने सुरक्षा के लिहाज से अपने व्हाट्सएप अकाउंट को लॉग आउट किया और फ्लैट की तलाशी लेने का फैसला किया।
फ्लैट की तलाशी के दौरान, छात्रा को अपने बाथरूम के बल्ब होल्डर में एक स्पाई कैमरा दिखाई दिया। यह देखकर वह हैरान रह गई और तुरंत पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जांच की, तो उसके बेडरूम के बल्ब होल्डर में भी एक और स्पाई कैमरा पाया गया।
कैसे लगाया गया कैमरा
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि मकान मालिक का बेटा करण, जो अक्सर छात्रा से उसकी फ्लैट की चाबी लेता था, इस घिनौनी साजिश का मास्टरमाइंड था। तीन महीने पहले जब छात्रा उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव गई थी, तब आरोपी ने यह योजना बनाई। करण ने तीन स्पाई कैमरे खरीदे और उनमें से दो कैमरे छात्रा के बेडरूम और बाथरूम में लगा दिए। कैमरों में मेमोरी कार्ड लगे थे, जो वीडियो रिकॉर्डिंग को स्टोर करते थे। करण किसी न किसी बहाने से छात्रा से फ्लैट की चाबी लेता और फिर कैमरे का डेटा अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर लेता।
लेपटॉप में करता था लोड
पूर्वी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने अपने अपराध को स्वीकार किया है और उसके लैपटॉप से कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए गए हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
Dehradun: 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण मिलने का दुर्लभ मामला, डॉक्टर भी हुए हैरान
पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। देहरादून (Dehradun) के स्वामी हिमालयन मेडिकल कॉलेज में एक अत्यंत दुर्लभ मामला सामने आया है, जहां 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण पाया गया। माता-पिता को बच्चे का पेट अचानक फूलता दिखने पर शक हुआ और उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों को लगा कि यह पेट में गांठ का मामला है, लेकिन एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला कि बच्चे के पेट में भ्रूण विकसित हो रहा था।
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार फीटस-इन-फीटू (Fetus in Fetu) नामक यह स्थिति अत्यधिक दुर्लभ होती है, जिसमें एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के भीतर विकसित होने लगता है। डॉक्टर संतोष सिंह के अनुसार, इस तरह के मामले लाखों में से एक बार ही देखने को मिलते हैं। बच्चे का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।
क्या है फीटस-इन-फीटू?
फीटस-इन-फीटू मानव भ्रूण विकास की एक असामान्य और दुर्लभ स्थिति है। यह लगभग 5,00,000 में से एक गर्भावस्था में होता है, जिसमें भ्रूण के भीतर एक और भ्रूण विकसित होने लगता है। इस स्थिति का पता अक्सर जन्म के बाद ही चल पाता है, जब बच्चे के पेट का आकार असामान्य रूप से बढ़ता है।
Ranveer Allahbadia OR BeerBiceps: मशहूर YouTuber के दोनों YouTube चैनल हैक, सभी वीडियो हटाए, क्या होगा आगे!
पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। भारत के प्रमुख YouTuber और डिजिटल Influencer रणवीर अल्लाहबादिया के दोनों YouTube चैनल्स BeerBiceps और Ranveer Allahbadia को हैकर्स ने हैक कर लिया है। हैकर्स ने उनके चैनलों का नाम बदलकर ‘@Tesla.event.trump_2024′ रख दिया। इतना ही नहीं उनके दूसरे चैनल ‘बीयर बाइसेप्स’ का नाम ‘@Elon.trump.tesla_live202 कर दिया और सभी वीडियो डिलीट कर दिए हैं। इस घटना के बाद, चैनल्स पर एक फर्जी लाइवस्ट्रीम की गई जिसमें एक AI-जनरेटेड एलन मस्क नज़र आ रहे थे, जो लोगों से क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के लिए कह रहे थे। यह लाइवस्ट्रीम लोगों को उनके निवेश पर दोगुना लाभ का झूठा वादा कर रही थी।
YouTube ने रणवीर के दोनों चैनलों को तुरंत प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया। शुरुआत में, जब इन चैनलों को सर्च किया गया, तो YouTube ने जानकारी दी कि यह चैनल कंपनी की नीतियों के खिलाफ थे, इसलिए इन्हें हटाया गया। अब, इन चैनलों को खोजने पर एक संदेश आता है जिसमें लिखा होता है, “यह पेज नहीं मिल रहा है, कृपया कुछ और सर्च करें।”
खुद दी जानकारी, करियर की चिंता!
दोनों चैनल्स से सभी इंटरव्यू और पॉडकास्ट डिलीट हुए और फिर अब ये दोनों ही चैनल्स यूट्यूब से डिलीट किए जा चुके हैं। इस बात की जानकारी खुद रणवीर अल्लाहबादिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दी है। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम की स्टोरी पर बर्गर और फ्राइज की एक तस्वीर शेयर कर लिखा, ‘मेरे दो मेन चैनलों को हैक किए जाने का जश्न मेरे पसंदीदा खाने के साथ मना रहा हूं। शाकाहारी बर्गर। बीयर बाइसेप्स की मौत मिली डाइट की मौत से। मुंबई वापस आ गया हूं।’ इसके बाद उन्होंने अपनी अगली इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इस फोटो में वो आंखों पर स्लीपिंग मास्क लगाए हुए स्माइल करते हुए नजर आ रहे हैं। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘क्या ये मेरे यूट्यूब करियर का अंत है? आप सबको जानकर अच्छा लगा।’ बता दें, रणवीर अल्लाहबादिया और उनकी टीम इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। ये लोग यूट्यूब से कॉन्टेक्ट में हैं और चैनल को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का चैनल हुआ था हैक, चिंता बढ़ी
कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट का YouTube चैनल भी इसी प्रकार हैक हुआ था, जिससे यह अंदेशा है कि हालिया घटनाओं के पीछे भी वही साइबर अपराधी हो सकते हैं। रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘BeerBiceps’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत में अपने स्वास्थ्य, फिटनेस, और मोटिवेशनल कंटेंट के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके हैक हुए चैनलों में ‘BeerBiceps’ और ‘The Ranveer Show’ शामिल हैं, जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर काफी लोकप्रिय थे। यह घटना डिजिटल सिक्योरिटी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है और YouTubers तथा अन्य कंटेंट क्रिएटर्स को अपने अकाउंट्स की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
DP Wires incident: डीपी वायर्स के अरविंद कटारिया और मैनेजर विजय सोनी के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक मामला दर्ज, श्रम न्यायालय में भी चलेगा केस
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। औद्योगिक क्षेत्र में हुई एक मजदूर की दुखद मौत के मामले में शहर की प्रतिष्ठित डीपी वायर्स (DP Wires) लिमिटेड के मालिक अरविंद कटारिया और प्रबंधक विजय सोनी के खिलाफ रतलाम की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अदालत में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। यह मामला 22 वर्षीय कर्मचारी नितिन सरोज की मौत के बाद औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा दायर किया गया है।
गौरतलब है की 3 जुलाई, 2024 को नितिन सरोज, जो कि डी. पी. वायर्स में रात्रिकालीन शिफ्ट में वायर ड्राइंग मशीन पर कार्यरत था, करंट लगने से उसकी जान चली गई। घटना सुबह करीब 6 बजे हुई, जब कारखाने में बारिश का पानी फैलने से नितिन करंट की चपेट में आ गया। नितिन की शिफ्ट समाप्त होने से मात्र डेढ़ घंटा पहले ही यह हादसा हुआ था।
जांच और प्रबंधन की लापरवाही
घटना की जांच औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के करखाना निरीक्षक हिमांशु सोलोमन ने की। जांच में पाया गया कि कारखाने में कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 7ए-2सी एवं नियम 73 का उल्लंघन हुआ है। इसके चलते संचालक अरविंद कटारिया और प्रबंधक विजय सोनी को जिम्मेदार ठहराया गया। दोनों के खिलाफ आपराधिक वाद दायर किया गया है, जिसमें दोष सिद्ध होने पर एक लाख रुपए का जुर्माना, दो साल की सजा, या दोनों हो सकते हैं।
श्रम न्यायालय में भी केस
औद्योगिक अधिनियम के अनुसार, मृतक श्रमिक के परिवार को क्षतिपूर्ति प्रदान करने का प्रावधान है। इसी के तहत नितिन के आश्रितों को मुआवजा दिलाने के लिए श्रम न्यायालय में भी मामला दर्ज किया गया है।
परिवार की स्थिति और मजदूरों का आक्रोश
मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश से रतलाम आकर बसे नितिन का परिवार शिवनगर क्षेत्र में रहता है। उसके परिवार में एक 8 महीने का बेटा भी है। इस घटना के बाद उद्योग के मजदूरों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि उद्योग में सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है और सभी मजदूर जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं। यह घटना न केवल उद्योग के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रशासन और प्रबंधन की लापरवाही की भी गंभीरता को दर्शाती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत और श्रम न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं।