MP News: पुलिस ने निभाया परिवार का फर्ज, धूमधाम से की महिला कांस्टेबल की गोद भराई, जानिए पूरा मामला

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल के बीच पुलिसकर्मी परिवार के लिए अपना समय ना के बराबर दे पाते है। चाहे वह कोई प्रमुख त्यौहार हो या घर – समाज के पारिवारिक कार्यक्रम। बहुत कम ही ऐसा होता है जब एक पुलिस जवान ठीक ढंग से उनका लुत्फ ले पाया हो। इसी पुलिसिया भागदौड़ के बीच एक महिला पुलिसकर्मी की भावनाओं का ध्यान कैसे पूरे स्टाफ ने रखा इसका एक जीवंत उदाहरण देखने में आया है, जो अब चारो और चर्चा का विषय बन गया है। हर कोई पुलिस की इस पहल का समर्थन कर रहा है। आपको बता दे शहर में एकमात्र थाना डीडी नगर है जो आईएसओ सर्टिफाइड है, तत्कालिक एसपी राहुल लोढा के प्रयासो से थाने को सर्वश्रेष्ठ होने का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।

गोदभराई की रस्म निभाते टीआई व थाना स्टाफ

दरअसल मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में डीडी नगर थाना क्षेत्र में पदस्थ महिला कांस्टेबल शानू जमरा मां बनने जा रही है। लेकिन उनके पिता के नहीं होने से उन्हें इसकी कमी खुब खलने लगी। क्योंकि एक महिला के मां बनने से पूर्व गोद भराई का कार्यक्रम होता है। जिसमें पिता की अहम भूमिका होती है। थाने के स्टाफ को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ गोद भराई का आयोजन करने की ठानी। आपको बता दे धार जिले की रहने वाली शानू जमरा पिछले छह महीने से डीडी नगर थाने में पदस्थ हैं। शानू के पिता का निधन हो चुका है। कार्यक्रम में मेहंदी से लेकर अन्य पारंपरिक रस्में पूरे रीति-रिवाजों के साथ निभाई गईं। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि पुलिस विभाग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक बड़ा परिवार भी है।

रस्मों के बाद फिल्मी गीतों पर झूमते नजर आए पुलिसकर्मी

टीआई ने निभाई पिता की भूमिका
गोद भराई के कार्यक्रम में थाना प्रभारी रविंद्र दंडोतिया ने पिता की भूमिका निभाई। थाने को सजाया गया
थाने के पूरे स्टाफ ने परिवार जैसा माहौल बनाया। नाच गाना हुआ, मिठाई बांटी गई और खाना भी रखा गया। शानू ने भावुक होकर बताया, “थाने के सभी स्टाफ ने मुझे बहन की तरह अपनाया और मेरे साथ परिवार जैसा व्यवहार किया। यह मेरे लिए बहुत खास और यादगार क्षण है।” 

रतलाम एसपी अमित कुमार ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पुलिस विभाग के भीतर पारिवारिक और सहयोगी माहौल का प्रतीक है। उन्होंने पूरे थाना स्टाफ की इस भावनात्मक पहल की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की घटनाएं पुलिसकर्मियों के बीच मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती हैं। गौरतलब है की एसपी अमित कुमार ने कुछ दिनों पहले पुलिसकर्मियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिन पर एक दिन की छुट्टी देने के निर्देश जारी किए थे। जिससे उनके मानसिक स्वास्थ को राहत मिल सके। एसपी अमित कुमार की इस पहल की भी जमकर तारीफ हुई थी।

Cyber Security Tips: शादी की पत्रिका या योजनाओं की मोबाइल एप्लिकेशन ना करे डाऊनलोड, रतलाम पुलिस ने बताया कैसे रहें सावधान!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Cyber Security Tips : सायबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम सेल रतलाम द्वारा आम जनता को सायबर ठगी के नए-नए तरीकों के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में सायबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही एक नई चाल लोगों के बीच चिंता का विषय बन गई है। सायबर अपराधी मोबाइल एप्लिकेशन (.apk) और एक्से फाइल (.exe) के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। यहां इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर विस्तार से जानिए;

कैसे होती है APK फाइल के जरिए धोखाधड़ी?
   – सायबर अपराधी .apk फाइल का इस्तेमाल कर लोगों के फोन तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
   – ये फाइलें अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के माध्यम से, अनजानी वेबसाइटों से या व्हाट्सएप पर किसी लिंक के जरिए भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें शादी के निमंत्रण, पीएम किसान योजना या पीएम आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं के नाम पर होती हैं, जिससे लोग इन्हें आसानी से डाउनलोड कर लेते हैं।

हैकर्स का तरीका क्या है?
   – हैकर्स व्हाट्सएप के माध्यम से apk फाइलें भेजते हैं, जो किसी सरकारी योजना, निमंत्रण कार्ड या अन्य आकर्षक सामग्री का रूप धारण कर भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें परिचित व्यक्तियों के नंबर से आती हैं, जिनका व्हाट्सएप हैक हो चुका होता है। इस कारण लोग इन फाइलों पर अधिक विश्वास कर लेते हैं।
   – जैसे ही आप इस apk फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं, यह आपके फोन पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेती है।

APK फाइल के खतरों से कैसे बचें?
   – व्हाट्सएप सिक्योरिटी: अपने व्हाट्सएप अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखें। इससे आपका अकाउंट सुरक्षित रहेगा।
   – विश्वास से बचें: किसी परिचित व्यक्ति के व्हाट्सएप नंबर से भी अगर इस तरह की फाइल आती है, तो इसे बिना जांचे-परखे न खोलें। सुनिश्चित करें कि फाइल की वैधता को पहचान लें।
   – विश्वसनीय स्रोत से ही डाउनलोड करें: किसी भी एप्लिकेशन को केवल गूगल प्ले स्टोर या आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।

APK फाइल खोलने के बाद क्या होता है?
   – जब आप apk फाइल को खोलते हैं, तो यह आपके फोन में ऑटो-इंस्टॉल हो जाती है और आपके डिवाइस का कंट्रोल सायबर अपराधी के हाथों में चला जाता है।
   – अपराधी आपके फोन के मैसेज को पढ़ सकते हैं, जिनमें OTP, PIN जैसी सेंसिटिव फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन हो सकती है।
   – वे आपके फोन से अनाधिकृत ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे आपका आर्थिक नुकसान हो सकता है।

अगर गलती से APK फाइल इंस्टॉल हो जाए तो क्या करें?
   – तुरंत अपने फोन का इंटरनेट कनेक्शन ऑफ करें ताकि अपराधी और डेटा का एक्सेस न ले सकें।
   – जितना जल्दी हो सके अपने बैंक में संपर्क कर अपने खाते को फ्रीज करवा दें ताकि किसी भी अनाधिकृत ट्रांजेक्शन से बचा जा सके।
   – फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें या गूगल प्ले स्टोर से “कवच-2” जैसे सुरक्षा ऐप का उपयोग करें, जो हानिकारक या छिपी हुई apk फाइलों की पहचान कर उन्हें डिलीट कर सकता है।

व्हाट्सएप पर आने वाली फाइलों को सुरक्षित तरीके से जांचें
   – अगर किसी सरकारी योजना या शादी के निमंत्रण के नाम पर कोई फाइल आए तो उसे खुलने से पहले ध्यान से जांचें।
   – व्हाट्सएप सेटिंग्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन को सक्षम करें ताकि आपका अकाउंट सुरक्षित रहे और हैकर्स आपके अकाउंट का दुरुपयोग न कर सकें।

धोखाधड़ी होने पर तुरंत क्या करें?
   – किसी भी प्रकार की सायबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाने पर तुरंत सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
   – अपने नजदीकी पुलिस थाने या सायबर सेल पर जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

सायबर सुरक्षा सलाह में बताई गई इन सावधानियों को अपनाकर आप अपने डेटा और आर्थिक जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। तकनीक के युग में सुरक्षित रहना हमारी अपनी जिम्मेदारी है, इसलिए किसी भी अनजान फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करने से पहले सावधान रहें।

Supreme court: बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोज़र एक्शन को लेकर एक सख्त टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के आरोपी या दोषी होने मात्र से उसका घर गिराया नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है, और अधिकारियों को मनमाने तरीके से काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “अफसर जज नहीं बन सकते और यह फैसला नहीं कर सकते कि कौन दोषी है। ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।” इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह कानून से ऊपर होकर किसी के खिलाफ कार्रवाई करे।

यह टिप्पणी हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में बुलडोज़र का उपयोग कर संदिग्धों और आरोपियों के घरों पर की जा रही कार्यवाही के संदर्भ में आई है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाइयों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और सिर्फ अदालत के निर्देशानुसार ही उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

जानिए मुख्य बिंदु
सिर्फ इसलिए घर नहीं गिराया जा सकता क्योंकि कोई व्यक्ति आरोपी है. राज्य आरोपी या दोषी के खिलाफ मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकता.
बुलडोजर एक्शन सामूहिक दंड देने के जैसा है, जिसकी संविधान में अनुमति नहीं है.
निष्पक्ष सुनवाई के बिना किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
कानून के शासन, कानूनी व्यवस्था में निष्पक्षता पर विचार करना होगा.
कानून का शासन मनमाने विवेक की अनुमति नहीं देता है. चुनिंदा डिमोलेशन से सत्ता के दुरुपयोग का सवाल उठता है.
आरोपी और यहां तक कि दोषियों को भी आपराधिक कानून में सुरक्षा दी गई है. कानून के शासन को खत्म नहीं होने दिया जा सकता है.
संवैधानिक लोकतंत्र में नागरिक अधिकारों और आजादी की सुरक्षा जरूरी है.
अगर कार्यपालिका मनमाने तरीके से किसी नागरिक के घर को इस आधार पर ध्वस्त करती है कि उस पर किसी अपराध का आरोप है तो यह संविधान कानून का उल्लंघन है.
अधिकारियों को इस तरह के मनमाने तरीके से काम करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
अधिकारियों को सत्ता का दुरुपयोग करने पर बख्शा नहीं जा सकता.
स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करने वाले घर को गिराने पर विचार करते वक्त यह देखना चाहिए कि नगरपालिका कानून में क्या अनुमति है. अनधिकृत निर्माण समझौता योग्य हो सकता है या घर का केवल कुछ हिस्सा ही गिराया जा सकता है.
अधिकारियों को यह दिखाना होगा कि संरचना अवैध है और अपराध को कम करने या केवल एक हिस्से को ध्वस्त करने की कोई संभावना नहीं है
नोटिस में बुलडोजर चलाने का कारण, सुनवाई की तारीख बताना जरूरी होगी.
डिजिटल पोर्टल 3 महीने में बनाया जाना चाहिए, जिसमें नोटिस की जानकारी और संरचना के पास सार्वजनिक स्थान पर नोटिस प्रदर्शित करने की तारीख बताई गई है.
व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख जरूर दी जानी चाहिए.
आदेश में यह जरूर नोट किया जाना चाहिए कि बुलडोजर एक्शन की जरूरत क्यों है.
केवल तभी इमारत गिराई जा सकती है, जब अनधिकृत संरचना सार्वजनिक सड़क/रेलवे ट्रैक/जल निकाय पर हो. इसके साथ ही प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इमारत गिराई जा सकती है
केवल वे संरचनाएं ध्वस्त की जाएंगी, जो अनाधिकृत पाई जाएंगी और जिनका निपटान नहीं किया जा सकता.
अगर अवैध तरीके से इमारत गिराई गई है, तो अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी और उन्हें हर्जाना देना होगा.
अनाधिकृत संरचनाओं को गिराते वक्त विस्तृत स्पॉट रिपोर्ट तैयार की जाएगी. पुलिस और अधिकारियों की मौजूदगी में तोड़फोड़ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. यह रिपोर्ट पोर्टल पर पब्लिश की जाएगी.
अगर घर गिराने का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.
बिना अपील के रात भर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है
घर के मालिक को रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा.
नोटिस से 15 दिनों का वक्त नोटिस तामील होने के बाद है.
तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी.
कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे.
प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा, रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा.
आदेश के 15 दिनों के अंदर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का मौका दिया जाएगा.

सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा.
सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए.

MP News: आपको नहीं मिल रहा है वाहन दुर्घटना का क्लेम, तो कोर्ट का यह फैसला आपके लिए है

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: रतलाम में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वाहन दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों को राहत देते हुए कहा है कि दुर्घटना के छह महीने बाद भी क्लेम किया जा सकता है। न्यायालय के इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जो समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। अब वे छह महीने बाद भी मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे।

न्यायालय के प्रथम सदस्य, एमएसीसी (मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण) आदित्य रावत ने एक विशेष मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। मामला प्रेमशंकर शर्मा की 22 जनवरी 2022 को हुई एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद, उनकी पत्नी आशा शर्मा ने 26 अप्रैल 2023 को बीमा क्लेम दायर किया। इस क्लेम पर बीमा कंपनी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के संशोधन के अनुसार क्लेम की अवधि दुर्घटना के 6 महीने के भीतर होनी चाहिए। लेकिन आशा शर्मा ने दुर्घटना के एक साल से अधिक समय बाद क्लेम दायर किया था।

बीमा कंपनी की आपत्ति के बावजूद न्यायाधीश आदित्य रावत ने बीमा कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया और क्लेम को सुनवाई योग्य माना। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मोटर यान अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट) एक कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना से पीड़ित परिवारों की मदद करना है। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिर्फ देर से क्लेम दाखिल करने के आधार पर पीड़ित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुआवजे के आवेदन को रद्द करना उचित नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में आवेदिका एक गृहिणी हैं और उन्हें इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए विलंब को नजरअंदाज करना न्यायोचित है।

इस मामले में आवेदिका की ओर से एडवोकेट देवेंद्र सिरधाना गुर्जर ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि न्यायालय का यह निर्णय उन सभी परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो दुर्घटना की समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। वर्ष 2019 के मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन में क्लेम दाखिल करने की अवधि छह महीने निर्धारित की गई थी, जिससे कई लोग जानकारी के अभाव में इस सीमा का पालन नहीं कर पाते थे। इस फैसले के बाद, दुर्घटना में घायल या मृतकों के परिजन छह महीने बाद भी मुआवजे का दावा कर सकते हैं, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है।

Ratlam News: प्रशिक्षु आईएएस व आईपीएस अधिकारियों ने कलेक्टर राजेश बाथम से की मुलाकात, सर्विस की बारीकियों पर की चर्चा

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: सोमवार को प्रशिक्षु आईएएस, आईपीएस अधिकारियों ने कलेक्टर राजेश बाथम से मुलाकात की। इस अवसर पर कलेक्टर ने उनके साथ बैठक आयोजित कर रतलाम जिले की विशेषताओं और विविधताओं के बारे में जानकारी साझा की। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण रवि गुप्ता, सहायक परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण अरुण पाठक, और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत निर्देशक शर्मा भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने प्रशिक्षु अधिकारियों को जिले के भ्रमण के लिए विभिन्न स्थानों की बिंदुवार जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षु अधिकारी रतलाम जिले में 16 नवंबर तक अध्ययन भ्रमण पर हैं। इनमें छह आईएएस अधिकारी, पांच आईपीएस अधिकारी और एक आईडीएएस अधिकारी शामिल हैं।

आईएएस अधिकारियों (IAS Officers) में सय्यद आदिल मोहसिन, विपिन दुबे, सचिन राहर, आयुषी प्रधान, और सुभांशु कटियार शामिल हैं। आईपीएस (IPS Officers) अधिकारियों में माधव गुप्ता, सिमरन सिंह, कुहू गर्ग, अनिकेत कुलकर्णी, और अजीत सिंह सम्मिलित हैं, जबकि हर्षवर्धन पांडे आईडीएएस (IDAS Officer) कैडर से हैं। आपको बता आईडीएएस कैडर के अंतर्गत भारतीय रक्षा बलों में वित्तीय प्रबंधन के लिए अधिकारी का चयन करना होता है। आईडीएस रेंक भी आईएएस अफसर के बराबरी की रेंक होती है। इसमें शहर या जिला नहीं देखते बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों के लिए बेहतर फाइनेंशियल स्टेटस तैयार करने का काम होता है।

Ratlam News: परवलिया में निजी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत पहुंची कलेक्टोरेट, हाल ही में चला था बुल्डोजर

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News : जिले की तहसील जावरा के परवलिया गांव में निजी भूमि पर अवैध कब्जे और अवैध गतिविधियों के मामले में भूमि स्वामी कमल पांचाल ने प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़ित ने कलेक्टर को लिखे आवेदन में बताया कि उनकी निजी भूमि, सर्वे नम्बर 346/2, 292, और 295 पर प्रतिप्रार्थियों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है और निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, उक्त जमीन पर अवैध रूप से देह व्यापार जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं, जिससे क्षेत्र के वातावरण पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

पीड़ित का आरोप है कि प्रतिप्रार्थीगण ने उनकी निजी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है और उस पर विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य जारी हैं। पीड़ित ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कब्जा हटवाकर उन्हें उनकी जमीन का अधिकार सौंपा जाए। कमल पांचाल ने बताया की प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अपनी निजी भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की है। जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द इस मामले में उचित कार्रवाई कर उन्हें उनकी भूमि का अधिकार दिलाया जाए।

पीड़ित द्वारा कलेक्टर के नाम दिया गया आवेदन

4 दिन पहले तोड़ा अतिक्रमण
रतलाम के जावरा-नीमच फोरलेन पर परवलिया गांव में प्रशासन ने बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। इस दौरान 33 मकानों पर जेसीबी चलाकर अवैध निर्माण तोड़े गए। यह सभी मकान फोरलेन की सीमा से सटे थे। जानकारी के अनुसार कार्रवाई से पहले भी कई बार मकान मालिकों को नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने अवैध निर्माण नहीं हटाए। जिसके बाद बुधवार को प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ सख्ती से कार्रवाई की। वहीं इस क्षेत्र से 1 नवंबर को एक उज्जैन का युवक लापता हो गया था। जिसका शव बुधवार को एक कुएं से बरामद किया गया। प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को लोगों ने परवलिया क्षेत्र से लापता हुए युवक से जोड़ लिया। हालांकि, बाद में अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण की कार्रवाई एमपीआरडीसी के नोटिस के बाद की जा रही है।

MP News: भोपाल में दुकानदार की पिटाई एक मामूली बात की बड़ी कीमत

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। जाटखेड़ी इलाके में एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने एक ग्राहक को “अंकल” कह दिया। यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे छोटी-मोटी बातें भी हिंसा का कारण बन सकती हैं।


क्या हुआ था?
यह घटना तब घटी जब एक ग्राहक, रोहित रिछारिया, अपनी पत्नी के साथ एक दुकान पर साड़ी खरीदने गया। दुकानदार विशाल शास्त्री ने रोहित को “अंकल” कहकर संबोधित किया, जिससे रोहित काफी नाराज हो गया। उसे लगा कि दुकानदार उसका अपमान कर रहा है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और रोहित गुस्से में दुकान से चला गया।


हिंसा का तांडव
थोड़ी देर बाद, रोहित अपने छह साथियों के साथ दुकान पर वापस लौटा। उन्होंने दुकानदार को बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा। हमलावरों ने डंडों और बेल्ट से दुकानदार पर ताबड़तोड़ वार किए। इस दौरान एक महिला ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे भी नहीं बख्शा।


सीसीटीवी में कैद हुई घटना
पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो से साफ पता चलता है कि किस तरह से एक मामूली बात को लेकर दुकानदार को किस तरह से पीटा गया।


पुलिस ने दर्ज किया मामला
मिसरोद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की पहचान कर ली है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

BUS Accident In UK: अल्मोड़ा बस हादसे में 36 लोगों की दर्दनाक मौत, उत्तराखंड में मचा कोहराम

उत्तराखंड – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। BUS Accident In UK:  उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे ने सबको हिला दिया। अल्मोड़ा के मार्चुला इलाके के पास एक यात्री बस खाई में गिर गई, जिससे अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में 45 यात्री सवार थे, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग ने 36 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि शेष घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन सड़क की हालत और इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि तेज मोड़ या ब्रेक फेल होना इसका कारण हो सकता है। पुलिस और प्रशासन दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं।

घटना से राज्य में शोक की लहर
अल्मोड़ा बस हादसे की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे की भी घोषणा की है।

Ratlam News: मोमिनपुरा में चल रहे जुए के अड्डे पर पुलिस की दबिश; फिर भी हिस्ट्रीशीटर एजाज हो गया फरार, निकाला जुलूस

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: जिले के मोमिनपुरा क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर एजाज कुरैशी द्वारा संचालित जुए के अड्डे पर पुलिस ने बीती रात दबिश दी। पुलिस ने मौके से 17 जुआरियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया, जबकि मुख्य आरोपी एजाज कुरैशी फरार हो गया। पुलिस ने मकान मालकिन मुमताज कुरैशी सहित 19 आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट और बीएनएस-2023 की धारा 112 के तहत मामला दर्ज किया है।

जुए के अड्डे पर रतलाम सहित सैलाना, नागदा और जावरा के जुआरी भी ताश के पत्ते फेंटकर हजारों की हार-जीत पर दांव लगाते मिले। सूत्रों कि माने तो एजाज द्वारा संचालित जुए के अड्डे पर दबिश देने में कई बार अधिकारियों को खाली हाथ आना पड़ा है। पुलिस टीम पहुंचने से पहले एजाज तक खबर पहुंच जाती है। एजाज जिस जगह जुआ संचालित करता है वह भी एक भूल भूलैया है। जहां रास्तों को समझ पाना पुलिस के लिए भी टेढ़ी कील साबित होता है।

जुआरियों को जेल भेजा
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों का सोमवार को माणकचौक क्षेत्र से पैदल जुलूस निकाला गया और उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए। गिरफ्तार जुआरियों में रतलाम, सैलाना, नागदा और जावरा के निवासी शामिल हैं।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची
1. नीलेश पिता गोपाल सोनी, निवासी भरावा की कुई (रतलाम)
2. संतोष पिता लक्ष्मीनारायण राठौर, निवासी गोशाला रोड (रतलाम)
3. जुल्फीकार पिता गफ्फार खान, निवासी भारत कॉलोनी (जावरा)
4. युसूफ पिता शमशुद्धिन नीलगर, निवासी हम्मालपुरा (जावरा)
5. सोमील पिता मनोहरलाल रांका, निवासी राजस्व कॉलोनी (रतलाम)
6. गुलशेर पिता शफी खान, निवासी नागदा जंक्शन
7. दिलीप पिता रामखिलावन वर्मा, निवासी रेलवे कॉलोनी (रतलाम)
8. मनीष पिता हीरालाल टांक, निवासी करमदी रोड (रतलाम)
9. सलीम पिता ईलाही बक्श शाह, निवासी सुभाष नगर (रतलाम)
10. फिरोज पिता इकबाल अहमद, निवासी मोमिनपुरा (रतलाम)
11. मोहम्मद हनीफ पिता एजाज कुरैशी, निवासी कुरैशी मंडी (रतलाम)
12. सुनील पिता नाकू निनामा, निवासी रामपुरिया (सैलाना)
13. दिनेश पिता हुकिया डिंडौर, निवासी रामपुरिया (सैलाना)
14. लियाकत अली पिता मुस्ताक अली, निवासी ओझाखाली (रतलाम)
15. कमलेश पिता कालूराम सिलावट, निवासी लक्कड़पीठा (रतलाम)
16. इमरान पिता इकबाल खान, निवासी राजेंद्र नगर (रतलाम)
17. सलीम पिता युसूफ मोहम्मद लोहार, निवासी भारत कॉलोनी (जावरा)

पुलिस को फरार हिस्ट्रीशीटर एजाज की तलाश
एसपी अमित कुमार को मिली मुखबिर सूचना के आधार पर देर रात एजाज के जुए के अड्डे पर दबिश दी गई। पुलिस टीम ने क्षेत्र को चारों ओर से घेरकर दबिश मारी, लेकिन एजाज कुरैशी अड्डे से अंदरूनी रास्ते से फरार हो गया। एजाज के खिलाफ पहले से ही मारपीट, रासुका, हत्या का प्रयास, बलवा, जुआ, सट्टा एक्ट जैसे 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस उसकी गिरफ्तारी में जुटी है।

मौके से जब्त हुई नकदी
पुलिस ने घटनास्थल से ताश पत्तों के साथ 1 लाख 92 हजार 565 रुपये नकद जब्त किए हैं। फरार एजाज के पास भी बड़ी रकम होने की संभावना है। एसपी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे अवैध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को दें ताकि समाज को इस तरह के कृत्यों से सुरक्षित रखा जा सके।

Ratlam News: दूसरे वार्ड में कचरा डालने पहुंचा पार्षद पति; किसी ने वीडियो कर दिया वायरल, महापौर ने काट दिया चालान

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: शहर के वार्ड 43 की भाजपा पार्षद प्रीति कसेरा के पति संजय कसेरा के कारनामे ने पूरी परिषद की खिल्ली उड़ा दी। दरअसल वार्ड 43 के पार्षद पति ने वार्ड 22 में पहुंचकर कचरा फेंका। जिसका किसी ने वीडियो उतारकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जो की जमकर वायरल हुई और लोगों ने खूब ट्रोल किया। वीडियो महापौर प्रहलाद पटेल तक पहुंचा जिसके बाद महापौर ने पार्षद पति के कारनामे पर सख्त रुख अपनाया। महापौर पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए चाहे जनप्रतिनिधि हो या आम नागरिक, सभी पर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आपको बता दे कि शहर को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाए रखने के प्रयासों में नगर निगम द्वारा खुले में कचरा डालने वालों पर सख्ती बरती जा रही है। वार्ड क्रमांक 43 के पार्षद पति संजय कसेरा द्वारा वार्ड क्रमांक 22 में खुले में कचरा डालने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस घटना के बाद महापौर प्रहलाद पटेल के निर्देश पर कसेरा पर 250 रुपये का जुर्माना लगाया गया। महापौर की उपस्थिति में उन्हें भविष्य में इस तरह का कार्य न करने की सख्त चेतावनी दी गई।

फोटो भेजने पर 50 रुपए का इनाम
महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत शहर को साफ रखने के लिए निगम द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर में ऐसे लोग भी हैं जो खुले में कचरा डालकर वातावरण को दूषित करते हैं। नगर निगम ने इन लोगों पर लगाम लगाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 7471144937 जारी किया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति खुले में कचरा डालने वाले का फोटो और पते के साथ जानकारी भेज सकता है। जानकारी भेजने वाले को 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, और उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। जुर्माना कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी ए.पी. सिंह, झोन प्रभारी तरुण राठौड़, और आशीष चौहान मौजूद रहे।